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अलवर: चक्रवाती तूफान तौकते से निपटने के लिए राहत व बचाव कार्य का मॉक ड्रिल - अलवर में तौकते की मॉक ड्रिल

अलवर में तौकते तूफान अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल किया. इसके तहत जिला प्रशासन ने पुलिस कंट्रोल रूम व जिला कोरोना वार रूम से आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सूचना दी कि तूफान से भूगोर बाईपास स्थित मत्स्य नगर के ब्लॉक स्थित मकान नंबर 56 के पास एक मकान गिर गया. वहां मलबे में कुछ व्यक्ति दबे होने के साथ बिजली पोल टूट गए. सूचना पर संबंधित विभागों के अधिकारी लगभग 20 मिनट में मौके पर पहुंच गए.

mock drill in Alwar, storms in Alwar
चक्रवाती तूफान तौकते से निपटने के लिए राहत व बचाव कार्य का मॉक ड्रिल
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Published : May 19, 2021, 9:46 AM IST

अलवर. चक्रवाती तूफान तौकते अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल किया. इसके तहत जिला प्रशासन ने पुलिस कंट्रोल रूम व जिला कोरोना वार रूम से आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सूचना दी कि तूफान से भूगोर बाईपास स्थित मत्स्य नगर के ब्लॉक स्थित मकान नंबर 56 के पास एक मकान गिर गया. वहां मलबे में कुछ व्यक्ति दबे होने के साथ बिजली पोल टूट गए. इस सूचना पर सबसे पहले अरावली विहार थाना अधिकारी जहीर अब्बास मौके पर पहुंचे. इसके बाद पुलिस अधिकारी नगर परिषद की फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस के कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बचाव व राहत कार्यों का पूर्वाभ्यास किया.

चक्रवाती तूफान तौकते से निपटने के लिए राहत व बचाव कार्य का मॉक ड्रिल

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बताया कि देखिए हमारे यहां तौकते तूफान कभी भी आ सकता है और जो मौसम ने करवट ली है, वह उसी का असर है. इसलिए जिला प्रशासन द्वारा भूगोर बाईपास के पास स्थित मत्स्य नगर कॉलोनी के ए ब्लॉक में एक मकान गिरने व उसमें कुछ लोग दबे होने तथा मलबे से बिजली पोल टूटने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम जिला कोरोना वार रूम के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को दी गई. संबंधित विभागों के अधिकारी लगभग 20 मिनट में मौके पर पहुंच गए.

पढ़ें- तौकते का असर: रातभर तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश, डूंगरपुर में बिजली गुल

उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल इसलिए की गई कि यदि अचानक तूफान आ जाए और सड़कें अवरुद्ध हो जाएं तो उन्हें किस प्रकार से तुरंत सुचारू रूप से तुरंत किस प्रकार चालू किया जाए. यदि कोई मकान गिर जाए तो उसके अंदर मलबे में दबे लोगों को किस प्रकार से निकाला जाए. जिन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है, उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल के जरिए पूर्वाभ्यास अलवर प्रशासन के द्वारा किया गया.

मॉक ड्रिल से पहले किसी भी विभाग को सूचना नहीं दी जाती है. जब मॉक ड्रिल की जाती है, तो तुरंत सूचना दी जाती है और उससे यह जायजा लिया जाता है कि कौन सा विभाग सबसे पहले आया व उसके बाद कौन कौन से विभाग आए. फिर उसके बाद उन्हें अलर्ट किया जाता है कि ऐसी स्थिति में तुरंत मौके पर पहुंचा जाए और आमजन की हर संभव मदद की जाए. कलेक्टर ने कहा कि मिलिट्री व पैरामिलिट्री फोर्स को भी 3 घंटे के अंदर तैयार रहने के लिए सूचित कर दिया गया है, जिससे इस आपदा की घड़ी से निपटा जा सके. मॉक ड्रिल में एसपी मुख्यालय सरिता सिंह सदर थाना अधिकारी महेश शर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे.

अलवर. चक्रवाती तूफान तौकते अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल किया. इसके तहत जिला प्रशासन ने पुलिस कंट्रोल रूम व जिला कोरोना वार रूम से आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों को सूचना दी कि तूफान से भूगोर बाईपास स्थित मत्स्य नगर के ब्लॉक स्थित मकान नंबर 56 के पास एक मकान गिर गया. वहां मलबे में कुछ व्यक्ति दबे होने के साथ बिजली पोल टूट गए. इस सूचना पर सबसे पहले अरावली विहार थाना अधिकारी जहीर अब्बास मौके पर पहुंचे. इसके बाद पुलिस अधिकारी नगर परिषद की फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस के कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बचाव व राहत कार्यों का पूर्वाभ्यास किया.

चक्रवाती तूफान तौकते से निपटने के लिए राहत व बचाव कार्य का मॉक ड्रिल

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बताया कि देखिए हमारे यहां तौकते तूफान कभी भी आ सकता है और जो मौसम ने करवट ली है, वह उसी का असर है. इसलिए जिला प्रशासन द्वारा भूगोर बाईपास के पास स्थित मत्स्य नगर कॉलोनी के ए ब्लॉक में एक मकान गिरने व उसमें कुछ लोग दबे होने तथा मलबे से बिजली पोल टूटने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम जिला कोरोना वार रूम के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को दी गई. संबंधित विभागों के अधिकारी लगभग 20 मिनट में मौके पर पहुंच गए.

पढ़ें- तौकते का असर: रातभर तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश, डूंगरपुर में बिजली गुल

उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल इसलिए की गई कि यदि अचानक तूफान आ जाए और सड़कें अवरुद्ध हो जाएं तो उन्हें किस प्रकार से तुरंत सुचारू रूप से तुरंत किस प्रकार चालू किया जाए. यदि कोई मकान गिर जाए तो उसके अंदर मलबे में दबे लोगों को किस प्रकार से निकाला जाए. जिन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है, उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल के जरिए पूर्वाभ्यास अलवर प्रशासन के द्वारा किया गया.

मॉक ड्रिल से पहले किसी भी विभाग को सूचना नहीं दी जाती है. जब मॉक ड्रिल की जाती है, तो तुरंत सूचना दी जाती है और उससे यह जायजा लिया जाता है कि कौन सा विभाग सबसे पहले आया व उसके बाद कौन कौन से विभाग आए. फिर उसके बाद उन्हें अलर्ट किया जाता है कि ऐसी स्थिति में तुरंत मौके पर पहुंचा जाए और आमजन की हर संभव मदद की जाए. कलेक्टर ने कहा कि मिलिट्री व पैरामिलिट्री फोर्स को भी 3 घंटे के अंदर तैयार रहने के लिए सूचित कर दिया गया है, जिससे इस आपदा की घड़ी से निपटा जा सके. मॉक ड्रिल में एसपी मुख्यालय सरिता सिंह सदर थाना अधिकारी महेश शर्मा सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल रहे.

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