अलवर. जिला के एनसीआर क्षेत्र ने आने के बाद से ही यहां पानी की समस्या गंभीर होती चली आई. जिस पर 10 साल पहले बहरोड नीमराणा शाहजहांपुर क्षेत्र के लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया. साथ ही मांग की चंबल का पानी अलवर के साथ बहरोड़ नीमराणा को भी जरूरत है.वहीं कई दिनों तक धरना प्रदर्शन भी हुए. लेकिन 10 साल तक किसी ने भी पानी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया.
जबकि बहरोड़ नीमराणा शाहजहांपुर घीलोट में जापानी कंपनियों के आ जाने के बाद पानी की जरूरत और दोहन ज्यादा हो गया और पानी की समस्या बढ़ गई, लेकिन इस बार बजट में राजस्थान सरकार एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले में चंबल का पानी लाना की घोषण की.
जिसकी वास्तव में जिले को आवश्यकता थी. साथ ही उन्होंने बताया कि जो पानी अलवर तक पहुंचेगा उसे बहरोड़ तक भी लाया जाए, क्योंकि बहरोड़ में लगातार पानी की मार झेल रहे. ग्रामीण को अब खेती करना तो दूर की बात पानी पीने पीने को भी नहीं मिल रहा है.
वहीं धीरे-धीरे जल स्तर घटता जा रहा है. जिससे ग्रामीण परिवेश में भी सिंचाई के संसाधन बंद होते जा रहे हैं. ऐसे में किसान बेरोजगार हो जाएगा. चंबल का पानी बहरोड़ लाने के लिए काफी संघर्ष पहले भी किया और आगे भी करते रहेंगे ताकि आमजन को पानी की कमी महसूस नहीं हो.
इस पर बहरोड़ की जनता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात कर पानी की मांग को प्रमुखता से रखेंगे. साथ ही मांग करनें के की बहरोड में चंबल के पानी जल्द से जल्द आए. इसके लिए कार्य जल्दी शुरू करने की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे.