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एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा, 'ऑनलाइन ठगी व महिला अपराध रहे चुनौती, कई मामलों में उठा सवाल'

अलवर पुलिस अधीक्षक रहीं तेजस्विनी गौतम का तबादला बीकानेर हो गया. गौतम ने ईटीवी भारत के साथ अपने अलवर के कार्यकाल के अनुभव शेयर किए हैं.

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Published : Feb 14, 2023, 11:50 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 12:06 AM IST

SP Tejaswani Gautam transferred to Bikaner, she shared her experience of being Ajmer SP
एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा,'ऑनलाइन ठगी व महिला अपराध रहे चुनौती, कई मामलों में उठा सवाल'
एसपी तेजस्विनी गौतम का तबादला हुआ बीकानेर...

अलवर. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम का तबादला बीकानेर हो गया है. उनको बीकानेर पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. महिला एसपी के रूप में अलवर में तेजस्विनी गौतम का लंबा कार्यकाल रहा. इस दौरान कई बड़ी घटनाएं हुई, तो ऑनलाइन ठगी व सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण कई बार बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ज्यादातर मामलों का निस्तारण हुआ. तो कई मामलों ने कार्य प्रणाली पर सवाल उठे और पुलिस को बैकफुट होना पड़ा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि उनको अलवर में दो साल छह माह पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी मिली. इस दौरान कई बड़े अपराध की घटनाएं हुईं. दूध मिष्ठान भंडार पर फायरिंग, भर्तहरि धाम में साधु की हत्या सहित सैकड़ों ऐसे मामले थे, जिन्होंने अलवर को पूरे देश में बदनाम किया. तो अलवर पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठे.

पढ़ें: ऑनलाइन ठगी की घटनाओं से बचाने के लिए अलवर पुलिस करेगी लोगों को जागरूक

अलवर के तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर एक मूक-बधिर बालिका लहूलुहान हालत में मिली थी. शुरुआत में पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को दुष्कर्म बताया. लेकिन बाद में पुलिस बैकफुट पर नजर आई व इस पूरे मामले को घटना का रूप दिया गया. इसी तरह से अलवर के निजी क्षेत्र में एक युवक की हत्या हुई. शुरुआत में उस पूरे मामले को पुलिस दबाती रही. बाद में हत्या का खुलासा हुआ. बानसूर क्षेत्र में एक युवती का शव पड़ा हुआ मिला. इस पूरे मामले में भी अलवर पुलिस की किरकिरी हुई. अलवर में कई ऐसी घटनाएं रहे जिसने अलवर पुलिस को दागदार किया.

एसपी ने कहा कि 6 जुलाई, 2020 में उन्होंने अलवर में बतौर पुलिस अधीक्षक ज्वाइन किया. अलवर आए तो उनके सामने महिला अपराध और ऑनलाइन ठगी की घटनाएं चुनौती थीं. अलवर में सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज होती हैं. उन्होंने कहा कि कार्यकाल के दौरान उन्होंने 193 ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार किया. इनसे हजारों घटनाएं खुलीं. इन्होंने हजारों लोगों को ठगा था. जांच पड़ताल में करोड़ों रुपए का लेनदेन का खुलासा हुआ. उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल सहित देशभर के राज्यों से आने वाली पुलिस की अपराधियों को पकड़ने में मदद की गई.

पढ़ें: अब घर बैठे डिप्रेशन होगा दूर, खुद डॉक्टर ना बने, डॉक्टर से सलाह लें: तेजस्विनी गौतम

एसपी ने कहा कि महिला स्क्वायड पुलिस सखी मित्र सहित कई ऐसे नवाचार उनके समय में किए गए. जिनकी पूरे प्रदेश प्रदेश में चर्चा रही. अन्य जिलों ने भी उनको फॉलो किया. तो कोरोना कॉल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से बात करके पुलिस ने उनको मदद पहुंचाई. घरों में बंद लोगों को पानी, खाना, स्वास्थ्य सेवा, गैस सिलेंडर सहित कई तरह की सहायता पहुंचाई गई. यह अपने आप में नया नवाचार था. उन्होंने कहा कि अलवर में जहां महिलाओं से संबंधित अपराध ज्यादा होते हैं, तो इन अपराधों में छोटे अपराधों की संख्या भी ज्यादा रहती है. अलवर पुलिस ने सभी घटनाओं की जांच पड़ताल की झूठे मामलों में आरोपियों को भी गिरफ्तार किया.

पढ़ें: तेजस्विनी गौतम और राममूर्ति जोशी को अलवर और भिवाड़ी का नया SP बनाया गया

अलवर सीमावर्ती जिला है. सोशल मीडिया व अन्य चीजों पर यहां के लोग एक्टिव रहते हैं. इसलिए अलवर की घटनाएं बहुत जल्दी राष्ट्रीय मुद्दों में शामिल हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठनों के लोगों की मदद से भी कई नए कार्य किए गए. लेकिन उसके बाद भी अलवर पुलिस की कार्य व्यवस्था पर हमेशा सवाल उठते रहे. रामगढ़ क्षेत्र में एक सिख ग्रंथि के केस काटने का मामला सामने आया. उस समुदाय विशेष के लोगों द्वारा ग्रंथि के केस काटे गए. लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले को एक अलग रूप दिया. व्यापारियों से विवाद हो या जिले की कई ऐसी घटनाएं थी. जिसमें अलवर पुलिस की किरकिरी हुई.

