अलवर. दसवीं कक्षा के बाद छात्रों को विषय चुनने में खासी परेशानी होती है. परिजन और दोस्तों के दबाव में छात्र गलत विषय चुन लेते हैं. ऐसे में बारहवीं कक्षा के बाद तकनीकी शिक्षा और नौकरी पाने में खासी परेशानी उठानी पड़ती है. छात्रों की समस्या का समाधान करने के लिए रोजगार विभाग ने दसवीं कक्षा के छात्रों की विषय चुनने में मदद करने की योजना तैयार की है.
इस योजना के तहत शुरुआत में अलवर शहर के 10 स्कूलों के बच्चों का ऑनलाइन टेस्ट लिया जाएगा. उसके आधार पर बच्चों को विषय के बारे में जानकारी दी जाएगी. राजस्थान में पहली बार रोजगार विभाग की तरफ से यह नवाचार किया जा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया के साइक्लोजिक विभाग की मदद से ली जाएगी परीक्षा
दसवीं कक्षा में छात्रों को अपने विषय के चयन करने में खासी दिक्कत होती है. बच्चे अपने परिजन माता पिता दोस्तों की सलाह के अनुसार विषय का चुनाव करते हैं. कुछ बच्चे बारहवीं कक्षा के बाद अपना विषय बदलते हैं. उनको कई तरह की दिक्कत होती है. ग्रेजुएशन व तकनीकी शिक्षा में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पढ़ाई पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी युवाओं को नौकरी नहीं मिलती है. ऐसे में राजस्थान में पहली बार रोजगार विभाग की तरफ से विषय का चयन करने में बच्चों की मदद करने का फैसला लिया गया है. ऑस्ट्रेलिया के साइक्लोजिक विभाग के डॉक्टर के बनाए हुए प्रश्न पत्रों के माध्यम से बच्चों की परीक्षा ली जाएगी. उसके बाद ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से बच्चों से बातचीत की जाएगी. उसके आधार पर उनके विषय चुनने में उनकी मदद की जाएगी.
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रोजगार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है. जिला कलेक्टर के माध्यम से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से इस प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद इस पर काम शुरू होगा. स्कूल संचालकों की मदद से बच्चों के टेस्ट किए जाएंगे. उनके नंबरों के आधार पर विशेषज्ञ विषय के बारे में जानकारी देंगे रोजगार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उनकी तरफ से केवल विषय चुनने में मदद की जाएगी. छात्र इसके अलावा भी कोई भी विषय ले सकता है. समय के साथ नौकरी के विकल्प में भी बदलाव होने लगा है. अब कई नए विकल्प तैयार हुए हैं.
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रोजगार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान में पहली बार यह नवाचार अलवर से किया जा रहा है. इस संबंध में आईआईटी पास आउट इंजीनियर साइकोलॉजी में विशेष योग्यता रखने वाले लोगों द्वारा योजना तैयार की गई है. उन्हीं की मदद से यह पूरी टेस्ट और बच्चों को नंबर देने की प्रक्रिया की जाएगी. सब कुछ ठीक रहा तो अलवर में जल्द ही रोजगार विभाग की तरफ से यह काम शुरू होगा. इसका पूरा फायदा बच्चों को मिलेगा विभाग के अधिकारियों की माने तो प्राइवेट स्कूल के साथ सरकारी स्कूल के बच्चों को भी विषय का चुनाव करने में मदद मिलेगी.