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राजस्थान का ये बेमिसाल सरकारी स्कूल, जहां पानी की जहाज में बैठकर पढ़ते हैं बच्चे

अलवर में ट्रेन के इंजन के बाद अब एक सरकारी स्कूल को पानी की जहाज के रूप में तब्दील कर दिया गया है. जिसको लेकर बच्चों के साथ साथ इलाके के ग्रामीण भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. ये स्कूल कई क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन चुका है.

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पानी के जहाज में तहदील हो गया सरकारी स्कूल
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Published : Jan 21, 2020, 8:04 PM IST

अलवर. ट्रेन के इंजन के बाद अब एक सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है. जिन बच्चों ने अब तक किताबों में पानी के जहाज की फोटो देखी थी. वो बच्चे अब उस जहाज नुमी भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं यह भवन आस-पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है. दूर-दूर से लोग इस भवन को देखने के लिए आने लगे हैं. इसके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आ रहे हैं.

बता दें कि अलवर के हल्दीना के सरकारी स्कूल को पानी के क्रूज के रूप में बनाया गया है. स्कूल का भवन जर्जर हो रहा था. ऐसे में सहगल फाउंडेशन को समग्र शिक्षा अभियान के इंजीनियर राजेश लवानिया का भवन को पानी के क्रूज का आकार देने का प्रस्ताव पसंद आया. कई माह की मेहनत के बाद स्कूल को एक पानी के क्रूज का आकार दिया गया.

पानी के जहाज में तहदील हो गया सरकारी स्कूल

वहीं, स्कूल के इस भवन को आकर्षक और चाइल्ड फ्रेंडली बनाया गया है. इसलिए बच्चे इसका आनंद ले रहे हैं. तो वहीं ग्रामीण भी काफी खुश हैं. स्कूल का यह नवाचार देश विदेश में चर्चा का विषय बन गया है. बच्चों के एक्टिविटी के लिए एक्टिविटी रूम भी बनाया गया है. बाहर से देखने पर यह भवन क्रोध रूपी बहुमंजिला इमारत नजर आती है. इस भवन पर क्रूज और पानी जैसी कई पेंटिंग भी की गई है. जैसे दीवारों पर डॉल्फिन मछली की 3D डिजाइन, पानी सहित अन्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं. पीछे की तरफ एक रेलिंग भी लगाई गई है. जिससे यह भवन पूरी तरीके से एक क्रूज जैसा नजर आ रहा है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव- 2020: अलवर में द्वितीय चरण के मतदान करवाने के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना

अलवर शहर के रेलवे स्टेशन स्कूल को ट्रेन के रूप देने के बाद इंदरगढ़ के सरकारी स्कूल को हवाई जहाज जैसा बनाया गया. इतना ही नहीं उमरैण स्कूल में स्वच्छता वाहिनी के रूप में शौचालय निर्मित किए गए. उसके बाद अब हल्दीना में सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है. क्रूज शेप में दो कक्षा कक्ष बनाए गए हैं. जिनका नाम एजुकेशन क्रूज रखा गया है. इन क्रूज में ग्राउंड फ्लोर पर स्मार्ट क्लास बनाई गई है. इसमें 40 बच्चों के बैठने की सुविधा है. इसके अलावा कक्षा में फर्नीचर, दीवार पर एलईडी सहित अन्य साउंड और लाइट की सुविधा है. इसमें कक्षा 6 से बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है.

अलवर. ट्रेन के इंजन के बाद अब एक सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है. जिन बच्चों ने अब तक किताबों में पानी के जहाज की फोटो देखी थी. वो बच्चे अब उस जहाज नुमी भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं यह भवन आस-पास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है. दूर-दूर से लोग इस भवन को देखने के लिए आने लगे हैं. इसके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आ रहे हैं.

बता दें कि अलवर के हल्दीना के सरकारी स्कूल को पानी के क्रूज के रूप में बनाया गया है. स्कूल का भवन जर्जर हो रहा था. ऐसे में सहगल फाउंडेशन को समग्र शिक्षा अभियान के इंजीनियर राजेश लवानिया का भवन को पानी के क्रूज का आकार देने का प्रस्ताव पसंद आया. कई माह की मेहनत के बाद स्कूल को एक पानी के क्रूज का आकार दिया गया.

