अलवर. राजस्थान के अलवर में 10 से अधिक गुटखे के ब्रांड बनते हैं तो वहीं कुछ ब्रांड ऐसे हैं जो पूरे देशभर में सप्लाई होते हैं. अलवर के लोग अन्य जगहों की तुलना में गुटखा भी ज्यादा खाते हैं. प्रतिदिन लाखों रुपए का गुटखा अलवर के लोग खा जाते हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने कुछ दिनों पहले अलवर सहित पूरे प्रदेश में गुटखे पर बैन लगाते हुए, मीठी सुपारी सहित कई तरह के खाद्य पदार्थों पर रोक लगाई थी.
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा था कि गुटखा पूरी तरीके से प्रदेश में बंद होगा. इतना ही नहीं इस को लागू कराने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास किए जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुटखे पर बैन लगाते हुए इसको ऐतिहासिक कदम बताया और खुद की पीठ थपथपाई. लेकिन कुछ दिनों में इस ऐतिहासिक फैसले की पोल खोलती हुई नजर आ रही है.
उसके बाद से लगातार अलवर में खुलेआम गुटखा बिक रहा है तो वहीं इसी तरह के हालात अन्य जिलों के नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं प्रदेश सरकार की रोक का दुकानदार व्यापारी खुलेआम फायदा उठा रहे हैं तथा गुटखे की कालाबाजारी शुरू हो चुकी है. 5 रुपए की चीज 7-8 रुपए में बिक रही है तो वहीं सभी फैक्ट्रियों में गुटखे बनाने का काम भी लगातार जारी है.
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लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और सरकार इस पर आंख बंद करके बैठी हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तो गुटखे को अपनी जांच में पास भी कर दिया है. उनकी मानें तो गुटखा पूरी तरीके से जांच में ठीक मिला है और सरकार के नियमों के हिसाब से अलवर में कोई गुटखा नहीं बिक रहा है. ऐसे में साफ है कि सरकार ने लोगों के साथ खिलवाड़ किया हैं.
पहले से लगी हुई थी रोक
कांग्रेस सरकार ने गुटखे पर नई रोक नहीं लगाई है. प्रदेशभर में गुटखे पर तो पहले से ही रोक लगी हुई थी. इसीलिए सुपारी और जर्दा अलग-अलग बाजार में बिकता है. जो लोग गुटखा खाते हैं. उनको सुपारी तथा जर्दा अलग-अलग लेना पड़ता है. उसके बाद मिलाकर वो खाते हैं. ऐसे में साफ है कि प्रदेश सरकार ने गुटखा बंद करने के नाम पर केवल दिखावा किया हैं.