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Special : बढ़ रहा VIP नंबरों का क्रेज, 5 महीने में 280 लोग लगा चुके हैं बोली

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Published : Jun 3, 2023, 6:43 PM IST

उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद अब अलवर में भी वाहनों के लिए वीआईपी नंबरों का क्रेज बढ़ रहा है. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वीआईपी नंबर से विभाग को करीब 50 लाख रुपए का राजस्व मिला है. पढ़िए क्यों इन वीआईपी नंबर को पसंद करते हैं लोग और कैसे बना ये स्टेटस सिंबल...

VIP Numbers for vehicle
VIP Numbers for vehicle
अलवर में भी बढ़ रहा वाहनों के लिए VIP नंबरों का क्रेज

अलवर. नोएडा, दिल्ली की तर्ज पर अब अलवर में भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर लेने का क्रेज लोगों में देखा जा रहा है. युवा, बुजुर्ग, कारोबारी या नेता, सभी अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं. इस साल जनवरी से अब तक 280 लोगों ने अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर खरीदे हैं. इसमें से कई नंबरों के लिए लोगों ने बोली भी लगाई गई है. पिछले 4 माह में सबसे महंगी बोली 2 लाख 2 हजार रुपए की लगी है.

परिवहन विभाग का हो रहा फायदा : अलवर परिवहन ऑफिस के जिला परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि एक जनवरी से अब तक सामान्य नंबर 26 हजार 895 जारी किए गए हैं, जबकि 280 लोगों ने वीआईपी नंबर लिए हैं. इससे विभाग को 46 लाख 67 हजार रुपए का राजस्व मिला है. 4 महीने में सबसे बड़ी बोली 2 लाख 2 हजार रुपए की लगी है.

पढ़ें. गजब का शौक: 71 हजार की एक्टिवा के लिए खरीदा 15 लाख का वीआईपी नंबर

क्या है वीआईपी नंबर लेने की प्रक्रिया : वीआईपी नंबर अलॉट करने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा रही है. जब व्यक्ति गाड़ी रजिस्ट्रेशन के लिए शोरूम में जाता है, तभी अपना नंबर वहां चूज कर सकते हैं. ये नंबर आपको पोर्टल पर दिख जाएगा. यहां पर उस सीरीज के सभी नंबर दिखाई देंगे. उसमें से आप अपने लिए एक नंबर ले सकते हैं.

ज्यादा बोली लगाने पर नंबर उसे होती है अलॉट : यदि एक ही नंबर के लिए दो आदमी आवेदन करते हैं तो फिर उस नंबर के लिए बोली लगाई जाती है. यह बिड ऑनलाइन ही लगती है. जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है, वो उस नंबर को अपने वाहन के लिए खरीद लेता है. वीआईपी नंबरों के लिए अलग-अलग कीमत निर्धारित होती हैं. इसकी जानकारी पोर्टल पर ही मिलती है. नंबर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑनलाइन ही राशि जमा करनी होती है.

पढ़ें. जयपुर शहर के वाहन अब आरजे- 60 सीरीज में होंगे पंजीकृत, पुरानी सीरीज आरजे-45 हुई खत्म

4 महीने में लगी सबसे बड़ी बोली : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 4 महीनों में एक कार की सीरीज CJ0001 के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई गई. इससे विभाग को 2 लाख 2 हजार रुपए का राजस्व मिला है. इसके अलावा भी कई नंबरों के लिए बोली लगी है. लोगों में लगातार वीआईपी नंबरों का क्रेज बढ़ रहा है. इससे परिवहन विभाग को फायदा हो रहा है.

अभी चलने वाली रजिस्ट्रेशन की सीरीज : परिवहन विभाग के डीटीओ ने बताया कि जो लोग अपने वाहन के लिए वीआईपी नंबर लेने के इच्छुक हैं, वे अभी चल रही सीरीज के बाद आने वाली 3 सीरीज में अपना नंबर बुक करा सकते हैं. इसके लिए परिवहन विभाग की साइट पर आवेदन करना होगा और वहां नंबर नजर आएंगे. अगर व्यक्ति आगे आनी वाली सीरीज में से नंबर चुनता है तो वर्तमान मे चल रहीं सीरीज के बाद हर सीरीज पर कुछ प्रतिशत बढ़ाकर पैसा देना होगा.

अलवर में भी बढ़ रहा वाहनों के लिए VIP नंबरों का क्रेज

अलवर. नोएडा, दिल्ली की तर्ज पर अब अलवर में भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर लेने का क्रेज लोगों में देखा जा रहा है. युवा, बुजुर्ग, कारोबारी या नेता, सभी अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं. इस साल जनवरी से अब तक 280 लोगों ने अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर खरीदे हैं. इसमें से कई नंबरों के लिए लोगों ने बोली भी लगाई गई है. पिछले 4 माह में सबसे महंगी बोली 2 लाख 2 हजार रुपए की लगी है.

परिवहन विभाग का हो रहा फायदा : अलवर परिवहन ऑफिस के जिला परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि एक जनवरी से अब तक सामान्य नंबर 26 हजार 895 जारी किए गए हैं, जबकि 280 लोगों ने वीआईपी नंबर लिए हैं. इससे विभाग को 46 लाख 67 हजार रुपए का राजस्व मिला है. 4 महीने में सबसे बड़ी बोली 2 लाख 2 हजार रुपए की लगी है.

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क्या है वीआईपी नंबर लेने की प्रक्रिया : वीआईपी नंबर अलॉट करने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा रही है. जब व्यक्ति गाड़ी रजिस्ट्रेशन के लिए शोरूम में जाता है, तभी अपना नंबर वहां चूज कर सकते हैं. ये नंबर आपको पोर्टल पर दिख जाएगा. यहां पर उस सीरीज के सभी नंबर दिखाई देंगे. उसमें से आप अपने लिए एक नंबर ले सकते हैं.

ज्यादा बोली लगाने पर नंबर उसे होती है अलॉट : यदि एक ही नंबर के लिए दो आदमी आवेदन करते हैं तो फिर उस नंबर के लिए बोली लगाई जाती है. यह बिड ऑनलाइन ही लगती है. जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है, वो उस नंबर को अपने वाहन के लिए खरीद लेता है. वीआईपी नंबरों के लिए अलग-अलग कीमत निर्धारित होती हैं. इसकी जानकारी पोर्टल पर ही मिलती है. नंबर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑनलाइन ही राशि जमा करनी होती है.

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4 महीने में लगी सबसे बड़ी बोली : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले 4 महीनों में एक कार की सीरीज CJ0001 के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई गई. इससे विभाग को 2 लाख 2 हजार रुपए का राजस्व मिला है. इसके अलावा भी कई नंबरों के लिए बोली लगी है. लोगों में लगातार वीआईपी नंबरों का क्रेज बढ़ रहा है. इससे परिवहन विभाग को फायदा हो रहा है.

अभी चलने वाली रजिस्ट्रेशन की सीरीज : परिवहन विभाग के डीटीओ ने बताया कि जो लोग अपने वाहन के लिए वीआईपी नंबर लेने के इच्छुक हैं, वे अभी चल रही सीरीज के बाद आने वाली 3 सीरीज में अपना नंबर बुक करा सकते हैं. इसके लिए परिवहन विभाग की साइट पर आवेदन करना होगा और वहां नंबर नजर आएंगे. अगर व्यक्ति आगे आनी वाली सीरीज में से नंबर चुनता है तो वर्तमान मे चल रहीं सीरीज के बाद हर सीरीज पर कुछ प्रतिशत बढ़ाकर पैसा देना होगा.

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