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अब सिलीसेढ़ झील बुझाएगी अलवर की प्यास, सिंचाई विभाग ने प्लान किया तैयार

अलवर जिले में लगातार हो रही पानी की कमी को देखते हुए प्रशासन की तरफ से पानी के इंतजाम किए जा रहे हैं. चंबल योजना व ईस्टर्न कैनाल योजना सहित कई योजनाएं सरकार के स्तर पर बनी. लेकिन ये योजनाएं केवल फाइलों तक सिमट कर रह गई. अब सिंचाई विभाग ने सिलीसेढ़ झील से अलवर पानी लाने की योजना तैयार की (Siliserh Lake water to Alwar for drinking water) है. सब कुछ ठीक रहा, तो इस दिशा में जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.

Proposal to bring Siliserh Lake water to Alwar, additional water to be available for public
अब सिलीसेढ़ झील बुझाएगी अलवर की प्यास, सिंचाई विभाग ने प्लान किया तैयार
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Published : Dec 10, 2022, 6:18 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 11:38 PM IST

सिलीसेढ़ झील से अलवर पानी लाने की योजना तैयार

अलवर. जिले में साल भर पानी की किल्लत रहती है. लोग जाम लगाते हैं और जमकर हंगामा होता है. कुछ क्षेत्रों में 4 से 5 दिनों में एक बार पानी सप्लाई होने लगा है. बिगड़ते हालातों के बीच सिंचाई विभाग ने सिलीसेढ़ झील से अलवर पानी सप्लाई करने की योजना बनाई (Drinking water from Siliserh lake to Alwar) है. इसका प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भेजा है. इस योजना के तहत साल भर में करीब 2 अरब 80 लाख लीटर पानी शहर को मिल सकेगा.

इस हिसाब से प्रतिदिन अलवर शहर को 77000 लीटर पानी मिलेगा. अभी शहर को प्रतिदिन 310 लाख लीटर पानी मिल रहा है. जबकि जरूरत 575 लाख लीटर पानी की है. 300 लाख लीटर पानी की अभी कमी हो रही है. अगर सिलीसेढ़ झील से अलवर शहर को पानी मिलता है, तो शहरवासियों को कुछ राहत मिल सकती है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 10 साल में सिलीसेढ़ झील में आए पानी के अनुसार यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस योजना पर करीब 36 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके तहत 11.14 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी.

पढ़ें: Jal Mahal of Jaipur: ओवरफ्लो पानी सुकली नदी तक पहुंचे तो मिट जाए 50 गांव की प्यास

प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही पानी शहर तक लाया जाएगा. उसके बाद मालवीय नगर व काला कुंआ स्थित पंप हाउस में पानी को स्टोर करके उसकी सप्लाई होगी. सिलीसेढ़ से ढाईपैड़ी तक 8 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी. इसके बाद 3.14 किलोमीटर तक की पाइपलाइन कटी घाटी होते हुए मालवीय नगर तक डाली जाएगी. ढ़ाई पेडी से काला कुआं तक पाइपलाइन पहले से बिछी हुई है. ऐसे में पाइपलाइन डालने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही पंप हाउस और फिल्टरेशन प्लांट भी लगाया जाएगा.

पढ़ें: बाड़मेर के लोगों की बुझेगी प्यास, पेयजल योजना के लिए 13 करोड़ रुपए स्वीकृत

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता संजय खत्री ने बताया कि जिला प्रभारी सचिव के आदेश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही सिलीसेढ़ से शहर में पानी लाने की योजना पर काम शुरू हो जाएगा. इससे पहले अलवर में चंबल योजना के तहत चंबल से पानी लाने व ईस्टर्न कैनाल योजना सहित कई योजनाएं तैयार की गईं. इनकी डीपीआर बनाई गई, लेकिन अभी तक एक भी योजना का काम शुरू नहीं हुआ.

सभी योजनाएं फाइलों तक सिमट कर रह गई हैं. अलवर जिले में लगातार पानी की कमी हो रही है. जिला डार्क जोन से भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. उसके बाद भी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. कई ब्लॉक में पानी पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. तो कुछ क्षेत्रों में 4 से 5 दिन में पानी सप्लाई हो रहा है. सिलीसेढ़ से पानी आने पर शहर के बड़े हिस्से को राहत मिलेगी.

