अलवर. जिले के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल पाण्डुपोल हनुमान मंदिर व भर्तृहरि धाम पर इस बार कोरोना गाइड लाइन के कारण लक्खी मेला नहीं भरेगा. कोरोना गाइडलाइन के अंतर्गत प्रतिबंध के चलते इस बार भी दोनों ही मंदिरों पर लक्खी मेले का आयोजन नहीं होगा. इतना ही नहीं 12 से 15 सितम्बर तक दोनों मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर भी रोक रहेगी. इन तीन दिन अलवर-जयपुर मार्ग के यातायात को कुशालगढ़ से नारायणपुर, थानागाजी होकर कन्वर्ट किया जाएगा.
अलवर में पाण्डुपोल हनुमान मंदिर व भर्तृहरिधाम पर हर साल लक्खी मेला भरता है. दोनों ही धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक महत्व होने के कारण जिले के अलावा दूर दराज के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग मनोकामना पूर्ण होने की आस में यहां पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दो साल से यहां लगने वाले लक्खी मेले पर कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है.
ऐतिहासिक मंदिरों में मेलों पर ही रोक नहीं रहेगी, बल्कि श्रद्धालु आगामी 12 से 15 सितम्बर तक इन मंदिरों में दर्शन भी नहीं कर पाएंगे. मेला अवसर पर भीड़ की आशंका को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की ओर से जिला प्रशासन को आगामी 12 से 15 सितम्बर तक तीन दिन के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक का सुझाव दिया गया. इस आधार पर प्रशासन ने तीन दिन मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है.
जयपुर मार्ग रहेगा बंद
इस माह 14 सितम्बर को पाण्डुपोल व भर्तृहरि का मेला प्रस्तावित था. मेले की तिथियों में दोनों ही धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे की आशंका के चलते अलवर-जयपुर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही को 12 से 15 सितम्बर तक परिवर्तित करने का निर्णय किया गया है. इन तीन दिनों में अलवर-जयुपर मार्ग पर आने-जाने वाले वाहन सरिस्का होकर जाने के बजाय कुशालगढ़ तिराहे से वाया नारायणपुर होकर थानागाजी होते हुए संचालित होगा. वापसी में भी इसी मार्ग से आएंगे. इन आदेशों की सख्त पालना के लिए कुशालगढ़ तिराहे एवं थानागाजी प्रवेश स्थलों पर पुलिस का जाप्ता तैनात रहेगा.