किशनगढ़बास (अलवर). गृह मंत्रालय राजस्थान सरकार की ओर से मॉडिफाइड लॉकडाउन के तहत किसानों की जिंस का सही मूल्य मिलने को लेकर समर्थन मूल्य पर खरीददारी की जानी थी. लेकिन किशनगढ़बास कृषि उपजमंडी के व्यापारियों और भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों का आपसी तालमेल नहीं मिल रहा. जिसके कारण कृषि उपजमंडी में गेहूं की खरीददारी अब तक शुरू नहीं हो पाई है.
मंडी में गेहूं लेकर आए किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि मंडी में जिंस की समर्थन मूल्य पर खरीददारी नहीं होने की वजह से उन्हें अपनी जिंस को 1700 रूपए से लेकर 1750 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेचना पड़ रहा है. जबकि सरकार की ओर से गेहूं की जिंस का समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल रखा है.
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गौण मंडी के व्यापारियों और स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मंडी में समर्थन मूल्य पर खरीददारी करने से मंडी में जिंस लेकर आने वाले किसानों से सोशल डिसटेंस की पालना नहीं हो पाएगी. इसलिए भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों को मंडी से बाहर समर्थन मूल्य पर खरीददारी करनी चाहिए. व्यापारियों ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम की ओर से 2018 में की खरीददारी के दस लाख रुपए के बिलों का भुगतान अभी तक बकाया चल रहा है.