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तालाब: अलवर के मांडण में आज जन-सहयोग से खोदा जाएगा पोखर

अलवर में बढ़ते पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की जा रही है. इस मुहिम के जरिए अलवर के नीमराणा क्षेत्र में स्थित मांडण में एक तालाब जन सहयोग से खोदा जाएगा

जन-सहयोग से खोदा जाएगा पोखर
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Published : Jul 27, 2019, 9:25 AM IST

अलवर. राजस्थान के अलवर जिले में बढ़ते पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की शुरूआत की गई. जिसके तहत अलवर के नीमराणा क्षेत्र स्थित मांडल में एक तालाब जन सहयोग से खोदा जाएगा.

जन-सहयोग से खोदा जाएगा पोखर

वहीं ईटीवी भारत की मुहिम से प्रेरित होकर सरपंच और जनप्रतिनिधियों की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है. जिसमें जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारी अतिथि मौजूद रहेंगे.जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है.

वहीं अलवर में 11 विधानसभा और 4 लोकसभा क्षेत्र लगते हैं. साथ ही जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है, तो वहीं जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है. जिले के सभी तालाब सूख चुके हैं.नीमराणा बहरोड़ क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब है. इसलिए जिले में भर के पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की गई है.

ईटीवी भारत ने नीमराणा के मांडण गांव में तालाब की बदहाली की खबर प्रकाशित की.इसके बाद जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने जागरूक होकर क्षेत्र में तालाब को पुनर्जीवित करने और श्रमदान करने का फैसला लिया गया.

इसके तहत शनिवार को सुबह से तालाब खुदाई की और श्रमदान कार्यक्रम रखा गया है. इसमें जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह और जिला परिषद के सीईओ विनय नागयाच सहित सभी आला अधिकारी मौजूद रहेंगे.
इस मौके पर ग्रामीणों की तरफ से करीब 10 हजार पेड़ लगाए जाएंगे और तालाब की खुदाई सहित श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा. इसमें सैकड़ों लोग कई गांव के हिस्सा लेंगे. इस मौके पर साढे़ 3 किलोमीटर लंबे बांध में जमीन देने वाले 32 लोगों का सम्मान भी किया जाएगा.

अलवर. राजस्थान के अलवर जिले में बढ़ते पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की शुरूआत की गई. जिसके तहत अलवर के नीमराणा क्षेत्र स्थित मांडल में एक तालाब जन सहयोग से खोदा जाएगा.

जन-सहयोग से खोदा जाएगा पोखर

वहीं ईटीवी भारत की मुहिम से प्रेरित होकर सरपंच और जनप्रतिनिधियों की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है. जिसमें जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारी अतिथि मौजूद रहेंगे.जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है.

वहीं अलवर में 11 विधानसभा और 4 लोकसभा क्षेत्र लगते हैं. साथ ही जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं है. पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है, तो वहीं जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है. जिले के सभी तालाब सूख चुके हैं.नीमराणा बहरोड़ क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब है. इसलिए जिले में भर के पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की गई है.

ईटीवी भारत ने नीमराणा के मांडण गांव में तालाब की बदहाली की खबर प्रकाशित की.इसके बाद जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने जागरूक होकर क्षेत्र में तालाब को पुनर्जीवित करने और श्रमदान करने का फैसला लिया गया.

इसके तहत शनिवार को सुबह से तालाब खुदाई की और श्रमदान कार्यक्रम रखा गया है. इसमें जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह और जिला परिषद के सीईओ विनय नागयाच सहित सभी आला अधिकारी मौजूद रहेंगे.
इस मौके पर ग्रामीणों की तरफ से करीब 10 हजार पेड़ लगाए जाएंगे और तालाब की खुदाई सहित श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा. इसमें सैकड़ों लोग कई गांव के हिस्सा लेंगे. इस मौके पर साढे़ 3 किलोमीटर लंबे बांध में जमीन देने वाले 32 लोगों का सम्मान भी किया जाएगा.

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अलवर।
अलवर में बढ़ते पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की जा रही है। अलवर के नीमराणा क्षेत्र स्थित मांडल में एक तालाब जन सहयोग से खोदा जाएगा। ईटीवी भारत की मुहिम से प्रेरित होकर सरपंच व जनप्रतिनिधियों की तरफ से यह प्रयास किया जा रहा है। इसमें जिला कलेक्टर सहित सभी अधिकारी अतिथि मौजूद रहेंगे।


Body:अलवर जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है। अलवर में 11 विधानसभा व 4 लोकसभा क्षेत्र लगते हैं। जिले में सतही पानी के इंतजाम नहीं है। पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है। तो वहीं जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है। जिले के सभी तालाब सूख चुके हैं।

नीमराणा बहरोड़ क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब है। इसलिए जिले में भर के पानी संकट को देखते हुए ईटीवी भारत की तरफ से एक विशेष पहल की गई है। ईटीवी भारत ने नीमराणा के मांडण गांव में तालाब की बदहाली की खबर प्रकाशित की। इसके बाद जिला प्रशासन व स्थानीय लोगों ने जागरूक होकर क्षेत्र में तालाब को पुनर्जीवित करने व श्रमदान करने का फैसला लिया गया। इसके तहत शनिवार को सुबह 9 बजे से तालाब खुदाई व श्रमदान कार्यक्रम रखा गया है। इसमें जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह जिला परिषद के सीईओ विनय नागयाच सहित सभी आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।


Conclusion:यह अपने आप की पहली पहल होगी। इस मौके पर ग्रामीणों की तरफ से करीब 10 हजार पेड़ लगाए जाएंगे व तालाब की खुदाई सहित श्रमदान कार्यक्रम किया जाएगा। इसमें सैकड़ों लोग कई गांव के हिस्सा लेंगे। इस मौके पर साडे 3 किलोमीटर लंबे बांध में जमीन देने वाले 32 लोगों का सम्मान भी किया जाएगा।

पीटीसी- हिमांशु शर्मा
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