अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना ( Sariska Tiger Project ) में गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हुई है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में करीब 29 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 3 गांव विस्थापित हो चुके हैं. जबकि, 6 गांव विस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. पानीढाल गांव के 24 परिवारों को विस्थापित करने का काम किया जा रहा है. इन गांवों के विस्थापन के बाद जंगल में जंगली जानवरों का विचरण बढ़ेगा. ऐसे में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद है. यह वो गांव है, जो बाघ के टेरिटरी क्षेत्र में आते हैं. इन गांवों के दखल के चलते बाघ पर खतरा मंडरा रहा है.
886 वर्ग किलोमीटर में फैला सरिस्का
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का देश का अकेला ऐसा टाइगर रिजर्व क्षेत्र है, जहां कोई सीमा नहीं है. बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए सरिस्का सबसे अच्छा और खास स्थान है. इस जंगल क्षेत्र में आज भी 26 गांव बसे हुए हैं, जहां लोग निवास करते हैं. इसलिए वन्यजीवों पर खतरा बना रहता है. जानवरों के शिकार की शिकायतें मिलती है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
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24 परिवारों को किया जा रहा विस्थापित
सरिस्का प्रशासन गांव के 24 परिवारों को विस्थापित करने जा रहा है. इसमें 5 परिवारों का सामान तिजारा के रूद्र गांव पहुंचाया जा चुका है, जबकि अन्य परिवारों का सामान सरकारी वाहन से तिजारा पहुंचाने की प्रक्रिया चल रही है.
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तीन शावकों के साथ बाघ
इस क्षेत्र में बाघ st10 व उसके शावक तथा st12 अपने तीन शावकों के साथ घूम रही है. इसके अलावा बाघ st13 का विचरण भी इस क्षेत्र में है. ऐसे में प्रबंध के दृष्टिकोण से यह गांव खासा प्राथमिकता से विस्थापित किया गया है. सरिस्का प्रशासन की मानें तो इस गांव के विस्थापन के बाद जंगल क्षेत्र में बाघ व अन्य जंगली जानवरों का विचरण बढ़ेगा, तो वहीं सरिस्का क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ने की संभावना भी रहेगी. सरिस्का में अभी 20 बाघ हैं. इसमें 10 बाघिन, 6 बाघ व चार शावक हैं. वन्य विशेषज्ञों व अधिकारियों की मानें तो सरिस्का क्षेत्र में बाघों की संख्या आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. बाघों के लिए सरिस्का खासा उपयुक्त स्थान माना गया है. लगातार सरिस्का प्रशासन की तरफ से भी कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं.