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अलवर: रामगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय राजेश पायलट को दी श्रद्धांजलि

रामगढ़ में पूर्व कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि मनाई गई. इस मौके पर ग्रामीणों ने उनके कामों को याद किया. राजेश पायलट राजनीति में आने से पहले भारतीय वायुसेना में पायलट थे. 1980 में वो भरतपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीते भी.

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Published : Jun 11, 2020, 6:34 PM IST

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र्व कांग्रेसी नेता और मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि मनाई गई

रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ में पूर्व कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि मनाई गई. ग्रामीणों ने उनकी फोटो पर फूल मालाएं चढ़ाई और श्रद्धांजलि अर्पित की. लोगों ने उनके कामों को याद किया.

राजेश पायलट का पहले नाम राजेश्वर प्रसाद था

मालाखेड़ा में सरपंच हिम्मत सिंह सुमेल, पूर्व प्रधान शिव लाल गुर्जर, जमालपुर में समाजसेवी प्रभु सिंह साधु सिंह, ओंकार सिंह, ने फूल चढ़ा कर पुण्यतिथि मनाई. इसके अलावा बिलन्दी, सुमेल, जमालपुर, अकबरपुर, नटनी का बारा, धरमपुरा, परसा का बास सहित दर्जनों गांवों में राजेश पायलट को याद किया गया.

राजेश पायलट पहले वायुसेना में थे. भारत पाकिस्तान के बीच लड़े गए 1971 के युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाद में वो राजनीति में आए. राजेश पायलट 1980 में भरतपुर से लोकसभा के लिए चुने गए. अगले लोकसभा चुनावों में वो दौसा से चुनाव मैदान में थे. राजेश पायलट राजीव गांधी की सरकार में मंत्री भी रहे थे.

पढ़ें: गैर कांग्रेसी विधायकों को डरा रही गहलोत सरकार : ओंकार सिंह लखावत

राजेश पायलट का पहले नाम राजेश्वर प्रसाद था. लेकिन वायुसेना छोड़ने के बाद उनके दोस्त राजीव गांधी उन्हें राजनीति में ले आए, और राजेश्वर प्रसाद ने अपने सरनेम में पायलट जोड़ लिया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने और राजेश पायलट उनकी सरकार में मंत्री.

1980 के बाद से लगातार दो दशकों तक उन्होंने दिल्ली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. 11 जून, 2001 को जयपुर के पास एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. राजेश पायलट की राजनीतिक विरासत को अब उनके बेटे सचिन पायलट आगे बढ़ा रहे हैं. सचिन पायलट राजस्थान की मौजूदा कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं.

रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ में पूर्व कांग्रेसी नेता और कैबिनेट मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि मनाई गई. ग्रामीणों ने उनकी फोटो पर फूल मालाएं चढ़ाई और श्रद्धांजलि अर्पित की. लोगों ने उनके कामों को याद किया.

राजेश पायलट का पहले नाम राजेश्वर प्रसाद था

मालाखेड़ा में सरपंच हिम्मत सिंह सुमेल, पूर्व प्रधान शिव लाल गुर्जर, जमालपुर में समाजसेवी प्रभु सिंह साधु सिंह, ओंकार सिंह, ने फूल चढ़ा कर पुण्यतिथि मनाई. इसके अलावा बिलन्दी, सुमेल, जमालपुर, अकबरपुर, नटनी का बारा, धरमपुरा, परसा का बास सहित दर्जनों गांवों में राजेश पायलट को याद किया गया.

राजेश पायलट पहले वायुसेना में थे. भारत पाकिस्तान के बीच लड़े गए 1971 के युद्ध में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाद में वो राजनीति में आए. राजेश पायलट 1980 में भरतपुर से लोकसभा के लिए चुने गए. अगले लोकसभा चुनावों में वो दौसा से चुनाव मैदान में थे. राजेश पायलट राजीव गांधी की सरकार में मंत्री भी रहे थे.

पढ़ें: गैर कांग्रेसी विधायकों को डरा रही गहलोत सरकार : ओंकार सिंह लखावत

राजेश पायलट का पहले नाम राजेश्वर प्रसाद था. लेकिन वायुसेना छोड़ने के बाद उनके दोस्त राजीव गांधी उन्हें राजनीति में ले आए, और राजेश्वर प्रसाद ने अपने सरनेम में पायलट जोड़ लिया. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने और राजेश पायलट उनकी सरकार में मंत्री.

1980 के बाद से लगातार दो दशकों तक उन्होंने दिल्ली में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. 11 जून, 2001 को जयपुर के पास एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. राजेश पायलट की राजनीतिक विरासत को अब उनके बेटे सचिन पायलट आगे बढ़ा रहे हैं. सचिन पायलट राजस्थान की मौजूदा कांग्रेस सरकार में उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं.

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