एसपी तेजस्विनी गौतम का तबादला हुआ बीकानेर...

अलवर. अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम का तबादला बीकानेर हो गया है. उनको बीकानेर पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. महिला एसपी के रूप में अलवर में तेजस्विनी गौतम का लंबा कार्यकाल रहा. इस दौरान कई बड़ी घटनाएं हुई, तो ऑनलाइन ठगी व सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण कई बार बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ज्यादातर मामलों का निस्तारण हुआ. तो कई मामलों ने कार्य प्रणाली पर सवाल उठे और पुलिस को बैकफुट होना पड़ा.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि उनको अलवर में दो साल छह माह पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी मिली. इस दौरान कई बड़े अपराध की घटनाएं हुईं. दूध मिष्ठान भंडार पर फायरिंग, भर्तहरि धाम में साधु की हत्या सहित सैकड़ों ऐसे मामले थे, जिन्होंने अलवर को पूरे देश में बदनाम किया. तो अलवर पुलिस ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठे.

पढ़ें: ऑनलाइन ठगी की घटनाओं से बचाने के लिए अलवर पुलिस करेगी लोगों को जागरूक

अलवर के तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर एक मूक-बधिर बालिका लहूलुहान हालत में मिली थी. शुरुआत में पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को दुष्कर्म बताया. लेकिन बाद में पुलिस बैकफुट पर नजर आई व इस पूरे मामले को घटना का रूप दिया गया. इसी तरह से अलवर के निजी क्षेत्र में एक युवक की हत्या हुई. शुरुआत में उस पूरे मामले को पुलिस दबाती रही. बाद में हत्या का खुलासा हुआ. बानसूर क्षेत्र में एक युवती का शव पड़ा हुआ मिला. इस पूरे मामले में भी अलवर पुलिस की किरकिरी हुई. अलवर में कई ऐसी घटनाएं रहे जिसने अलवर पुलिस को दागदार किया.

एसपी ने कहा कि 6 जुलाई, 2020 में उन्होंने अलवर में बतौर पुलिस अधीक्षक ज्वाइन किया. अलवर आए तो उनके सामने महिला अपराध और ऑनलाइन ठगी की घटनाएं चुनौती थीं. अलवर में सबसे ज्यादा एफआईआर दर्ज होती हैं. उन्होंने कहा कि कार्यकाल के दौरान उन्होंने 193 ऑनलाइन ठगी करने वाली गैंग के बदमाशों को गिरफ्तार किया. इनसे हजारों घटनाएं खुलीं. इन्होंने हजारों लोगों को ठगा था. जांच पड़ताल में करोड़ों रुपए का लेनदेन का खुलासा हुआ. उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल सहित देशभर के राज्यों से आने वाली पुलिस की अपराधियों को पकड़ने में मदद की गई.

पढ़ें: अब घर बैठे डिप्रेशन होगा दूर, खुद डॉक्टर ना बने, डॉक्टर से सलाह लें: तेजस्विनी गौतम

एसपी ने कहा कि महिला स्क्वायड पुलिस सखी मित्र सहित कई ऐसे नवाचार उनके समय में किए गए. जिनकी पूरे प्रदेश प्रदेश में चर्चा रही. अन्य जिलों ने भी उनको फॉलो किया. तो कोरोना कॉल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से बात करके पुलिस ने उनको मदद पहुंचाई. घरों में बंद लोगों को पानी, खाना, स्वास्थ्य सेवा, गैस सिलेंडर सहित कई तरह की सहायता पहुंचाई गई. यह अपने आप में नया नवाचार था. उन्होंने कहा कि अलवर में जहां महिलाओं से संबंधित अपराध ज्यादा होते हैं, तो इन अपराधों में छोटे अपराधों की संख्या भी ज्यादा रहती है. अलवर पुलिस ने सभी घटनाओं की जांच पड़ताल की झूठे मामलों में आरोपियों को भी गिरफ्तार किया.

पढ़ें: तेजस्विनी गौतम और राममूर्ति जोशी को अलवर और भिवाड़ी का नया SP बनाया गया

अलवर सीमावर्ती जिला है. सोशल मीडिया व अन्य चीजों पर यहां के लोग एक्टिव रहते हैं. इसलिए अलवर की घटनाएं बहुत जल्दी राष्ट्रीय मुद्दों में शामिल हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठनों के लोगों की मदद से भी कई नए कार्य किए गए. लेकिन उसके बाद भी अलवर पुलिस की कार्य व्यवस्था पर हमेशा सवाल उठते रहे. रामगढ़ क्षेत्र में एक सिख ग्रंथि के केस काटने का मामला सामने आया. उस समुदाय विशेष के लोगों द्वारा ग्रंथि के केस काटे गए. लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले को एक अलग रूप दिया. व्यापारियों से विवाद हो या जिले की कई ऐसी घटनाएं थी. जिसमें अलवर पुलिस की किरकिरी हुई.

Last Updated : Feb 15, 2023, 12:06 AM IST
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