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वॉल्वो बसों और आरटीडीसी में ना के बराबर आ रहे यात्री - वॉल्वो बसों में नहीं आ रहे यात्री

कोरोना महामारी के बढ़ने से राज्य सरकार की ओर से हरियाणा से राजस्थान आने वाले लोगों और वाहन चालकों के कोरोना निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने का निर्देश जारी हुआ है. जिसके बाद वॉल्वो बसों में यात्रियों की संख्या ना के बराबर हो गई है.

वॉल्वो बसों में नहीं आ रहे यात्री, Passengers not coming in Volvo buses
वॉल्वो बसों में नहीं आ रहे यात्री
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Published : Apr 13, 2021, 9:38 AM IST

बहरोड़ (अलवर). कोरोना महामारी के बढ़ने से राज्य सरकार की ओर से हरियाणा से राजस्थान आने वाले लोगों और वाहन चालकों के कोरोना निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने के बाद वॉल्वो बसों पर कोरोना की मार पड़ रही है. जिसका नजारा बहरोड़ मिडवे में देखने को मिला.

वॉल्वो बसों में नहीं आ रहे यात्री

बहरोड़ मिडवे में वॉल्वो बसों के रूट इंचार्ज मनोज झारोडा ने बताया कि सरकार की नई कोरोना गाइडलाइन आने के बाद बहरोड़ मिडवे पर रुकने वाली वॉल्वो बसों पर इसका पड़ा है. पहले वॉल्वो बस में तीस सवारियां आती थी, लेकिन सरकार की दूसरी कोरोना गाइडलाइन आने से अब वॉल्वो बसों में सिर्फ नौ सवारियां ही आ रही है, जिससे वॉल्वो और आरटीडीसी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढ़ें- कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर रघु शर्मा ने PM पर साधा निशाना, कहा- मोदी मौनी बाबा हो गए हैं

सवारियों के कम आने के साथ-साथ वॉल्वो बसों को 50 प्रतिशत कम कर दिया है. पहले हर एक घंटे में एक बस आती थी, लेकिन अब दो घंटे में एक बस आ रही है. साथ ही कोरोना के चलते अब सवारियां भी अपने घरों से नहीं निकलना चाह रही है. बॉर्डर पर राज्य सरकार की ओर से चेकपोस्ट लगाकर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के बाद सीमा में प्रवेश के बाद लोग अब सफर करना पसंद कम कर रहे है. वहीं प्राइवेट वाहनों मालिकों की चांदी हो रही है. छोटे वाहन चालक ग्रामीण क्षेत्र से होकर सवारियां लेकर आती और जाती है, जिससे भी सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

बहरोड़ (अलवर). कोरोना महामारी के बढ़ने से राज्य सरकार की ओर से हरियाणा से राजस्थान आने वाले लोगों और वाहन चालकों के कोरोना निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने के बाद वॉल्वो बसों पर कोरोना की मार पड़ रही है. जिसका नजारा बहरोड़ मिडवे में देखने को मिला.

वॉल्वो बसों में नहीं आ रहे यात्री

बहरोड़ मिडवे में वॉल्वो बसों के रूट इंचार्ज मनोज झारोडा ने बताया कि सरकार की नई कोरोना गाइडलाइन आने के बाद बहरोड़ मिडवे पर रुकने वाली वॉल्वो बसों पर इसका पड़ा है. पहले वॉल्वो बस में तीस सवारियां आती थी, लेकिन सरकार की दूसरी कोरोना गाइडलाइन आने से अब वॉल्वो बसों में सिर्फ नौ सवारियां ही आ रही है, जिससे वॉल्वो और आरटीडीसी को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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सवारियों के कम आने के साथ-साथ वॉल्वो बसों को 50 प्रतिशत कम कर दिया है. पहले हर एक घंटे में एक बस आती थी, लेकिन अब दो घंटे में एक बस आ रही है. साथ ही कोरोना के चलते अब सवारियां भी अपने घरों से नहीं निकलना चाह रही है. बॉर्डर पर राज्य सरकार की ओर से चेकपोस्ट लगाकर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के बाद सीमा में प्रवेश के बाद लोग अब सफर करना पसंद कम कर रहे है. वहीं प्राइवेट वाहनों मालिकों की चांदी हो रही है. छोटे वाहन चालक ग्रामीण क्षेत्र से होकर सवारियां लेकर आती और जाती है, जिससे भी सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

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