अलवर. बीते दिनों पश्चिमी विक्षोभ और तूफान के चलते अलवर में तेज बारिश हुई है. जिससे खेतों में नमी आ गई है. ऐसे में किसानों की ओर से फसल के लिए जुताई शुरू कर दी गई है. लेकिन जिले के किसान खाद-बीज की दुकान नहीं खुलने से परेशान हैं. उनका गुस्सा जिला कलेक्टर के उस आदेश पर है. जिसमें खाद-बीज की दुकान सिर्फ बुधवार को ही खोलने का फरमान जारी किया गया है.
किसानों का कहना है कि बाजरे की बुवाई के दौरान किसान हुक्का पीने में लग जाए तो उसका नुकसान फसल में हो जाता है. तीन दिन दुकान बंद रखने के आदेश जारी करने वाले अफसरों को खेती-किसानी की ना तो समझ है और नाहीं चिंता है. दरअसल क्षेत्र में अच्छी बारिश के बाद किसानों ने खेत तैयार कर लिए हैं. कृषि विभाग ने भी गत दिनों हुई बारिश की नमी को बुवाई के लिए मुफीद माना है, लेकिन किसान के हाथ में बीज नहीं होने से वह बेबस महसूस कर रहे हैं. इसी दौरान किसान जैसे-तैसे कर बीज लेने शहर पहुंच रहे हैं.
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दुकानदारों से संपर्क भी करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई विक्रेता दुकान खोल बीज देने का जोखिम नहीं ले रहा है. किसानों ने कहा कि बाजरे का बीज नहीं मिल रहा है. यह संकट का समय है लेकिन किसान पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. हफ्ते में 3 दिन ही दुकान खुल रही है. किसान गांव से बीज खरीदने के लिए आते हैं और तब तक बाजार बंद होने लगता है. जल्द कुछ नहीं किया गया तो बीज और खाद की कालाबाजारी शुरू हो जाएगी.
पेट्रोल की भी नहीं हो रही व्यवस्था..
किसानों को ट्रैक्टर और अन्य मशीनें चलाने के लिए पेट्रोल की आवश्यकता होती है. पेट्रोल पंप दिन में 11 बजे के आसपास बंद हो जाते हैं. ऐसे में पेट्रोल के लिए किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि कुछ किसानों ने पेट्रोल का स्टॉक रखना शुरू कर दिया है. लेकिन उसके बाद भी काफी दिक्कतें आ रही है. लंबे समय से लॉकडाउन के दौरान सभी दुकानें बंद हैं. मशीनें खराब होने के कारण किसान का काम बीच में रुक रहा है.