खेरली (अलवर). खेरली में दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से एक स्थानीय महिला नर्स भी कोरोना संक्रमित मिली. जिसके बाद राजकीय अस्तपाल का पूरा स्टाफ क्वॉरेंटाइन है. जिससे अस्पताल में ताला लगा है. इस कारण स्थानीय लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे वे परेशान हैं.
खेरली क्षेत्र में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद कस्बे में प्रशासन ने अनिश्चितकालीन के लिए कर्फ्यू लगा दिया है. जिसके चलते कस्बे में सभी लोग अपने-अपने घरों में आइसोलेट हैं. वहीं दोनों कोरोना पॉजिटिव मरीजों में एक स्थानीय राजकीय अस्पताल की महिला नर्स है. जिसके बाद अस्पताल के पूरे स्टाफ को प्रशासन ने आइसोलेट कर दिया है. वहीं गत रविवार को अस्पताल के 12 और सोमवार को 27 कर्मियों को आइसोलेट किया गया था. उक्त कर्मियों में 2 चिकित्सक, 4 मेल नर्स, 5 महिला नर्स, 2 नेत्र सहायक, लैब कर्मी, फार्मासिस्ट और सफाईकर्मियों सहित कुल 39 लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.
अस्पताल में नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा
अस्पताल के सभी कर्मियों को कोरोना संक्रमण के कारण आइसोलेट कर दिया गया है. जिसके बाद स्थानीय राजकीय रेफरल अस्पताल बंद है. वहीं अस्पताल के मेन गेट पर ताला लगा हुआ है. जिसके चलते स्थानीय लोग अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं. क्षेत्रवासियों का कहना है कि मौसमी बीमारियों की सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है.
लॉकडाउन की पालना के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
खेरली में पिछले 10 दिनों से लगे आ रहे कर्फ्यू को सख्त बनाने के लिए खेरली थाना पुलिस अब ड्रोन कैमरे को उपयोग कर रही है. थानाधिकारी सचिन कुमार शर्मा ने बताया कि ड्रोन कैमरे की मदद से कर्फ्यू के दौरान अपने घरों से बाहर निकलने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें. कोरोना से जंग के लिए अलवर ने कसी कमर, थ्री लेयर जांच और इलाज की तैयारी
गौरतलब है कि कस्बा क्षेत्र में दो कोरोना पॉजिटिव मरीज में से एक महिला चिकित्साकर्मी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. जिससे प्रशासन और कस्बेवासियों ने राहत की सांस ली है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि खतरा अभी पूरी तरह से टला नही है. पुलिस लोगों को एहतियात बरतते हुए घरों में रहने के लिए बाध्य किया जा रहा है.