ETV Bharat / state

अलवर: पानी की बूंद-बूंद को तरसते ग्रामीण, प्रशासन का उदासीन रवैया आया सामने

अलवर जिले की रानोठ ग्राम पंचायत के नांगल बावला गांव पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा है. गांव के कुएं सूख गए हैं. पीने का पानी लाने के लिए ग्रामीणों को 2 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है. लेकिन अधिकारियों को बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं.

drinking water problem,  drinking water problem in nangal bavla village,  problem of drinking water
पानी की बूंद-बूंद को तरसते ग्रामीण
author img

By

Published : Aug 6, 2020, 9:31 PM IST

मुंडावर (अलवर). राजस्थान पीने के पानी की कमी से लगातार जुझ रहा है. सरकारों की तरफ से इस दिशा में कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं. अलवर जिले की रानोठ ग्राम पंचायत के नांगल बावला गांव के लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है. गांव के कुएं सूख गए हैं. पीने का पानी लाने के लिए ग्रामीणों को 2 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है.

2 किमी दूर से लाना पड़ता है पानी

प्रशासन का उदासीन रवैया

गांव के लोगों ने प्रशासन को इस बारे में कई बार ज्ञापन दिए. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने पानी की समस्या के निदान के लिए कनिष्ठ अभियंता जलदाय विभाग मुंडावर को एप्लीकेशन दी. लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की. जिसके बाद ग्रामीणों ने मुंडावर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पानी की समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद भी ग्रामीणों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.

पढ़ें: भीलवाड़ा: भू माफिया की हरकत से सड़कों पर भर गया नाले का पानी, लोग परेशान

नांगल बावला गांव के लोगों ने 27 जुलाई को जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपकर पेयजल समस्या के निदान की मांग की. अभी तक उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. गांव के लोगों को अपने पैसों से पानी का टैंकर लाना पड़ रहा है. गांव के लोगों ने बताया कि अधिकतर लोग यहां दिहाड़ी मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं. पानी की समस्या के चलते वो काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं.

भारत के लाखों गांव पानी की समस्या से जुझ रहे हैं लेकिन प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा है. सरकार की लाखों करोड़ों की योजनाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती और लोगों को रोजाना पानी की बूंद-बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

मुंडावर (अलवर). राजस्थान पीने के पानी की कमी से लगातार जुझ रहा है. सरकारों की तरफ से इस दिशा में कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं. अलवर जिले की रानोठ ग्राम पंचायत के नांगल बावला गांव के लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है. गांव के कुएं सूख गए हैं. पीने का पानी लाने के लिए ग्रामीणों को 2 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है.

2 किमी दूर से लाना पड़ता है पानी

प्रशासन का उदासीन रवैया

गांव के लोगों ने प्रशासन को इस बारे में कई बार ज्ञापन दिए. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने पानी की समस्या के निदान के लिए कनिष्ठ अभियंता जलदाय विभाग मुंडावर को एप्लीकेशन दी. लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की. जिसके बाद ग्रामीणों ने मुंडावर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पानी की समस्या से अवगत कराया. जिसके बाद भी ग्रामीणों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.

पढ़ें: भीलवाड़ा: भू माफिया की हरकत से सड़कों पर भर गया नाले का पानी, लोग परेशान

नांगल बावला गांव के लोगों ने 27 जुलाई को जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपकर पेयजल समस्या के निदान की मांग की. अभी तक उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है. गांव के लोगों को अपने पैसों से पानी का टैंकर लाना पड़ रहा है. गांव के लोगों ने बताया कि अधिकतर लोग यहां दिहाड़ी मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं. पानी की समस्या के चलते वो काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं.

भारत के लाखों गांव पानी की समस्या से जुझ रहे हैं लेकिन प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा है. सरकार की लाखों करोड़ों की योजनाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती और लोगों को रोजाना पानी की बूंद-बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.