अलवर. जिले के भूगोर बाइपास से एक पुलिसकर्मी को बंधक बनाकर बदमाश ले जा रहे थे, लेकिन ऐन समय पर उनकी कार पृथ्वीपुरा के पास गड्ढे में फंस गई. जिससे उनका पूरा राज ही खुल गया. कार के फंसने के बाद अपहृत पुलिसकर्मी रमेशचंद बचाओ बचाओ चिल्लाने लगे. ऐसे में उनकी आवाज को सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे और कार को चारों ओर से घेरे लिया. ऐसे में स्थानीयों की मदद से पुलिसकर्मी रमेशचंद बदमाशों के बंधक से आजाद हो सके. हालांकि, इस दौरान बिजली गुल हो गई. जिसके चलते अफरा-तफरी मच गई और दो बदमाशों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, लेकिन अन्य अंधेरे का फायदा उठा मौके से भागने में सफल रहे.
ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार देर रात अलवर नंबर की एक कार पृथ्वीपुरा गांव के पास गड्ढे में फंस गई थी. आगे निकलने का रास्ता नहीं था. इसी दौरान लोगों ने एक शख्स के चिल्लाने की आवाज सुनी और वो अपने घरों से बाहर निकल आए. इसके बाद ग्रामीणों ने कार को चारों तरफ से घेर लिया. ग्रामीण ने मामले की सूचना मालाखेड़ा थाना पुलिस को दी. इसमें एक पुलिसकर्मी रमेशचंद पुत्र रामफूल निवासी अमरपुर खेड़ा मंगल सिंह अलवर को बदमाशों से बचाया गया. साथ ही बताया गया कि अपहृत पुलिसकर्मी वर्तमान में सीकर में नियुक्त है.
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ग्रामीणों ने आगे बताया कि भूगोर बाईपास से बदमाश पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करके ले जा रहे थे. पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनकी शिनाख्त राकेश निवासी केरवाड़ा और भूगोर निवासी अमित मीणा के रूप में हुई है. मालाखेड़ा थाना अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि पृथ्वीपुरा से एक कार के संदिग्ध रूप से निकलने और सड़क पर फंसने की ग्रामीणों ने सूचना दी थी. जिसके बाद अविलंब पुलिस मौके पर पहुंची, जहां से तीन लोगों को मालाखेड़ा पुलिस थाने लाई.
मामले की जानकारी मिलने के बाद पूर्व सरपंच इंद्रमल मीणा, समाजसेवी रविंद्र सिंह आशीष और गांव के अन्य लोग मौके पर पहुंचे. उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी. ग्रामीणों को घटना के घटित होने से पहले ही गाड़ी के फंसने पर षड्यंत्र का पता चल गया था. उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है. बदमाशों ने पुलिसकर्मी का अपहरण क्यों किया. फिलहाल, इसकी जांच की जा रही है और गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. जबकि फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश उनके संबंधित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है.