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अलवर : मुण्डावर में निजी स्कूल के शिक्षकों ने CM के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, तत्काल राहत देने की मांग

अलवर के मुण्डावर में शुक्रवार को निजी स्कूल के शिक्षकों ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही तत्काल राहत देने की मांग की.

Teacher submitted memorandum to Tehsildar, लॉकडाउन से शिक्षक वर्ग परेशान
शिक्षक ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 5, 2020, 1:52 PM IST

मुण्डावर (अलवर). क्षेत्र के निजी स्कूल के शिक्षकों ने निजी शिक्षक महासंघ राजस्थान के बैनर तले पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही लॉकडाउन में उन्हें भी राहत देने की मांग भी की.

निजी स्कूल शिक्षक संघ ने ज्ञापन में बताया कि कोरोना वायरस के कारण गत दो माह से लॉकडाउन है. इसके चलते निजी स्कूल बंद होने से इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षिकाएं बेरोजगार हो गए हैं. उनके परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा और कहीं ना कहीं मदद भी की है, लेकिन निजी स्कूल के शिक्षकों को सरकार ने बेरोजगार नहीं मानते हुए, अब तक कोई राहत की घोषणा नहीं की है.

पढ़ेंः CM गहलोत ने दी विश्व पर्यावरण दिवस पर बधाई

जबकि इनके पास आजीविका चलाने के लिए निजी स्कूल की नौकरी के अलावा कोई स्रोत नहीं हैं. इन्होंने सरकार से लॉकडाउन के दो माह का वेतन दिलाने, वेतन ऑनलाइन बैंक खातों के माध्यम से दिलाने, पीएफ कटौती होने, निजी स्कूलों द्वारा मध्य सत्र में कार्यमुक्त नहीं करने सहित तत्काल राहत देने की मांग की है. ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष सत्यवीर सिंह, सोनू चौधरी, प्रदीप कुमार, संदीप कोक मौजूद रहें.

मुण्डावर (अलवर). क्षेत्र के निजी स्कूल के शिक्षकों ने निजी शिक्षक महासंघ राजस्थान के बैनर तले पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही लॉकडाउन में उन्हें भी राहत देने की मांग भी की.

निजी स्कूल शिक्षक संघ ने ज्ञापन में बताया कि कोरोना वायरस के कारण गत दो माह से लॉकडाउन है. इसके चलते निजी स्कूल बंद होने से इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षिकाएं बेरोजगार हो गए हैं. उनके परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा और कहीं ना कहीं मदद भी की है, लेकिन निजी स्कूल के शिक्षकों को सरकार ने बेरोजगार नहीं मानते हुए, अब तक कोई राहत की घोषणा नहीं की है.

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जबकि इनके पास आजीविका चलाने के लिए निजी स्कूल की नौकरी के अलावा कोई स्रोत नहीं हैं. इन्होंने सरकार से लॉकडाउन के दो माह का वेतन दिलाने, वेतन ऑनलाइन बैंक खातों के माध्यम से दिलाने, पीएफ कटौती होने, निजी स्कूलों द्वारा मध्य सत्र में कार्यमुक्त नहीं करने सहित तत्काल राहत देने की मांग की है. ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष सत्यवीर सिंह, सोनू चौधरी, प्रदीप कुमार, संदीप कोक मौजूद रहें.

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