अलवर. राजस्थान में अलवर के जनाना अस्पताल में रविवार सुबह एक नवजात बालिका की मौत हो जाने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. चिमरावली गांव के रहने वाले योगेश मेहरा की पत्नी सपना के प्रसव होना था. वो पत्नी को शनिवार रात को जनाना हॉस्पिटल लेकर पहुंचा. वहां, हॉस्पिटल के गार्ड और कर्मचारियों ने कहा कि अंदर वार्ड में बेड खाली नहीं है, उसको बाहर लेकर चले जाओ. जिस पर वो अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल से बाहर आ गया.
उसके बाद पत्नी की तबीयत खराब होने लगी. वहां मौजूद महिलाओं ने उसको अंदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन बच्ची की तबीयत खराब होने लगी. उसको सांस लेने में परेशानी होने लगी. अस्पताल के स्टाफ ने बच्ची को शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में भर्ती किया. हालत ज्यादा खराब होने पर उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों ने बच्ची के ऑक्सीजन के लिए अम्बु बैग लगाया.
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उन्होंने बच्ची के पिता से उसको लगातार पंप करने के लिए कहा. काफी देर बाद एक एंबुलेंस अस्पताल पहुंची व बच्ची को जयपुर के लिए रेफर किया गया, लेकिन मालाखेड़ा के पास बच्ची की मौत हो गई. परिजन बच्ची को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन मृत बच्ची को लेकर जनाना अस्पताल पहुंचे. अस्पताल के गेट पर बच्ची को रखकर जमकर हंगामा किया.
महिला चिकित्सालय प्रभारी टेकचंद मौके पर पहुंचे और परिजनों से समझाइश कर मामला शांत कराया. महिला चिकित्सालय प्रभारी टेकचंद ने बताया कि सपना नाम की महिला ने बेटी को जन्म दिया. तबीयत खराब होने पर उसे शिशु अस्पताल में भर्ती कराया. कुछ देर बाद बच्ची को जयपुर रेफर कर दिया, लेकिन बच्ची के परिजन बच्ची को लेकर अस्पताल में ही घूमते रहे और बच्ची ने दम तोड़ दिया.
उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की मौत नहीं हुई है. परिजन डॉक्टरों पर गलत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने भी बच्ची के परिजनों से बात की. अस्पताल प्रभारी ने बताया कि समय पर डिलीवरी हुई और महिला ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन जब बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. तब उसको शिशु अस्पताल में भर्ती कराया और ऑक्सीजन भी लगाई, लेकिन फिर भी उसकी स्थिति गंभीर थी.