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जलदाय विभाग के पम्प हाउस पर भू माफियाओं ने JCB चलाकर किया कब्जा

अलवर के रामगढ़ कस्बे के बहादुरपुर मार्ग पर जलदाय विभाग की 0.35 हेक्टेयर जमीन पर 50 साल से पंप हाउस और एक सार्वजनिक पानी की टंकी का निर्माण है. इस पुराने पक्के निर्माण को कुछ भू माफियाओं ने ध्वस्त कर दिया है. शिकायत पर एसडीएम रेणु मीणा ने जमीन का अवलोकन कर जलदाय विभाग के अधिकारियों को तलब किया है.

water supply department, Alwar news, जलदाय विभाग
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Published : Oct 11, 2019, 8:47 AM IST

रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ कस्बे के बहादुरपुर मार्ग पर जलदाय विभाग की कब्जेशुदा 0.35 हेक्टेयर जमीन पर बने 50 साल से भी पुराने पक्के निर्माण को जेसीबी चलाकर रातों-रात ध्वस्त कर दिया गया. बता दें कि यह बेशकीमती जमीन ग्राम पंचायत आबादी के तहत दर्ज है, जिस पर जलदाय विभाग की ओर से पंप हाउस सहित एक सार्वजनिक पानी की खेल का निर्माण करवाया हुआ है.

पम्प हाउस पर भू-माफियाओं ने चलाई जेसीबी

बता दें कि वक्त के साथ विभाग के सूखे बोरिंग के चलते विभाग की ओर से निर्मित पंप हाउस आदि अनुपयोगी हो गए हैं. लेकिन हमेशा की तरह पंचायतीराज चुनाव के दौरान सरकारी जमीन पर कब्जे की ताक में बैठे भू माफियाओं की नजर पंचायत की इस बेशकीमती जमीन पर भी लगी थी. मंगलवार की रात कस्बे निवासी कैलाश, राकेश, बंटी पुत्र लल्लू राम ने मौका पाकर देर रात जेसीबी मशीन से मौके पर बने पक्के मकान को नेस्तनाबूद कर दिया.

पढ़ें- खींवसर से भाजपा-आरएलपी गठबंधन के लिए बुरी खबर...मंडल अध्यक्ष सहित 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

इसके बाद जब सुबह स्थानीय लोगों ने वहां बनी सार्वजनिक खेल आदि का नामो-निशान मिटा देखा तो उनमें आक्रोश फैल गया. लेकिन दो-तीन दिन तक भी कब्जे की नीयत से जमीन समतल की गई. इस बेशकीमती जमीन की ग्राम पंचायत ने सुध नहीं ली तो कस्बा बहादुरपुर मार्ग निवासी वार्ड पंच राधा शर्मा, ताराचंद, शिवलाल, हीरालाल, मनीष पोसवाल, बने सिंह और मोती लाल आदि ने एसडीएम रेणु मीणा को अतिक्रमण के विरुद्ध नामजद में लिखित शिकायत दी है. जिस पर एसडीएम मौके पर पहुंची और ध्वस्त किए गए निर्माण का अवलोकन करते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों को तलब किया.

एसडीएम ने कहा कि खसरा नंबर 483 रकबा 0.35 हेक्टेयर पर जलदाय विभाग का पक्का निर्माण है. जिससे ज्यादातर हिस्से में बने पक्के निर्माण को नामजद लोगों की ओर से ध्वस्त कर समतल किया गया है. इस मामले पर जमीन के मालिकाना हक की जांच करने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- फसल खराबा, बीमा क्लेम और समर्थन मूल्य खरीद केंद्र के मुद्दों पर आंदोलन की तैयारी में किसान संघ

अतिक्रमण के निशाने पर सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का पंचायत चुनाव आते ही सक्रिय होना कोई नई बात नहीं है. अब तो भू माफियाओं ने शमशान को भी नहीं छोड़ा है. हर चुनाव की तरह इस बार भी गोविंदगढ़ मोड की दीवारड़ कर दी गई. लेकिन प्रशासन सहित ग्राम पंचायत इस पर चुप्पी साधे हुई है. इतना ही नहीं माफिया लोग कस्बे के मंदिर की जमीन पर भी अपनी नजर लगाए बैठे हैं.

रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ कस्बे के बहादुरपुर मार्ग पर जलदाय विभाग की कब्जेशुदा 0.35 हेक्टेयर जमीन पर बने 50 साल से भी पुराने पक्के निर्माण को जेसीबी चलाकर रातों-रात ध्वस्त कर दिया गया. बता दें कि यह बेशकीमती जमीन ग्राम पंचायत आबादी के तहत दर्ज है, जिस पर जलदाय विभाग की ओर से पंप हाउस सहित एक सार्वजनिक पानी की खेल का निर्माण करवाया हुआ है.

पम्प हाउस पर भू-माफियाओं ने चलाई जेसीबी

बता दें कि वक्त के साथ विभाग के सूखे बोरिंग के चलते विभाग की ओर से निर्मित पंप हाउस आदि अनुपयोगी हो गए हैं. लेकिन हमेशा की तरह पंचायतीराज चुनाव के दौरान सरकारी जमीन पर कब्जे की ताक में बैठे भू माफियाओं की नजर पंचायत की इस बेशकीमती जमीन पर भी लगी थी. मंगलवार की रात कस्बे निवासी कैलाश, राकेश, बंटी पुत्र लल्लू राम ने मौका पाकर देर रात जेसीबी मशीन से मौके पर बने पक्के मकान को नेस्तनाबूद कर दिया.

