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अलवर के बानसूर में टिड्डियों का हमला, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

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Published : Jun 30, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 4:04 PM IST

अलवर जिले के बानसूर में टिड्डी दलों ने मंगलवार को हमला कर दिया. जिसके बाद किसानों ने बर्तन बजाकर खेतों से टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया. हमले की सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और फसलों का जायजा लिया.

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अलवर के बानसूर में टिड्डियों का हमला

बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर में मंगलवार सुबह टिड्डियों ने हमला कर दिया. टिड्डी दल के हमले की सूचना मिलते ही ग्रामीण अपने खेतों की तरफ दौड़े. किसानों ने बर्तन बजाकर खेतों से टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया. टिड्डियों के हमले की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. बानसूर के गांव खोहरी, श्यामपुरा, नवलपुरा, चांदाली रामपुरा में मंगलवार सुबह टिड्डियों के दल ने हमला कर दिया. इलाके में किसानों ने बाजरे और कपास की फसल बोई हुई है. किसानों ने फसल बचाने के लिए बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाया. किसानों ने सरकार और प्रशासन से दवा उपलब्ध कराने की मांग की है.

एक दर्जन टिड्डी दल भारत में सक्रिय हैं

बानसूर में टिड्डी दल के हमले की जानकारी मिलते ही कृषि सहायक अधिकारी सुरेश यादव और बहरोड़ के कृषि अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने मौके पर खेतों में मुआयना किया. उन्होंने बताया कि फिलहाल टिड्डियों के हमले में किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है. अधिकारियों ने टिड्डियों के हमले से बचने के लिए दवा के छिड़काव की भी बात कही. बानसूर तहसीलदार जगदीश बैरवा ने भी टिड्डियों के हमले के बाद प्रभावित गांवों का दौरा किया. तहसीलदार ने फसलों का जायजा लिया और किसी भी प्रकार के नुकसान नहीं होने की जानकारी दी.

क्यों नहीं हो रहा टिड्डी दलों पर नियंत्रण ?

टिड्डी दलों को मौसम और तापमान की वजह से रोकने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिमी हवाओं के कारण भी टिड्डी दलों को आगे बढ़ने में सहायता मिल रही है. भारत में अभी एक दर्जन टिड्डी दल अलग-अलग राज्यों में है. राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में टिड्डियों के दल ने हमला किया है. बरसाती मौसम में टिड्डियों की प्रजनन क्षमता ज्यादा होती है. अगर तापमान कम होता है तो टिड्डी दलों की मैटाबोलिक एक्टिविटी कम होती है और उन्हें कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में बढ़ता हुआ तापमान टिड्डियों के पक्ष में है.

बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर में मंगलवार सुबह टिड्डियों ने हमला कर दिया. टिड्डी दल के हमले की सूचना मिलते ही ग्रामीण अपने खेतों की तरफ दौड़े. किसानों ने बर्तन बजाकर खेतों से टिड्डियों को भगाने का प्रयास किया. टिड्डियों के हमले की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. बानसूर के गांव खोहरी, श्यामपुरा, नवलपुरा, चांदाली रामपुरा में मंगलवार सुबह टिड्डियों के दल ने हमला कर दिया. इलाके में किसानों ने बाजरे और कपास की फसल बोई हुई है. किसानों ने फसल बचाने के लिए बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाया. किसानों ने सरकार और प्रशासन से दवा उपलब्ध कराने की मांग की है.

एक दर्जन टिड्डी दल भारत में सक्रिय हैं

बानसूर में टिड्डी दल के हमले की जानकारी मिलते ही कृषि सहायक अधिकारी सुरेश यादव और बहरोड़ के कृषि अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने मौके पर खेतों में मुआयना किया. उन्होंने बताया कि फिलहाल टिड्डियों के हमले में किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है. अधिकारियों ने टिड्डियों के हमले से बचने के लिए दवा के छिड़काव की भी बात कही. बानसूर तहसीलदार जगदीश बैरवा ने भी टिड्डियों के हमले के बाद प्रभावित गांवों का दौरा किया. तहसीलदार ने फसलों का जायजा लिया और किसी भी प्रकार के नुकसान नहीं होने की जानकारी दी.

क्यों नहीं हो रहा टिड्डी दलों पर नियंत्रण ?

टिड्डी दलों को मौसम और तापमान की वजह से रोकने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पश्चिमी हवाओं के कारण भी टिड्डी दलों को आगे बढ़ने में सहायता मिल रही है. भारत में अभी एक दर्जन टिड्डी दल अलग-अलग राज्यों में है. राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में टिड्डियों के दल ने हमला किया है. बरसाती मौसम में टिड्डियों की प्रजनन क्षमता ज्यादा होती है. अगर तापमान कम होता है तो टिड्डी दलों की मैटाबोलिक एक्टिविटी कम होती है और उन्हें कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में बढ़ता हुआ तापमान टिड्डियों के पक्ष में है.

Last Updated : Jun 30, 2020, 4:04 PM IST
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