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अलवर के बानसूर में दलित दूल्हे की बिंदोरी में पुलिस बाराती

अलवर के बानसूर उपखंड क्षेत्र के गांव बुटेरी में दलित दूल्हे की बिंदोरी में घोड़ी पर नहीं बैठने का मामला सामने आया था, जिसमें दूल्हे के परिजनों द्वारा जिला कलेक्टर से सुरक्षा की मांग की गई थी, जिसमें गुरुवार को दूल्हे की बिंदोरी पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली गई है.

अलवर न्यूज, alwar news
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Published : Nov 21, 2019, 5:37 PM IST

बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर क्षेत्र में दलित दूल्हे की बिंदोरी पर नहीं चढ़ने दिए जाने का मामला 4 दिन पहले दर्ज कराया गया था. जिसमें परिजनों द्वारा उपखंड अधिकारी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर सुरक्षा की मांग की गई थी. मामले में गुरुवार को बुटेरी गांव में आज दलित दुल्हे की बारात पुलिस और बानसूर प्रशासन की देखरेख में निकाली गई है, जहां दूल्हे की बिंदोरी के चारों तरफ पुलिस का घेरा नजर आया.

दलित दूल्हे की शादी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में निकाली बिंदोरी

जानकारी के अनुसार 4 दिन पूर्व दलित समाज के लोगों ने बानसूर उपखंड अधिकारी राकेश मीना को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की थी, कि ग्राणीणों दूल्हे को घोडी पर चढ़ने से ऐतराज था, इसीलिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत है. इसी को लेकर आज गांव बुटेरी में बानसूर, हरसौरा, बहरोड़ और ततारपुर का पुलिस जाप्ता बुलाया गया. वहीं सुरक्षा को लेकर बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू और तहसीलदार जगदीश बैरवा भी मौके पर पहुंचे.

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पुलिस सुरक्षा के बीच में दलित दुल्हे की बिंदोरी निकाली गयी, जिससे पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया. वहीं दुल्हे के आगे चल रहे बाराती नांच गा रहे थे लेकिन, पुलिस की गाड़ी बिंदोरी के आगे पीछे चलती नजर आयी.

बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू ने बताया कि परिवादी मदन मेघवाल ने परिवाद दिया था, कि उनके घर में एक शादी है जिसको लेकर शादी की निकासी में दूल्हे और परिवार के साथ कोई घटना घटित हो सकती है. उसी की सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए आज गांव बुटेरी में बानसूर प्रशासन सहित पुलिस जाप्ता की मौजूदगी में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गयी और शांति पूर्ण तरीके से बिंदोरी निकाली गयी है, इसमें कई थानो का जाप्ता मौजूद रहा है.

पढ़ें- उदयपुर में Mayor चुनाव के लिए बीजेपी ने गोविंद सिंह टाक तो कांग्रेस ने अरुण टाक पर लगाया दांव

वहीं तहसीलदार जगदीश बैरवा का कहना है कि गांव बूटेरी में दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर बिंदोरी नहीं निकाली गयी. इस दौरान कोई भी घटना घटित नहीं हुई है और शांति पूर्ण तरीके से दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई गयी है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव के सभी लोग यहा शिक्षित हैं, और सर्व जातीय सम्मान इस गांव में किया जाता है. ये महज एक अफवाह थी कि इस परिवार को झूठी धमकी दी गई ऐसा कुछ नहीं था.

बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर क्षेत्र में दलित दूल्हे की बिंदोरी पर नहीं चढ़ने दिए जाने का मामला 4 दिन पहले दर्ज कराया गया था. जिसमें परिजनों द्वारा उपखंड अधिकारी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर सुरक्षा की मांग की गई थी. मामले में गुरुवार को बुटेरी गांव में आज दलित दुल्हे की बारात पुलिस और बानसूर प्रशासन की देखरेख में निकाली गई है, जहां दूल्हे की बिंदोरी के चारों तरफ पुलिस का घेरा नजर आया.

दलित दूल्हे की शादी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में निकाली बिंदोरी

जानकारी के अनुसार 4 दिन पूर्व दलित समाज के लोगों ने बानसूर उपखंड अधिकारी राकेश मीना को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की थी, कि ग्राणीणों दूल्हे को घोडी पर चढ़ने से ऐतराज था, इसीलिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत है. इसी को लेकर आज गांव बुटेरी में बानसूर, हरसौरा, बहरोड़ और ततारपुर का पुलिस जाप्ता बुलाया गया. वहीं सुरक्षा को लेकर बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू और तहसीलदार जगदीश बैरवा भी मौके पर पहुंचे.

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पुलिस सुरक्षा के बीच में दलित दुल्हे की बिंदोरी निकाली गयी, जिससे पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया. वहीं दुल्हे के आगे चल रहे बाराती नांच गा रहे थे लेकिन, पुलिस की गाड़ी बिंदोरी के आगे पीछे चलती नजर आयी.

बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू ने बताया कि परिवादी मदन मेघवाल ने परिवाद दिया था, कि उनके घर में एक शादी है जिसको लेकर शादी की निकासी में दूल्हे और परिवार के साथ कोई घटना घटित हो सकती है. उसी की सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए आज गांव बुटेरी में बानसूर प्रशासन सहित पुलिस जाप्ता की मौजूदगी में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गयी और शांति पूर्ण तरीके से बिंदोरी निकाली गयी है, इसमें कई थानो का जाप्ता मौजूद रहा है.

पढ़ें- उदयपुर में Mayor चुनाव के लिए बीजेपी ने गोविंद सिंह टाक तो कांग्रेस ने अरुण टाक पर लगाया दांव

वहीं तहसीलदार जगदीश बैरवा का कहना है कि गांव बूटेरी में दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर बिंदोरी नहीं निकाली गयी. इस दौरान कोई भी घटना घटित नहीं हुई है और शांति पूर्ण तरीके से दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई गयी है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव के सभी लोग यहा शिक्षित हैं, और सर्व जातीय सम्मान इस गांव में किया जाता है. ये महज एक अफवाह थी कि इस परिवार को झूठी धमकी दी गई ऐसा कुछ नहीं था.

Intro:Body:अलवर के बानसूर
बानसूर उपखंड क्षेत्र के गांव बुटेरी में दलित दूल्हे की बिनोरी में घोड़ी पर बिनोरी नहीं निकालने का था मामला परिजनों ने मेघवाल समाज अध्यक्ष की ओर से उपखंड अधिकारी को 4 दिन पूर्व अपनी सुरक्षा को मांग को लेकर जिला कलेक्टर के नाम दिया था ज्ञापन



एंकर- आज भारत डिजिटल कितना ही हो गया हो लेकिन हिन्दुस्तान में आज ग्रामीण क्षेत्रों में जाति पाति व छुआछूत जैसी परम्परा चलती है। और दलित को आज भी शादी में घोडी पर बैठने पर ऐतराज किया जाता है ऐसा ही मामला बानसूर मे आया है जहां बानसूर के गांव बुटेरी में आज 21.11.2019 को दलित दुल्हे की बारात पुलिस प्रशासन व बानसूर प्रशासन की देखरेख में निकाली गई। चार दिन पूर्व दलित समाज के लोगो ने बानसूर उपखंड अधिकारी राकेश मीना को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की थी कि गांव में दूल्हे को घोडी पर चढने से ऐतराज था उसी को लेकर सुबह गांव बुटेरी में बानसूर, हरसौरा, बहरोड व ततारपुर का पुलिस जाप्ता बुलाया गया वहीं सुरक्षा को लेकर बहरोड डीएसपी अतुल शाहू व तहसीलदार जगदीश बैरवा भी मौके पर पहुंचे और पुलिस सुरक्षा के बीच में दलित दुल्हे की बिंदोरी निकाली गयी। जिससे पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया। वहीं दुल्हे के आगे चल रहे बाराती नांच गा रहे थे लेकिन पुलिस की गाड़ी बिंदोरी के आगे पीछे चलती नजर आयी। और हथियार बंद जवान दूल्हे के आगे पीछे चलते नजर आये

ट्रांस - बहरोड डीएसपी अतुल शाहू का कहना है कि परिवादी मदन मेघवाल ने परिवाद दिया था कि उनके घर में एक शादी है जिसको लेकर शादी की निकासी में दूल्हे व परिवार के साथ कोई घटना घटित हो सकती है उसी की सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए आज गांव बुटेरी में बानसूर प्रशासन सहित पुलिस जाप्ता की मौजूदगी में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गयी और शांति पूर्ण तरीके से बिंदोरी निकाली गयी है इसमें क ई थानो का जाप्ता मौजूद रहा

ट्रांस - तहसीलदार जगदीश बैरवा का कहना है कि गांव बूटेरी में आजादी के 72 साल बाद भी दलित दूसरे को घोडी पर बैठकर बिंदोरी नहीं निकाली गयी और परिवार की सुरक्षा को लेकर परिवादी के द्वारा बानसूर उपखंड अधिकारी राकेश मीना को समाज के लोगो ने सुरक्षा की मांग को लेकर ज्ञापन दिया था कोई भी घटना घटित नहीं हुई है और शांति पूर्ण तरीके से दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई गयी है।



ट्रांस :- वहीं स्थानीय ग्रामीण का कहना है कि यह गांव शिक्षित लोगों से है सभी लोग यहा शिक्षित है सर्व जातीय सम्मान इस गांव में किया जाता है ये महज एक अफवाह थी इस परिवार को झूठी धमकी दी गई ऐसा कुछ नहीं था।


बाईट -बहरोड डीएसपी - अतुल शाहू

बाईट - बानसूर तहसीलदार - जगदीश बैरवाConclusion:
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