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अलवर: भ्रूण मिलने के बढ़ रहे मामले ...पुलिस नहीं कर कोई कार्रवाई - undeveloped embryo in drains

अलवर जिले में आए-दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं. कभी झाड़ी, तो कभी नालों में अविकसित भ्रूण को बढ़ावा मिलता है. लेकिन आज तक किसी भी मामले में भ्रूण फेंकने वाले व्यक्ति का पुलिस को कोई सुराग नहीं लग पाया है. हर बार पुलिस सिर्फ आश्वासन देकर कोई कार्रवाई नहीं करते है.

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Published : Sep 21, 2019, 3:39 AM IST

अलवर. जिले में आए-दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं. कभी झाड़ी, तो कभी नालों में अविकसित भ्रूण को बढ़ावा मिलता है. लेकिन आज तक किसी भी मामले में भ्रूण फेंकने वाले व्यक्ति का पुलिस को कोई सुराग नहीं लग पाया है. हर बार पुलिस सिर्फ आश्वासन देकर कोई कार्रवाई नहीं करते है. बता दें, आज तक किसी भी नर्सिंग होम व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है.

जिले में लगातार मिल रहा है भ्रूण का मामला

बता दें कि करीब 50 लाख आबादी वाले इस जिले में आए-दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं. नियम के हिसाब से भ्रूण अबॉर्शन के द्वारा निकालना चाहता है, जो कानूनी रूप से गलत है. वहीं, लोग बदनामी के डर से भ्रूण को नालों और झाड़ियों में फेंक देते हैं. ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को रामगढ़ थाना क्षेत्र के पास देखने को मिला.

पढ़ें- मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री

इस दौरान, रामगढ़ थाना क्षेत्र के सरकारी आवास के पास जालियों में एक भ्रूण पड़ा हुआ मिला. हर बार की तरह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भ्रूण को अपने कब्जे में लिया और सामान्य अस्पताल पहुंचाकर पोस्टमार्टम कराने के बाद मोर्चरी में रखवा दिया. पुलिस ने बताया कि भ्रूण 8 से 9 माह का मेल है. उसे फेंकने वाले व्यक्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है. पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है. साथ ही क्षेत्र के आसपास नर्सिंग होम की भी जांच पड़ताल की जा रही है.

पढ़ें- कंपनी कर में कटौती से अर्थव्यवस्था में नया जोश आएगा: उद्योग जगत

दरअसल, नियम के हिसाब से सभी नर्सिंग होम की समय-समय पर जांच होनी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग को विशेष टीम बनाकर नर्सिंग का रिकॉर्ड चेक करना चाहिए और गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्यवाही भी करनी चाहिए. लेकिन आज तक किसी भी नर्सिंग होम की जांच पड़ताल नहीं हुई है. जिसके चलते जिले में यह कारोबार तेजी से पनप रहा है. खुलेआम नर्सिंग होम अबॉर्शन करते हैं और भ्रूण को नालों- झाड़ियों में फेंक देते है. आज तक इस मामले में किसी भी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है. जिससे यह सिलसिला लगातार जारी है.

अलवर. जिले में आए-दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं. कभी झाड़ी, तो कभी नालों में अविकसित भ्रूण को बढ़ावा मिलता है. लेकिन आज तक किसी भी मामले में भ्रूण फेंकने वाले व्यक्ति का पुलिस को कोई सुराग नहीं लग पाया है. हर बार पुलिस सिर्फ आश्वासन देकर कोई कार्रवाई नहीं करते है. बता दें, आज तक किसी भी नर्सिंग होम व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है.

जिले में लगातार मिल रहा है भ्रूण का मामला

बता दें कि करीब 50 लाख आबादी वाले इस जिले में आए-दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं. नियम के हिसाब से भ्रूण अबॉर्शन के द्वारा निकालना चाहता है, जो कानूनी रूप से गलत है. वहीं, लोग बदनामी के डर से भ्रूण को नालों और झाड़ियों में फेंक देते हैं. ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को रामगढ़ थाना क्षेत्र के पास देखने को मिला.

