भिवाड़ी (अलवर). लॉकडाउन के चलते मजदूर तबका एक बार फिर से जीवन को ढोता हुआ नजर आ रहा है. बेशक हरियाणा और राजस्थान की सीमाएं सील हैं. लेकिन भूखे प्यासे श्रमिक कच्चे रास्तों से अपने घरों के लिए बढ़े जा रहे हैं. इस दृश्य को देखकर एक बार फिर से देश के विभाजन की तस्वीरें ताजा हो गई.
एक ओर तो सरकार विदेशों में फंसे धनाढ्य लोगों को देश में ला रही है. वहीं देश की उन्नति में योगदान देने वाला गरीब तबका अब भी सड़कों पर ही भटक रहा है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान कुछ श्रमिकों के लिए व्यवस्थाएं की गईं हैं. लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा भर साबित हो रही है.
वहीं भिवाड़ी से होकर गुजर रहे श्रमिकों की मदद को लेकर तिजारा तहसीलदार अरविंद कविया ने कहा कि पैदल जा रहे श्रमिकों के लिए भामाशाहों और सरकार की मदद से भोजन पानी की व्यवस्था बड़े स्तर पर की जा रही है. साथ ही सरकारी मदद से रोडवेज बसों के जरिए रजिस्टर्ड हो चुके श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. इसी कड़ी में पहले अलग-अलग राज्य सरकार की हरी झंडी के बाद पहले मध्यप्रदेश और अब उत्तराखंड के लिए भेजा जा रहा है.