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अलवर: गीतानंद शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड से उठा धुंआ, स्टाफ ने मामला संभाला - अलवर

अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में एक बार फिर से चिंगारी निकलने और धुआं उठने का मामला सामने आया है. हालांकि इस बार वहां मौजूद स्टाफ ने समय रहते पूरा मामला संभाल लिया और मामले की सूचना विभाग के उच्च अधिकारियों को दी. इस पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.

Geetanand Shishu Hospital, गीतानंद शिशु अस्पताल
गीतानंद शिशु अस्पताल में चिंगारी
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Published : Jan 11, 2020, 4:07 PM IST

अलवर. गीतानंद शिशु अस्पताल के अभियान से वार्ड में 11 दिन पहले रेडिएंट वार्मर में आग लग गई थी. इस घटना के दौरान वार्मर पर लेटी 1 बच्चे झुलस गई थी. इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रभारी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सहित सात लोगों को निलंबित कर दिया था. इसके विरोध में लगातार नर्सिंग कर्मी और डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं और विरोध जता रहे हैं. यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि उससे पहले एक बार फिर से अस्पताल के बाहर में चिंगारी निकलने व धुआं उठने का मामला सामने आया है. लेकिन, इस बार कर्मचारियों की तत्परता के कारण मामला शांत हो गया और किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो पाई.

गीतानंद शिशु अस्पताल में चिंगारी

एफबीएनसी में मौजूद स्टाफ ने मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दी. इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया व तुरंत अस्पताल बीएमसी वार्ड की पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई इस दौरान कई तरह की गड़बड़ी सामने आई.

पढ़ें- जोधपुर: ठंड से सब्जी की फसल बर्बाद, टमाटर और मिर्ची को ज्यादा नुकसान

मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने कहा कि पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई है। जो कमियां मिली उनको दूर कराया गया है. इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को विधि है. उनकी तरफ से भी लगातार एनएचएम के इंजीनियर कमियों को दूर करने और मामले की जांच पड़ताल में लगे हुए हैं. लगातार दूसरी घटना के बाद ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.तो, वही स्टाफ के कारण किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो सकी तुरंत मौके पर काबू पा लिया गया.

अलवर. गीतानंद शिशु अस्पताल के अभियान से वार्ड में 11 दिन पहले रेडिएंट वार्मर में आग लग गई थी. इस घटना के दौरान वार्मर पर लेटी 1 बच्चे झुलस गई थी. इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रभारी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सहित सात लोगों को निलंबित कर दिया था. इसके विरोध में लगातार नर्सिंग कर्मी और डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं और विरोध जता रहे हैं. यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि उससे पहले एक बार फिर से अस्पताल के बाहर में चिंगारी निकलने व धुआं उठने का मामला सामने आया है. लेकिन, इस बार कर्मचारियों की तत्परता के कारण मामला शांत हो गया और किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो पाई.

गीतानंद शिशु अस्पताल में चिंगारी

एफबीएनसी में मौजूद स्टाफ ने मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दी. इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया व तुरंत अस्पताल बीएमसी वार्ड की पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई इस दौरान कई तरह की गड़बड़ी सामने आई.

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मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने कहा कि पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई है। जो कमियां मिली उनको दूर कराया गया है. इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को विधि है. उनकी तरफ से भी लगातार एनएचएम के इंजीनियर कमियों को दूर करने और मामले की जांच पड़ताल में लगे हुए हैं. लगातार दूसरी घटना के बाद ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.तो, वही स्टाफ के कारण किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो सकी तुरंत मौके पर काबू पा लिया गया.

Intro:अलवर
अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में एक बार फिर से चिंगारी निकलने व धुआं उठने का मामला सामने आया है। हालांकि इस बार वहां मौजूद स्टाफ ने समय रहते पूरा मामला संभाल लिया और मामले की सूचना विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। इस पर स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया।


Body:गीतानंद शिशु अस्पताल के अभियान से वार्ड में 11 दिन पहले रेडिएंट वार्मर में आग लग गई थी। इस घटना के दौरान वार्मर पर लेटी 1 बच्चे झुलस गई थी। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रभारी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सहित सात लोगों को निलंबित कर दिया था। इसके विरोध में लगातार नर्सिंग कर्मी व डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं व विरोध जता रहे हैं। यह मामला शांत भी नहीं हुआ कि उससे पहले एक बार फिर से अस्पताल के बाहर में चिंगारी निकलने व धुआं उठने का मामला सामने आया है। लेकिन इस बार कर्मचारियों की तत्परता के कारण मामला शांत हो गया व किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो पाई। एफबीएनसी में मौजूद स्टाफ ने मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया व तुरंत अस्पताल बीएमसी वार्ड की पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई इस दौरान कई तरह की गड़बड़ी सामने आई।


Conclusion:मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील चौहान ने कहा कि पूरी वायरिंग की जांच पड़ताल की गई है। जो कमियां मिली उनको दूर कराया गया है। इस मामले की जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को विधि है। उनकी तरफ से भी लगातार एनएचएम के इंजीनियर कमियों को दूर करने व मामले की जांच पड़ताल में लगे हुए हैं। लगातार दूसरी घटना के बाद ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। तो वही स्टाफ के कारण किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हो सकी तुरंत मौके पर काबू पा लिया गया।
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