रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ कस्बे के बहादुरपुर मार्ग पर जलदाय विभाग की कब्जेशुदा 0.35 हेक्टेयर जमीन पर बने 50 साल से भी पुराने पक्के निर्माण को जेसीबी चलाकर रातों-रात ध्वस्त कर दिया गया. बता दें कि यह बेशकीमती जमीन ग्राम पंचायत आबादी के तहत दर्ज है, जिस पर जलदाय विभाग की ओर से पंप हाउस सहित एक सार्वजनिक पानी की खेल का निर्माण करवाया हुआ है.
बता दें कि वक्त के साथ विभाग के सूखे बोरिंग के चलते विभाग की ओर से निर्मित पंप हाउस आदि अनुपयोगी हो गए हैं. लेकिन हमेशा की तरह पंचायतीराज चुनाव के दौरान सरकारी जमीन पर कब्जे की ताक में बैठे भू माफियाओं की नजर पंचायत की इस बेशकीमती जमीन पर भी लगी थी. मंगलवार की रात कस्बे निवासी कैलाश, राकेश, बंटी पुत्र लल्लू राम ने मौका पाकर देर रात जेसीबी मशीन से मौके पर बने पक्के मकान को नेस्तनाबूद कर दिया.
इसके बाद जब सुबह स्थानीय लोगों ने वहां बनी सार्वजनिक खेल आदि का नामो-निशान मिटा देखा तो उनमें आक्रोश फैल गया. लेकिन दो-तीन दिन तक भी कब्जे की नीयत से जमीन समतल की गई. इस बेशकीमती जमीन की ग्राम पंचायत ने सुध नहीं ली तो कस्बा बहादुरपुर मार्ग निवासी वार्ड पंच राधा शर्मा, ताराचंद, शिवलाल, हीरालाल, मनीष पोसवाल, बने सिंह और मोती लाल आदि ने एसडीएम रेणु मीणा को अतिक्रमण के विरुद्ध नामजद में लिखित शिकायत दी है. जिस पर एसडीएम मौके पर पहुंची और ध्वस्त किए गए निर्माण का अवलोकन करते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों को तलब किया.
एसडीएम ने कहा कि खसरा नंबर 483 रकबा 0.35 हेक्टेयर पर जलदाय विभाग का पक्का निर्माण है. जिससे ज्यादातर हिस्से में बने पक्के निर्माण को नामजद लोगों की ओर से ध्वस्त कर समतल किया गया है. इस मामले पर जमीन के मालिकाना हक की जांच करने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अतिक्रमण के निशाने पर सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का पंचायत चुनाव आते ही सक्रिय होना कोई नई बात नहीं है. अब तो भू माफियाओं ने शमशान को भी नहीं छोड़ा है. हर चुनाव की तरह इस बार भी गोविंदगढ़ मोड की दीवारड़ कर दी गई. लेकिन प्रशासन सहित ग्राम पंचायत इस पर चुप्पी साधे हुई है. इतना ही नहीं माफिया लोग कस्बे के मंदिर की जमीन पर भी अपनी नजर लगाए बैठे हैं.