अलवर. जिले में 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का का घना जंगल है. वहीं इसके अलावा जिले की प्रत्येक विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर भी घने जंगल है. इनमें हजारों की संख्या में वन्य जीव रहते हैं. अलवर में बीते सालों की तुलना में इस साल बेहतर बारिश हुई है लेकिन उसके बाद भी मौसम में बदलाव होते ही जंगल में पानी का संकट नजर आने लगा है.
पानी की होने वाली परेशानी को देखते हुए वन विभाग और सरिस्का प्रशासन की तरफ से पानी के इंतजाम भी शुरू कर दिए गए हैं. इस साल पानी की व्यवस्था भामाशाह और समाजसेवी संस्थाओं के भरोसे रहेगी. वन विभाग के पास पानी की व्यवस्था के लिए बजट की खासी कमी है.
विभाग के पास बजट की कमी:
अलवर जिले में वैसे तो साल भर पानी संकट रहता है. लेकिन गर्मियों के मौसम में पानी की काफी दिक्कत रहती है. मौसम में अचानक हुए बदलाव से तापमान में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में पानी संकट नजर आने लगा है. वन विभाग के अधिकारियों की माने तो विभाग के पास बजट की कमी है. साल भर पानी की व्यवस्था करने के लिए कम बजट मिलता है.
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सरिस्का प्रशासन ने क्या कहा:
हालांकि सरिस्का प्रशासन की तरफ से सरिस्का के आसपास क्षेत्र में बोरिंग की व्यवस्था की जा रही है. वहीं वन विभाग और सरिस्का के अधिकारियों के मुताबिक ट्यूबवेल और टैंकर से पानी की व्यवस्था की जाएगी. वन विभाग ने अभी से पानी की व्यवस्था के लिए लोगों से संपर्क करने का काम शुरू कर दिया है. जंगल में पानी भराव के स्थानों को चिन्हित कर उनमें पानी डलवाया जाएगा.