रामगढ़ (अलवर). मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहकारिता विभाग से जुड़े हुए बैंकों में ऋण वसूली 30 जून तक स्थगित की हुई है. इसके साथ ही बायोमेट्रिक पद्धति को भी पूर्ण रूप से बंद कर रखा है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राज्यमंत्री टीकाराम जूली को किसानों और विधायक के माध्यम से अवगत कराया गया है कि सहकारिता विभाग के शीर्ष अधिकारी जिसमें रजिस्टार और सचिव शामिल है.
उन्होंने राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री गहलोत को अंधेरे में रखा है और ग्रामीण स्तर पर बायोमेट्रिक पद्धति से किसानों का अंगूठा लगवाया जा रहा है. ऋण जमा कराने वाले किसान को 4 से लेकर 6 बार तक अंगूठा लगाना पड़ रहा है. इसके साथ ही सहकारी समिति पर मात्र एक ही पोस मशीन है, जिस पर सभी किसान अंगूठा लगा रहे हैं.
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ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन की अवहेलना हो रही है. इससे संक्रमण एक से दूसरे में समावेशित हो सकता है. इसकी चिंता बैंक के शीर्ष अधिकारियों को नहीं है. साथ ही अलवर के सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक और अपेक्स बैंक के अधिकारी तुगलकी फरमान जारी करके किसानों पर अत्याचार करने पर तुले हुए है. लेकिन राजस्थान सरकार के मंत्री मुख्यमंत्री को इस बाबत अभी किसानों के प्रति संवेदना जागृत नहीं हो रही है.
बता दें कि जिले भर में 309 ग्राम सेवा सहकारी समिति है, जिस पर करीब डेढ़ लाख से अधिक किसान जुड़े हुए है, जो ऋण जमा कराने के लिए समिति पर जाएंगे और उन्हें अंगूठा लगाना पड़ रहा है. ग्राम सेवा सहकारी समिति कलसाडा पर आए हुए किसान राम सहाय ने बताया कि बार-बार अंगूठा लगाया जा रहा है. कभी-कभी नेट नहीं चलता तो 6-6 बार अंगूठा लगाना पड़ता है. इससे अगर उन किसानों में संक्रमण फैलता है तो उनके परिवार को कौन संभालेगा.
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वहीं, ग्राम सेवा सहकारी समिति जमालपुर के चेयरमैन ने भी यह बात कही है और मुख्यमंत्री से आह्वान की है कि बायोमेट्रिक पद्धति को रोका जाए और मोबाइल फोन में ओटीपी की व्यवस्था को चालू किया जाए और बैंक की ओर से की जा रही ऋण वसूली को भी अभी स्थगित किया जाना किसान हित में रहेगा.