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सरकारी कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार का फरमान...अगर शराब पीकर मां-बाप से साथ करोगे बदसलूकी तो आधा वेतन परिवार को

राजस्थान सरकार ने एक फरमान जारी किया है कि अगर कोई कर्मचारी शराब पीकर अपनी पत्नी बच्चों और मां-बाप को कष्ट देगा, तो उसका आधा वेतन परिजनों के खाते में जमा हो जाएगा. इस बारे में सरकार के कार्मिक विभाग ने फरमान जारी कर दिया है.

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Published : Sep 21, 2019, 9:21 PM IST

अलवर. राजस्थान सरकार ने एक फरमान जारी किया है कि अगर कोई कर्मचारी शराब पीकर अपनी पत्नी बच्चों और मां-बाप को कष्ट देगा, तो उसका आधा वेतन परिजनों के खाते में जमा हो जाएगा.

सरकारी कर्मचारी नशे का आदी तो उसका आधा वेतन परिवार को मिलेगा

बता देगी सरकारी आदेश के मुताबिक अगर किसी राजसेवक को शराब पीने की आदत है और परिवार के प्रति अपने फर्ज का निर्वाह नही कर रहा है तो उसकी तनख्वाह का आधा हिस्सा पत्नी के खाते में जमा करा दिया जाएगा. सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियम में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अगर सरकार के किसी कर्मचारी को शराब पीने की लत है और वह अपने परिवार को ठीक से भरण पोषण नही कर पा रहा है तो उसे अपने वेतन के आधे हिस्से से हाथ से धोना पड़ेगा.

पढ़ेंः अलवर: बहरोड़ के कन्या महाविद्यालय के प्रथम सत्र में प्रवेश के लिए आए 63 आवेदन

सरकारी आदेश के अनुसार अगर किसी कर्मचारी के आचरण को लेकर कोई परिजन शिकायत करेगा या किसी भरोसेमंद सूत्र से जानकारी मिलेगी कि वह शराब जैसी नशीले पदार्थ की गिरफ्त में है तो जांच के बाद उसका आधा वेतन पत्नी के खाते में जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी. इधर कर्मचारी नेता पंकज शर्मा का कहना है कि सरकार का यह आदेश स्वागत योग्य है. बहुत से कर्मचारी शराब सहित अन्य कई तरह के नशों के आदी हैं. ऐसे में वे अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नही कर पा रहे हैं.

अलवर. राजस्थान सरकार ने एक फरमान जारी किया है कि अगर कोई कर्मचारी शराब पीकर अपनी पत्नी बच्चों और मां-बाप को कष्ट देगा, तो उसका आधा वेतन परिजनों के खाते में जमा हो जाएगा.

सरकारी कर्मचारी नशे का आदी तो उसका आधा वेतन परिवार को मिलेगा

बता देगी सरकारी आदेश के मुताबिक अगर किसी राजसेवक को शराब पीने की आदत है और परिवार के प्रति अपने फर्ज का निर्वाह नही कर रहा है तो उसकी तनख्वाह का आधा हिस्सा पत्नी के खाते में जमा करा दिया जाएगा. सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियम में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अगर सरकार के किसी कर्मचारी को शराब पीने की लत है और वह अपने परिवार को ठीक से भरण पोषण नही कर पा रहा है तो उसे अपने वेतन के आधे हिस्से से हाथ से धोना पड़ेगा.

पढ़ेंः अलवर: बहरोड़ के कन्या महाविद्यालय के प्रथम सत्र में प्रवेश के लिए आए 63 आवेदन

सरकारी आदेश के अनुसार अगर किसी कर्मचारी के आचरण को लेकर कोई परिजन शिकायत करेगा या किसी भरोसेमंद सूत्र से जानकारी मिलेगी कि वह शराब जैसी नशीले पदार्थ की गिरफ्त में है तो जांच के बाद उसका आधा वेतन पत्नी के खाते में जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी. इधर कर्मचारी नेता पंकज शर्मा का कहना है कि सरकार का यह आदेश स्वागत योग्य है. बहुत से कर्मचारी शराब सहित अन्य कई तरह के नशों के आदी हैं. ऐसे में वे अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नही कर पा रहे हैं.

Intro:अलवर।
शराब पीने व पिलाने में अपनी पगार को लूटाने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर है। राजस्थान सरकार ने एक फरमान जारी किया है कि अगर कोई कर्मचारी शराब पीकर अपनी पत्नी बच्चों और मां-बाप को कष्ट देगा। तो उसका आधा वेतन परिजनों के खाते में जमा हो जाएगा। इस बारे में सरकार के कार्मिक विभाग ने फरमान जारी कर दिया है। वही अलवर के कर्मचारी नेता पंकज शर्मा का कहना है यह आदेश स्वागत योग्य है।


Body:आपको बता देगी सरकारी आदेश के मुताबिक अगर किसी राजसेवक को शराब पीने की आदत है और परिवार के प्रति अपने फर्ज का निर्वाह नहीं कर रहा है तो उसकी तनख्वाह का आधा हिस्सा पत्नी के खाते में जमा करा दिया जाएगा। सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियम में बदलाव कर दिया है। इसके तहत अगर सरकार के किसी कर्मचारी को शराब पीने की लत है और वह अपने परिवार को ठीक से भरण पोषण नहीं कर पा रहा है। तो उसे अपने वेतन के आधे हिस्से से हाथ से धोना पड़ेगा। परिजनों में पत्नी ए अवयस्क विकलांग पुत्र-पुत्री और बुजुर्ग मां-बाप को शामिल किया गया है। सरकारी आदेश के अनुसार अगर किसी कर्मचारी के आचरण को लेकर कोई परिजन शिकायत करेगा या किसी भरोसेमंद सूत्र से जानकारी मिलेगी कि वह शराब जैसी नशीले पदार्थ की गिरफ्त में है। तो जांच के बाद उसका आधा वेतन पत्नी के खाते में जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी। अभी इसका कोई ठीक-ठीक आकलन नहीं है कि कितने लोग शराब पीते हैं। मगर सरकारी आंकड़ों के हिसाब से राजकीय खजाने में राजस्व जमा कराने आबकारी विभाग का स्थान है।


Conclusion:इधर कर्मचारी नेता पंकज शर्मा का कहना है कि सरकार का यह आदेश स्वागत योग्य है। बहुत से कर्मचारी शराब सहित अन्य कई तरह के नसों के आदी हैं। ऐसे में वे अपने परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर पा रहे हैं। सरकार के आदेश के अनुसार अगर परिजन लिखित में इस संबंध में शिकायत देंगे तो उक्त कार्मिक का आधा वेतन उनको मिलेगा।
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