अलवर. थानागाजी में दलित युवती के साथ हुए गैंगरेप के मामले ने देश भर की राजनीति में भूचाल ला दिया था. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मायावती ने इस पर बयान बाजी की तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीड़िता के घर पहुंचकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस बीच लगातार राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संस्थाओं की तरफ से तत्कालीन एसपी डॉ. राजीव पचार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई करने की मांग की जा रही थी. इस पर मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच कराने के आदेश दिए थे. इस पूरे मामले की दो तरह की जांच हुई.
जांच के बाद एसपी राजीव पचार को प्रशासन की तरफ से क्लीनचिट मिल चुकी है. जांच कमेटी और प्रशासन के हिसाब से इस पूरे मामले में एसपी की कोई गलती नहीं मानी गई है. वहीं, इस मामले में पीड़िता को सरकार की तरफ से सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था. इस पर सरकार ने काम लगभग पूरा कर लिया है. पीड़िता को जयपुर में कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति देने की सहमति बनी है. वहीं सरकार की तरफ से इस दिशा में आदेश भी जारी किए गए हैं. प्रशासनिक और पुलिस विभाग के सूत्रों की माने तो पीड़िता को जल्द ही कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति दी जाएगी.
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को पीड़िता अपने पति के साथ अलवर के एक पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए बाइक पर जा रही थी. उसी दौरान रास्ते में 5 दरिंदों ने दोनों को रोका. उसके बाद पीड़िता के साथ गैंगरेप किया. इस दौरान आरोपियों ने पीड़िता की वीडियो रिकॉर्डिंग भी बनाई और उसको कुछ दिनों बाद वायरल कर दिया. 30 तारीख को पीड़िता ने इस मामले में पुलिस को लिखित शिकायत दी और 2 तारीख को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. उसके बाद 8 तारीख को इस मामले में पहला आरोपी गिरफ्तार किया गया. पुलिस की तरफ से इस मामले में सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और वीडियो वायरल करने वाले युवक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में विशेष न्यायालय में बहस शुरू हो चुकी है. अभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.