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Cyber Crime: होटलों में ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर हो रही ठगी, रहें सतर्क

पर्यटकों को ऑनलाइन होटल बुकिंग के नाम पर साइबर शातिर ठगी का शिकार बना रहे हैं. लोग घूमने जाने के लिए ऑनलाइन ही होटल बुकिंग के नाम पर एडवांस्ड पेमेंट कर देते हैं, जबकि मौके पर पहुंचने पर उन्हें होटल ही नहीं मिलता है. साइबर सेल ऐसे फर्जी होटलों की पड़ताल कर रही है.

Online hotel booking fraud
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Published : Mar 24, 2023, 9:13 PM IST

साइबर शातिरों का नया खेल

अलवर. राजस्थान में रोजाना हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं. डिजिटल युग में आज सारी सुविधाएं फोन पर उपलब्ध हैं. लोग घर से निकलने से पहले अपने होटल और टैक्सी की बुकिंग ऑनलाइन कर लेते हैं. अगर आप भी कहीं घूमने जा रहे हैं और होटल और टैक्सी की बुकिंग ऑनलाइन कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं. आपके साथ ठगी हो सकती है.

दरसअल इंटरनेट पर कई फर्जी होटल की साइटें भी बनी हुई हैं. ये होटल भी केवल इंटरनेट पर ही चल रहे हैं जबकि धरातल पर इनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. लोग उन साइटों पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर लेते हैं और जब वैकेशन पर जाकर होटल की लोकेशन पर पहुंचते हैं तो वहां कुछ नहीं मिलता.

राजस्थान का अलवर, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, उदयपुर, सवाई माधोपुर पर्यटन क्षेत्र में अपनी खास पहचान रखता है. साल भर यहां देसी-विदेशी पर्यटक आते रहते हैं. आजकल लोग घूमने जाने से पहले ही होटल औऱ टैक्सी आदि की बुकिंग ऑनलाइन कर लेते हैं ताकि दूसरी जगह जाकर भटकना न पड़े. पर्यटक घर से निकलने से पहले ही अपना पूरा प्लान तय कर लेते हैं. होटल, टैक्सी आदि सभी जरूरी चीजों की बुकिंग लोग ऑनलाइन कर लेते हैं. डिजिटल युग में इस सुविधा का प्रयोग करना अच्छा है लेकिन सतर्कता भी जरूरी है, क्याोंकि साइबर शातिर पोर्टल पर होटलों की फर्जी साइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना लेते हैं.

पढ़ें. जागते रहो: त्योहारी सीजन में साइबर ठगों ने बदला ठगी का पैटर्न, बचाव को सतर्क रहने की जरूरत

फर्जी साइट पर फर्जी फोटो
होटलों पर फर्जी साइट बनाकर उन पर फर्जी फोटो भी अपलोड कर दी जाती है. उन फोटो को देखकर लोग घर बैठे होटल की बुकिंग कर लेते हैं और पैसे भी ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं. अलवर के अजबगढ़ भानगढ़ क्षेत्र में एक फाइव स्टार होटल के नाम व पते का सहारा लेकर सूर्या बाग नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनी हुई है. उसमें न तो कोई जीएसटी नंबर है, न ही कोई रजिस्ट्रेशन नंबर. इतना ही नहीं रूम का किराया भी एक लाख से अधिक है. इस संबंध में जब स्थानीय लोगों व आसपास के होटल संचालकों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस नाम से कोई होटल नहीं है. इसी तरह के मामले प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी सामने आए हैं. कई ऑनलाइन फर्जी वेबसाइट बनी हुई है जिन्हें देखकर लोग होटल, रेस्टोरेंट और गाड़ियों की बुकिंग करते हैं औऱ ठगी के शिकार हो जाते हैं.

पढ़ें. जागते रहो: साइबर फ्रॉड के हो गए शिकार? करें इस Helpline Number पर शिकायत...बच जाएगी गाढ़ी कमाई

खुलेआम चल रहा फर्जीवाड़ा का खेल
इन वेबसाइट पर टेलीफोन नंबर पर बात करने वाले लोग पहले तो अच्छे से रेस्पॉन्स देते हैं. सभी सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हैं, लेकिन एक बार पैसा जमा होने के बाद फोन नहीं उठाते हैं या नंबर को ब्लैक लिस्ट कर देते हैं. खुलेआम ये फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है. हालांकि अलवर जिले में जीएसटी विभाग की तरफ से लगातार बिना रजिस्ट्रेशन के कारोबार करने वाले कारोबारी पर व्यापारियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने व उनको नोटिस देने का सिलसिला किया जा रहा है.

वहीं पुलिस भी ऑनलाइन ठगों के खिलाफ सख्त है. हाल ही में अलवर पुलिस अधीक्षक ने ऑनलाइन ठगी की घटनाओं पर तुरंत एक्शन के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया. पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि मामले की अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यह ठगी का नया तरीका है. इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई जाएगी. पुलिस की तरफ से इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएंगे.

पढ़ें. जागते रहो: साइबर ठगों ने बदला ठगी का पैटर्न, ब्लैक फंगस का इंजेक्शन दिलाने के नाम पर बना रहे शिकार, ऐसे बचें

ऑनलाइन ठगी के मामलों में अलवर बदनाम
अलवर के मेवात क्षेत्र में बैठे लोग देश-विदेश के लोगों को ठग रहे हैं. अलवर पुलिस की ओर से ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाली 400 से ज्यादा शातिरों को पकड़ा गया है. इन शातिरों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं.