पढ़ें: बिन पानी सब सून : अलवर में सिलीसेढ़ और मंगलसर को छोड़ 107 बांध पूरी तरह सूखे...कई में भारी अतिक्रमण

किसानों को भी होगा पानी सप्लाई: संजय खत्री ने कहा कि सिलीसेढ़ झील से पानी सप्लाई की जो योजना तैयार की गई है. इस योजना में किसानों को पानी सप्लाई के लिए पानी रिजर्व रखने व झील में वोटिंग के लिए पानी रिजर्व रखने सहित अन्य बिंदुओं को भी शामिल किया गया है. जिससे किसान पर वोटिंग प्रक्रिया प्रभावित ना हो. अलवर की सिलीसेढ़ झील प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य है. पहाड़ों के बीच इस झील में साल भर पानी रहता है. इसलिए देसी-विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं. पर्यटकों के लिए वोटिंग की सुविधा है.

सिलीसेढ़ झील से अलवर पानी लाने की योजना तैयार

अलवर. जिले में साल भर पानी की किल्लत रहती है. लोग जाम लगाते हैं और जमकर हंगामा होता है. कुछ क्षेत्रों में 4 से 5 दिनों में एक बार पानी सप्लाई होने लगा है. बिगड़ते हालातों के बीच सिंचाई विभाग ने सिलीसेढ़ झील से अलवर पानी सप्लाई करने की योजना बनाई (Drinking water from Siliserh lake to Alwar) है. इसका प्रस्ताव तैयार करके सरकार को भेजा है. इस योजना के तहत साल भर में करीब 2 अरब 80 लाख लीटर पानी शहर को मिल सकेगा.

इस हिसाब से प्रतिदिन अलवर शहर को 77000 लीटर पानी मिलेगा. अभी शहर को प्रतिदिन 310 लाख लीटर पानी मिल रहा है. जबकि जरूरत 575 लाख लीटर पानी की है. 300 लाख लीटर पानी की अभी कमी हो रही है. अगर सिलीसेढ़ झील से अलवर शहर को पानी मिलता है, तो शहरवासियों को कुछ राहत मिल सकती है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 10 साल में सिलीसेढ़ झील में आए पानी के अनुसार यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस योजना पर करीब 36 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके तहत 11.14 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी.

पढ़ें: Jal Mahal of Jaipur: ओवरफ्लो पानी सुकली नदी तक पहुंचे तो मिट जाए 50 गांव की प्यास

प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही पानी शहर तक लाया जाएगा. उसके बाद मालवीय नगर व काला कुंआ स्थित पंप हाउस में पानी को स्टोर करके उसकी सप्लाई होगी. सिलीसेढ़ से ढाईपैड़ी तक 8 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली जाएगी. इसके बाद 3.14 किलोमीटर तक की पाइपलाइन कटी घाटी होते हुए मालवीय नगर तक डाली जाएगी. ढ़ाई पेडी से काला कुआं तक पाइपलाइन पहले से बिछी हुई है. ऐसे में पाइपलाइन डालने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही पंप हाउस और फिल्टरेशन प्लांट भी लगाया जाएगा.

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सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता संजय खत्री ने बताया कि जिला प्रभारी सचिव के आदेश पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया है. सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही सिलीसेढ़ से शहर में पानी लाने की योजना पर काम शुरू हो जाएगा. इससे पहले अलवर में चंबल योजना के तहत चंबल से पानी लाने व ईस्टर्न कैनाल योजना सहित कई योजनाएं तैयार की गईं. इनकी डीपीआर बनाई गई, लेकिन अभी तक एक भी योजना का काम शुरू नहीं हुआ.

सभी योजनाएं फाइलों तक सिमट कर रह गई हैं. अलवर जिले में लगातार पानी की कमी हो रही है. जिला डार्क जोन से भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. उसके बाद भी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. कई ब्लॉक में पानी पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. तो कुछ क्षेत्रों में 4 से 5 दिन में पानी सप्लाई हो रहा है. सिलीसेढ़ से पानी आने पर शहर के बड़े हिस्से को राहत मिलेगी.

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किसानों को भी होगा पानी सप्लाई: संजय खत्री ने कहा कि सिलीसेढ़ झील से पानी सप्लाई की जो योजना तैयार की गई है. इस योजना में किसानों को पानी सप्लाई के लिए पानी रिजर्व रखने व झील में वोटिंग के लिए पानी रिजर्व रखने सहित अन्य बिंदुओं को भी शामिल किया गया है. जिससे किसान पर वोटिंग प्रक्रिया प्रभावित ना हो. अलवर की सिलीसेढ़ झील प्रकृति का अद्भुत सौंदर्य है. पहाड़ों के बीच इस झील में साल भर पानी रहता है. इसलिए देसी-विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं. पर्यटकों के लिए वोटिंग की सुविधा है.

Last Updated : Dec 10, 2022, 11:38 PM IST
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