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इसके बाद जब सुबह स्थानीय लोगों ने वहां बनी सार्वजनिक खेल आदि का नामो-निशान मिटा देखा तो उनमें आक्रोश फैल गया. लेकिन दो-तीन दिन तक भी कब्जे की नीयत से जमीन समतल की गई. इस बेशकीमती जमीन की ग्राम पंचायत ने सुध नहीं ली तो कस्बा बहादुरपुर मार्ग निवासी वार्ड पंच राधा शर्मा, ताराचंद, शिवलाल, हीरालाल, मनीष पोसवाल, बने सिंह और मोती लाल आदि ने एसडीएम रेणु मीणा को अतिक्रमण के विरुद्ध नामजद में लिखित शिकायत दी है. जिस पर एसडीएम मौके पर पहुंची और ध्वस्त किए गए निर्माण का अवलोकन करते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों को तलब किया.

एसडीएम ने कहा कि खसरा नंबर 483 रकबा 0.35 हेक्टेयर पर जलदाय विभाग का पक्का निर्माण है. जिससे ज्यादातर हिस्से में बने पक्के निर्माण को नामजद लोगों की ओर से ध्वस्त कर समतल किया गया है. इस मामले पर जमीन के मालिकाना हक की जांच करने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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अतिक्रमण के निशाने पर सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का पंचायत चुनाव आते ही सक्रिय होना कोई नई बात नहीं है. अब तो भू माफियाओं ने शमशान को भी नहीं छोड़ा है. हर चुनाव की तरह इस बार भी गोविंदगढ़ मोड की दीवारड़ कर दी गई. लेकिन प्रशासन सहित ग्राम पंचायत इस पर चुप्पी साधे हुई है. इतना ही नहीं माफिया लोग कस्बे के मंदिर की जमीन पर भी अपनी नजर लगाए बैठे हैं.

Intro:अलवर जिले के रामगढ़ कस्बे के बहादुरपुर मार्ग पर जलदाय विभाग की कब्जेशुदा 0.35 हेयर जमीन पर 50 वर्ष से पुराने पक्के निर्माण को जेसीबी चलाकर रातों-रात ध्वस्त कर दिया गया।Body:कस्बे के बहादुरपुर सड़क मार्ग पर स्थित यह बेशकीमती जमीन ग्राम पंचायत आबादी के तहत दर्ज है।जिस पर जलदाय विभाग द्वारा पंप हाउस सहित एक सार्वजनिक पानी की खेल का निर्माण करवाया हुआ है। वक्त के साथ विभाग के बोरिंग सूख गए जिसके चलते विभाग के द्वारा निर्मित पंप हाउस आदि अनुपयोगी हो गए।लेकिन हमेशा की तरह पंचायतीराज चुनाव के दौरान सरकारी जमीन पर कब्जे की ताक में बैठे भू माफिया की नजर पंचायत की इस बेशकीमती जमीन पर भी लगी थी।मंगलवार की रात कस्बा निवासी कैलाश, राकेश,बंटी पुत्र लल्लू राम जाति ब्राह्मण ने मौका पाकर देर रात जेसीबी मशीन से मौके पर बने पक्के मकान को नेस्तनाबूद कर दिया।सुबह जब वहाँ बनी सार्वजनिक खेल आदि को नामोनिशान मिटा देखा तो स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया।लेकिन दो तीन दिन तक भी कब्जे की नीयत से समतल की गई इस बेशकीमती जमीन की ग्राम पंचायत ने सुध नहीं ली।तो लिखित शिकायत पर एसडीएम मौके पर सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर कस्बा बहादुरपुर मार्ग निवासी वार्ड पंच राधा शर्मा, ताराचंद,शिवलाल, हीरालाल, मनीष पोसवाल,बने सिंह व मोती लाल आदि ने एसडीएम रेणु मीणा को अतिक्रमण के विरुद्ध नामजद में लिखित शिकायत दी है।जिस पर एसडीएम मौके पर पहुंची और ध्वस्त किए गए निर्माण का अवलोकन करते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों को तलब किया।एसडीएम ने कहा कि खसरा नंबर 483 रकबा 0.35 ऐयर पर जलदाय विभाग का पक्का निर्माण है जिससे ज्यादातर हिस्से में बने पक्के निर्माण को नामजद लोगों द्वारा ध्वस्त कर समतल किया गया है।इस मामले पर जमीन के मालिकाना हक की जांच करने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

Conclusion:अतिक्रमण के निशाने पर सरकारी जमीन पंचायत चुनाव आते ही का सक्रिय होना कोई नई बात नहीं है अब भू माफियाओं ने शमशान को भी नहीं छोड़ा है। हर चुनाव की तरह इस बार गोविंदगढ़ मोड की दीवार तोड़ कर दो अतिक्रमण ने लेकिन प्रशासन सहित ग्राम पंचायत इस पर चुप्पी लगाए बैठी है। इतना ही नहीं कस्बे के मंदिर के नाम से भी माफिया बेशकीमती जमीन पर अपनी नजर लगाए बैठे हैं।

बाईट:---मनीष पोसवाल
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