बानसूर (अलवर). शहीद हंसराज गुर्जर की मूर्ति अनावरण (Statue of Martyr Hansraj Gurjar Unveiled) के दौरान पायलट सोमवार को मुगलपुर पहुंचे. जहां शहीद हंसराज गुर्जर की मूर्ति का फीता काटकर अनावरण किया. इस दौरान शहीद के परिजनों को समक्ष खड़ा कर पायलट ने उनको नमन किया.
कार्यक्रम के दौरान पायलट (Sachin Pilot in Bansur) के मंच पर पहुंचे ही लोगों ने सचिन पायलट जिंदाबाद के जमकर नारे लगाए. इस कार्यक्रम के दौरान चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, नीमकाथाना विधायक और पूर्व सांसद करण सिंह यादव ने पायलट का गर्मजोशी से स्वागत किया. उसी दौरान वेद प्रकाश सोलंकी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अगर सचिन पायलट नहीं होते तो (MLA Ved Prakash Solanki on Sachin PIlot) आज मैं जिंदा नहीं रहता. इन्हीं की बदौलत आज मैं यहां खड़ा हूं.
इस दौरान विराट नगर विधायक इंद्राज गुर्जर ने कहा कि देश के वीर सपूतों को सदा के लिए याद रखा जाएगा. उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. देश के लिए शहीद हुए जवानों को कोटि-कोटि नमन करते हैं. वहीं, इस दौरान पूर्व अलवर सांसद करण सिंह यादव ने मंच पर बैठे नेताओं का नाम लेते हुए बानसूर की स्थानीय विधायक शकुंतला रावत का नाम ले लिया, तभी भारी संख्या में लोगों ने विरोध (Politics in Rajasthan Congress) करते हुए हाथ हिलाया. उसी दौरान पूर्व सांसद ने अपनी गलती मानते हुए अपने शब्दों को वापस लिया.
लोगों को शोर मचाते देख राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने लोगों से आग्रह करते हुए शांत रहने के लिए कहा. सचिन पायलट ने अपने भाषण के दौरान लोगों से कहा कि यहां बड़ी संख्या में शहीद की मूर्ति अनावरण देखने लोग पहुंचे हैं, उन सभी लोगों को शत-शत नमन करता हूं. इसके साथ ही बानसूर क्षेत्र के शहीदों की वीरांगनाओं को मंच पर बुलाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की बदौलत हम आज यहां चैन की नींद सोते हैं. देश के लिए बलिदान देने वाले जवानों को आने वाली कई पीढ़ियां याद रखेंगी.
शहीद का जीवन परिचय...
गांव मुगलपुर में एक किसान परिवार में जन्मे शहीद हंसराज गुर्जर का जन्म 20 अगस्त 1990 को हुआ था. मात्र 28 वर्ष की आयु में आतंकियों से लोहा लेते हुए 12 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों की ओर से की गई गोलीबारी में हंसराज शहीद हो गए थे. तीन भाइयों में सबसे छोटे हंसराज मिलनसार और मृदुभाषी थे. शहीद के परिवार की इच्छा के अनुसार मूर्ति का अनावरण सचिन पायलट से करवाया गया.