समय के साथ ठगी के तरीकों में हुआ बदलाव
सालों पहले अलवर में सोने के जेवरात, मूर्तियां व सोने की ईंट सस्ते दामों पर बेचने के नाम पर देश-विदेश के लोगों को ठगा जाता था. समय के साथ ठगी के तरीके में बदलाव हुआ. अब ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ गए हैं. ओएलएक्स पर सस्ता सामान बेचने, सेक्सटॉर्शन सहित कई अन्य तरीकों से लोगों से ठगी की जा रही है.

साइबर शातिरों का नया खेल

अलवर. राजस्थान में रोजाना हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं. डिजिटल युग में आज सारी सुविधाएं फोन पर उपलब्ध हैं. लोग घर से निकलने से पहले अपने होटल और टैक्सी की बुकिंग ऑनलाइन कर लेते हैं. अगर आप भी कहीं घूमने जा रहे हैं और होटल और टैक्सी की बुकिंग ऑनलाइन कर रहे हैं तो जरा सावधान हो जाएं. आपके साथ ठगी हो सकती है.

दरसअल इंटरनेट पर कई फर्जी होटल की साइटें भी बनी हुई हैं. ये होटल भी केवल इंटरनेट पर ही चल रहे हैं जबकि धरातल पर इनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. लोग उन साइटों पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग कर लेते हैं और जब वैकेशन पर जाकर होटल की लोकेशन पर पहुंचते हैं तो वहां कुछ नहीं मिलता.

राजस्थान का अलवर, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, उदयपुर, सवाई माधोपुर पर्यटन क्षेत्र में अपनी खास पहचान रखता है. साल भर यहां देसी-विदेशी पर्यटक आते रहते हैं. आजकल लोग घूमने जाने से पहले ही होटल औऱ टैक्सी आदि की बुकिंग ऑनलाइन कर लेते हैं ताकि दूसरी जगह जाकर भटकना न पड़े. पर्यटक घर से निकलने से पहले ही अपना पूरा प्लान तय कर लेते हैं. होटल, टैक्सी आदि सभी जरूरी चीजों की बुकिंग लोग ऑनलाइन कर लेते हैं. डिजिटल युग में इस सुविधा का प्रयोग करना अच्छा है लेकिन सतर्कता भी जरूरी है, क्याोंकि साइबर शातिर पोर्टल पर होटलों की फर्जी साइट बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना लेते हैं.

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फर्जी साइट पर फर्जी फोटो
होटलों पर फर्जी साइट बनाकर उन पर फर्जी फोटो भी अपलोड कर दी जाती है. उन फोटो को देखकर लोग घर बैठे होटल की बुकिंग कर लेते हैं और पैसे भी ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं. अलवर के अजबगढ़ भानगढ़ क्षेत्र में एक फाइव स्टार होटल के नाम व पते का सहारा लेकर सूर्या बाग नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनी हुई है. उसमें न तो कोई जीएसटी नंबर है, न ही कोई रजिस्ट्रेशन नंबर. इतना ही नहीं रूम का किराया भी एक लाख से अधिक है. इस संबंध में जब स्थानीय लोगों व आसपास के होटल संचालकों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस नाम से कोई होटल नहीं है. इसी तरह के मामले प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी सामने आए हैं. कई ऑनलाइन फर्जी वेबसाइट बनी हुई है जिन्हें देखकर लोग होटल, रेस्टोरेंट और गाड़ियों की बुकिंग करते हैं औऱ ठगी के शिकार हो जाते हैं.

पढ़ें. जागते रहो: साइबर फ्रॉड के हो गए शिकार? करें इस Helpline Number पर शिकायत...बच जाएगी गाढ़ी कमाई

खुलेआम चल रहा फर्जीवाड़ा का खेल
इन वेबसाइट पर टेलीफोन नंबर पर बात करने वाले लोग पहले तो अच्छे से रेस्पॉन्स देते हैं. सभी सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हैं, लेकिन एक बार पैसा जमा होने के बाद फोन नहीं उठाते हैं या नंबर को ब्लैक लिस्ट कर देते हैं. खुलेआम ये फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है. हालांकि अलवर जिले में जीएसटी विभाग की तरफ से लगातार बिना रजिस्ट्रेशन के कारोबार करने वाले कारोबारी पर व्यापारियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने व उनको नोटिस देने का सिलसिला किया जा रहा है.

वहीं पुलिस भी ऑनलाइन ठगों के खिलाफ सख्त है. हाल ही में अलवर पुलिस अधीक्षक ने ऑनलाइन ठगी की घटनाओं पर तुरंत एक्शन के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया. पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि मामले की अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यह ठगी का नया तरीका है. इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई जाएगी. पुलिस की तरफ से इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएंगे.

पढ़ें. जागते रहो: साइबर ठगों ने बदला ठगी का पैटर्न, ब्लैक फंगस का इंजेक्शन दिलाने के नाम पर बना रहे शिकार, ऐसे बचें

ऑनलाइन ठगी के मामलों में अलवर बदनाम
अलवर के मेवात क्षेत्र में बैठे लोग देश-विदेश के लोगों को ठग रहे हैं. अलवर पुलिस की ओर से ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाली 400 से ज्यादा शातिरों को पकड़ा गया है. इन शातिरों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं.

समय के साथ ठगी के तरीकों में हुआ बदलाव
सालों पहले अलवर में सोने के जेवरात, मूर्तियां व सोने की ईंट सस्ते दामों पर बेचने के नाम पर देश-विदेश के लोगों को ठगा जाता था. समय के साथ ठगी के तरीके में बदलाव हुआ. अब ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ गए हैं. ओएलएक्स पर सस्ता सामान बेचने, सेक्सटॉर्शन सहित कई अन्य तरीकों से लोगों से ठगी की जा रही है.

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