पानी के जहाज में तहदील हो गया सरकारी स्कूल

वहीं, स्कूल के इस भवन को आकर्षक और चाइल्ड फ्रेंडली बनाया गया है. इसलिए बच्चे इसका आनंद ले रहे हैं. तो वहीं ग्रामीण भी काफी खुश हैं. स्कूल का यह नवाचार देश विदेश में चर्चा का विषय बन गया है. बच्चों के एक्टिविटी के लिए एक्टिविटी रूम भी बनाया गया है. बाहर से देखने पर यह भवन क्रोध रूपी बहुमंजिला इमारत नजर आती है. इस भवन पर क्रूज और पानी जैसी कई पेंटिंग भी की गई है. जैसे दीवारों पर डॉल्फिन मछली की 3D डिजाइन, पानी सहित अन्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं. पीछे की तरफ एक रेलिंग भी लगाई गई है. जिससे यह भवन पूरी तरीके से एक क्रूज जैसा नजर आ रहा है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव- 2020: अलवर में द्वितीय चरण के मतदान करवाने के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना

अलवर शहर के रेलवे स्टेशन स्कूल को ट्रेन के रूप देने के बाद इंदरगढ़ के सरकारी स्कूल को हवाई जहाज जैसा बनाया गया. इतना ही नहीं उमरैण स्कूल में स्वच्छता वाहिनी के रूप में शौचालय निर्मित किए गए. उसके बाद अब हल्दीना में सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है. क्रूज शेप में दो कक्षा कक्ष बनाए गए हैं. जिनका नाम एजुकेशन क्रूज रखा गया है. इन क्रूज में ग्राउंड फ्लोर पर स्मार्ट क्लास बनाई गई है. इसमें 40 बच्चों के बैठने की सुविधा है. इसके अलावा कक्षा में फर्नीचर, दीवार पर एलईडी सहित अन्य साउंड और लाइट की सुविधा है. इसमें कक्षा 6 से बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है.

Intro:नोट- वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप पर है

अलवर
अलवर में ट्रेन, ट्रेन के इंजन के बाद अब एक सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है। जिन बच्चों ने अब तक किताबों में पानी के जहाज की फोटो देखी थी। वो बच्चे अब उस जहाज नुमी भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह भवन आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुका है। दूर-दूर से लोग इस भवन को देखकर देखने के लिए आने लगे हैं व इसके साथ सेल्फी लेते हुए नजर आ रहे हैं।


Body:ग्रामीण क्षेत्र के जिन बच्चों ने जहाज की फोटो केवल अब तक किताबों में देखी थी, वो बच्चे अब पानी के जहाज जैसे बने एक भवन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। अलवर के हल्दीना के सरकारी स्कूल को पानी के क्रूस के रूप में बनाया गया है। स्कूल का भवन जर्जर हो रहा था। ऐसे में सहगल फाउंडेशन को समग्र शिक्षा अभियान के इंजीनियर राजेश लवानिया का भवन को पानी के क्रूस का आकार देने का प्रस्ताव पसंद आया। कई माह की मेहनत के बाद स्कूल को एक पानी के क्रूस का आकार दिया गया। स्कूल के इस भवन को आकर्षक व चाइल्ड फ्रेंडली बनाया गया है। इसलिए बच्चे इसका आनंद ले रहे हैं। तो वहीं ग्रामीण भी खासे खुश हैं। स्कूल का यह नवाचार देश विदेश में चर्चा का विषय बन गया है। बच्चों के एक्टिविटी के रूप में एक्टिविटी रूम भी बनाया गया है। बाहर से देखने पर यह भवन क्रोध रूपी बहुमंजिला इमारत नजर आती है। इस भवन पर क्रूज व पानी जैसी कई पेंटिंग भी की गई है। जैसे दीवारों पर डॉल्फिन मछली की 3D डिजाइन, पानी सहित अन्य प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। पीछे की तरफ एक रेलिंग भी लगाई गई है। जिससे यह भवन पूरी तरीके से एक क्रूज जैसा नजर आ रहा है।


Conclusion:अलवर शहर के रेलवे स्टेशन स्कूल को ट्रेन के रूप देने के बाद इंदरगढ़ के सरकारी स्कूल को हवाई जहाज जैसा बनाया गया। इतना ही नहीं उमरैण स्कूल में स्वच्छता वाहिनी के रूप में शौचालय निर्मित किए गए। उसके बाद अब हल्दीना में सरकारी स्कूल को पानी के जहाज का रूप दिया गया है। क्रूज शेप में दो कक्षा कक्ष बनाए गए हैं। जिनका नाम एजुकेशन क्रूज़ रखा गया है। इन क्रूज में ग्राउंड फ्लोर पर स्मार्ट क्लास बनाई गई है। इसमें 40 बच्चों के बैठने की सुविधा है। इसके अलावा कक्षा में फर्नीचर, दीवार पर एलईडी सहित अन्य साउंड व लाइट की सुविधा है। इसमें कक्षा 6 से बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है।
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