अलवर. पर्यटकों से ओवरलोड हो रहे रणथम्भौर के बदले सरिस्का टाइगर रिजर्व अब बेहतर विकल्प बन चुका है. सरिस्का में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. बीते डेढ़ साल में सरिस्का में बाघों के कुनबा बढ़ा है. गर्मी के मौसम में आम तौर पर बाघों की साइटिंग नहीं होती है, लेकिन इस सीजन पर्यटकों को प्रतिदिन तीन से चार बाघों की साइटिंग हो रही है. इसका असर भी अब नजर आने लगा है कि एक तिमाही में ही पर्यटकों की संख्या एक साल के बराबर हो गई है.
साल 2017-18 में आने वाले पर्यटकों की संख्या 50 हजार 265 थी. यह संख्या 6 साल में बढ़कर 56183 पहुंच गई. इस सीजन के महज पहली तिमाही में संख्या 50 हजार से अधिक पहुंच गई है. यहां आने वाले पर्यटकों को प्रतिदिन बाघों की साइटिंग होती है. पिछले 3 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 9000 से ज्यादा विदेशी पर्यटक घूमने के लिए सिरस्का पहुंचे. साथ ही करीब 15000 स्टूडेंट भी यहां घूमने आए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण सरिस्का में बढ़ रहा बाघों का कुनबा और उनकी साइटिंग है.
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सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि आम तौर पर गर्मी के सीजन में बाघ कि साइटिंग नहीं होती है, लेकिन इस सीजन में पर्यटक को बाघ और पैंथर के अलावा भालू की भी साइटिंग होगी. ऐसे में आने वाले समय में सरिस्का अन्य जगहों की तुलना में सबसे बेहतर पर्यटन विकल्प होगा. पिछले 2 सालों की बात की जाए तो सरिस्का में आने वाले टूरिस्टो की संख्या 50,000 से ज्यादा रही. सरिस्का आने वाले पर्यटकों को बाघ, पैंथर के साथ मगरमच्छ भी देखने को मिल रहे हैं.
सरिस्का पर एक नजर : सरिस्का में इन दिनों बाघों की संख्या 28 हो गई है, जिसमें 14 बाघिन, 8 बाघ और 6 शावक हैं. इसके अलावा चार भालू और बड़ी संख्या में मगरमच्छ के साथ ही हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा, गिद्ध, हजारों की संख्या में पक्षियों की प्रजाति और वन्यजीव मौजूद हैं.
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रणथम्भौर का बेहतर विकल्प है सरिस्का : रणथम्भौर में पर्यटकों की संख्या ज्यादा रहती है, लेकिन उन्हें बेहतर साइटिंग नहीं मिल पाती है. साथ ही सफारी के लिए भी खासा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में सरिस्का पर्यटकों के लिए बेहतर विकल्प है. सड़क और रेल मार्ग से सरिस्का सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को आने-जाने में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती है. देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर के मध्य में सरिस्का स्थित है.
बाफर जॉन में हैं चार बाघ : सरिस्का के बफर जोन में एक बाघ, एक बाघिन और उसके दो शावकों की मूवमेंट बनी हुई है. अलवर शहर में डेढ़ से 2 किलोमीटर दूरी पर लोगों को बाघों की साइटिंग हो रही है. यहां आने वाले समय के लिए ये बेहतर संकेत हैं. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा, क्योंकि अब बफर जोन भी बेहतर विकल्प बन रहा है.