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इस दौरान, रामगढ़ थाना क्षेत्र के सरकारी आवास के पास जालियों में एक भ्रूण पड़ा हुआ मिला. हर बार की तरह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भ्रूण को अपने कब्जे में लिया और सामान्य अस्पताल पहुंचाकर पोस्टमार्टम कराने के बाद मोर्चरी में रखवा दिया. पुलिस ने बताया कि भ्रूण 8 से 9 माह का मेल है. उसे फेंकने वाले व्यक्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है. पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है. साथ ही क्षेत्र के आसपास नर्सिंग होम की भी जांच पड़ताल की जा रही है.

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दरअसल, नियम के हिसाब से सभी नर्सिंग होम की समय-समय पर जांच होनी चाहिए. स्वास्थ्य विभाग को विशेष टीम बनाकर नर्सिंग का रिकॉर्ड चेक करना चाहिए और गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्यवाही भी करनी चाहिए. लेकिन आज तक किसी भी नर्सिंग होम की जांच पड़ताल नहीं हुई है. जिसके चलते जिले में यह कारोबार तेजी से पनप रहा है. खुलेआम नर्सिंग होम अबॉर्शन करते हैं और भ्रूण को नालों- झाड़ियों में फेंक देते है. आज तक इस मामले में किसी भी व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है. जिससे यह सिलसिला लगातार जारी है.

Intro:अलवर।
अलवर जिले में आएगी भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं कभी झाड़ी तो कभी नालों में अविकसित पूर्ण बढ़ावा मिलता है लेकिन आज तक किसी भी मामले में भ्रूण फेंकने वाले व्यक्ति का पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है जबकि हर बार पुलिस जांच पड़ताल पर कार्रवाई करने की बात कहती है लेकिन आज तक किसी भी नर्सिंग होम व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।



Body:करीब 50 लाख आबादी वाले अलवर जिले में आए दिन भ्रूण मिलने के मामले सामने आते हैं। हर माह चार से पांच भ्रूण नाले झाड़ियों व सड़क के किनारे पड़े हुए मिलते हैं। नियम के हिसाब से भ्रूण अबॉर्शन के द्वारा निकालना चाहता है। जो कानूनी रूप से गलत है। तो वही लोग बदनामी के डर से भ्रूण को नालो व झाड़ियों में फेंक देते हैं। इस तरह का एक मामला शुक्रवार को सामने आया रामगढ़ थाना क्षेत्र में सरकारी आवास के पास जालियों में एक भ्रूण पड़ा हुआ मिला। हर बार की तरह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर को अपने कब्जे में लिया व सामान्य अस्पताल पहुंचाकर। उसका पोस्टमार्टम कराया व मोर्चरी में रख दिया गया है। पुलिस ने बताया कि भ्रूण 8 से 9 माह का मेल है। उसके माता-पिता पर फेंकने वाले व्यक्ति के बारे में पता लगाया जा रहा है पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई है। तो वहीं क्षेत्र के आसपास नर्सिंग होम की भी जांच पड़ताल की जा रही है।


Conclusion:नियम के हिसाब से सभी नर्सिंग होम की समय-समय पर जांच होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग को विशेष टीम बनाकर नर्सिंग का रिकॉर्ड चेक करना चाहिए व गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। लेकिन आज तक किसी भी नर्सिंग होम की जांच पड़ताल नहीं हुई व ना ही उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। इसलिए जिले में यह कारोबार तेजी से पनप रहा है। खुलेआम नर्सिंग होम अबॉर्शन करते हैं व भ्रूण को नालों व झाड़ियों में फेंक दिया जाता है। आज तक एक भी मामले में भ्रूण फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान नहीं हुई। इसलिए लगातार यह सिलसिला जारी है।

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