जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने थानागाजी में विवाहिता से सामुहिक दुष्कर्म कर वीडियो वायरल करने के मामले में जांच अधिकारी को 14 अगस्त को रिकॉर्ड सहित पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण के आरोपी मुकेश गुर्जर की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.
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याचिका में कहा गया कि गत 26 अप्रैल को हुई घटना को लेकर पुलिस आरोप पत्र पेश कर चुकी है. याचिकाकर्ता पर दुष्कर्म का आरोप ना होकर मुख्य आरोपी के कहने पर वीडियो वायरल करने का आरोप है. पुलिस की ओर से 18 मई को पेश आरोप पत्र में याचिकाकर्ता पर आइटी एक्ट के तहत ही आरोप लगाए गए हैं.
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ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शेरसिंह महला ने कहा कि प्रकरण से प्रदेश की छवि देशभर में धूमिल हुई है. याचिकाकर्ता के कृत्य के चलते ही पीडिता का वीडियो हजारों लोगों के मोबाइल तक पहुंचा. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने जांच अधिकारी को रिकॉर्ड सहित तलब किया है.
अवैध डेयरीयो के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट की सक्ती
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि शहर में अवैध डेयरी के संबंध में यदि नगर निगम कमिश्नर संबंधित बिजली कंपनी और पीएचईडी को कनेक्शन काटने के लिए कहते हैं तो विभाग उन पर तुरंत कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने जेडीए को रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि शहर से हटाई सर्किलों पर क्या फायदा और नुकसान हुआ. वहीं अदालत ने इन स्थानों पर रंबल स्ट्रीट लगाने पर निर्णय करने को कहा है. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त वीपी सिंह अदालत में पेश हुए. निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरडी रस्तोगी ने अदालत को बताया कि अदालत के गत आदेश के बाद अब तक तीन सौ से अधिक आवारा पशुओं को पकडक़र हिंगोनिया गौशाला भेजा गया है. निगम की ओर से यह भी बताया गया कि डेयरी संबंधी लाईसेंस जारी करने का प्रावधान नगर पालिका अधिनियम में है, लेकिन इस संबंध में नियम राज्य सरकार को बनाने हैं.