शाहजहांपुर (अलवर). शाहजहांपुर बॉर्डर से किसानों का पलायन लगातार जारी है. इससे किसान आंदोलन की धार कमजोर होती जा रही है. पिछले 24 घंटे में बॉर्डर से सैकड़ों किसान टेंट उखाड़ कर पलायन कर चुके हैं. पलायन कर रहे किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में जाकर टेंट लगा रहे हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार हरियाणा बॉर्डर पर कैंप लगने से किसानों गुटों में बंट गए हैं.
शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान कृषि कानून के खिलाफ धरने पर हैं. अब इसी बीच किसानों में दरार की खबरें आ रही हैं. इस दरार की वजह किसानों के एक गुट का हरियाणा में कैंप लगाना बताया जा रहा है. किसानों के एक गुट ने गुरुवार को हरियाणा बॉर्डर पर जबरन बैरिकेड्स तोड़ दिए थे और ट्रैक्टर-ट्रालियों को लेकर हरियाणा बॉर्डर में चले गए थे. इस दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज भी किया था और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. इसके बाद इन किसानों के टेंट जो बॉर्डर पर लगे थे, उन्हें उखाड़ कर ले गए और हरियाणा में करीब 30 किलोमीटर अंदर जाकर डेरा डालकर पड़ाव शुरू कर दिया. शुक्रवार को दूसरे दिन भी दर्जनों टेंट उखाड़ कर किसान पलायन कर जाते दिखाई दिए. इससे बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है.
एक तरफ पहले किसान नेता रामपाल जाट ने राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर अलग कैंप लगाया था. वहीं हनुमान बेनीवाल ने भी पड़ाव स्थल से कुछ दूरी पर अपना कैंप लगाया. अब किसानों का हरियाणा में कैंप लगाना धीरे-धीरे कहीं इस आंदोलन को कमजोर न कर दे.
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कड़ाके की सर्दी की वजह से अब कुछ किसान घरों को लौटने के बेताब दिखाई दिए और वो लौटने लगे हैं. शाहजहांपुर में पिछले कई दिन से चल रहे किसानों के महापड़ाव में दूसरे दिन भी किसानों के एक गुट ने महापड़ाव स्थल से टेंट उखाड़ कर बॉर्डर छोड़ दिया है. उनका कहना है वे हरियाणा में एंट्री कर टेंट लगाएंगे. टेंट उखाड़ रहे किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने टेंट तंबू उखाड़ लिए है और हरियाणा में ले जाकर पड़ाव देंगे.
इस गुट के किसानों का कहना है कि उनके साथी हरियाणा में चले गए. इसलिए वे टेंट और तंबुओं को उखाड़ कर ले जा रहे हैंं. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हरियाणा में पड़ाव (Mahapadav in Haryana) देकर रहेंगे.