बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर क्षेत्र में दलित दूल्हे की बिंदोरी पर नहीं चढ़ने दिए जाने का मामला 4 दिन पहले दर्ज कराया गया था. जिसमें परिजनों द्वारा उपखंड अधिकारी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर सुरक्षा की मांग की गई थी. मामले में गुरुवार को बुटेरी गांव में आज दलित दुल्हे की बारात पुलिस और बानसूर प्रशासन की देखरेख में निकाली गई है, जहां दूल्हे की बिंदोरी के चारों तरफ पुलिस का घेरा नजर आया.
जानकारी के अनुसार 4 दिन पूर्व दलित समाज के लोगों ने बानसूर उपखंड अधिकारी राकेश मीना को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग की थी, कि ग्राणीणों दूल्हे को घोडी पर चढ़ने से ऐतराज था, इसीलिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत है. इसी को लेकर आज गांव बुटेरी में बानसूर, हरसौरा, बहरोड़ और ततारपुर का पुलिस जाप्ता बुलाया गया. वहीं सुरक्षा को लेकर बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू और तहसीलदार जगदीश बैरवा भी मौके पर पहुंचे.
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पुलिस सुरक्षा के बीच में दलित दुल्हे की बिंदोरी निकाली गयी, जिससे पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया. वहीं दुल्हे के आगे चल रहे बाराती नांच गा रहे थे लेकिन, पुलिस की गाड़ी बिंदोरी के आगे पीछे चलती नजर आयी.
बहरोड़ डीएसपी अतुल शाहू ने बताया कि परिवादी मदन मेघवाल ने परिवाद दिया था, कि उनके घर में एक शादी है जिसको लेकर शादी की निकासी में दूल्हे और परिवार के साथ कोई घटना घटित हो सकती है. उसी की सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए आज गांव बुटेरी में बानसूर प्रशासन सहित पुलिस जाप्ता की मौजूदगी में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गयी और शांति पूर्ण तरीके से बिंदोरी निकाली गयी है, इसमें कई थानो का जाप्ता मौजूद रहा है.
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वहीं तहसीलदार जगदीश बैरवा का कहना है कि गांव बूटेरी में दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर बिंदोरी नहीं निकाली गयी. इस दौरान कोई भी घटना घटित नहीं हुई है और शांति पूर्ण तरीके से दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई गयी है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव के सभी लोग यहा शिक्षित हैं, और सर्व जातीय सम्मान इस गांव में किया जाता है. ये महज एक अफवाह थी कि इस परिवार को झूठी धमकी दी गई ऐसा कुछ नहीं था.