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अलवर में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी को फांसी की सजा

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Published : Jun 12, 2019, 7:59 PM IST

अलवर जिले के बहरोड़ थाना क्षेत्र में एक 5 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोप में अलवर पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. यह मामला साल 2015 का है. अलवर में दुष्कर्म के मामले में फांसी की यह सजा का दूसरा फैसला है.

बच्ची से दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

अलवर. जिले के बहरोड़ थाना क्षेत्र में साल 2015 में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोप में अलवर की पोक्सो कोर्ट ने बुधवार को आरोपी राजकुमार को फांसी की सजा सुनाई है. अलवर में दुष्कर्म के मामले में फांसी की यह सजा का दूसरा फैसला है. पोक्सो न्यायालय नंबर एक के विशिष्ट न्यायाधीश अजय शर्मा ने 2015 में एक बच्ची से दुष्कर्म व उसकी निर्मम हत्या करने के आरोप में राजकुमार उर्फ धर्मेंद्र को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

बच्ची से दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

प्रकरण के अनुसार 1 फरवरी 2015 को बहरोड़ क्षेत्र में एक 5 साल की बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने से राजकुमार नाम का युवक उसे पास के खंडहर में ले गया. खंडहर में ले जाने के बाद उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया व पुलिस से बचने व पूरे मामले को गुमराह करने के लिए उसने पत्थर से बच्ची का सिर कुचल कर उसकी हत्या कर दी. इस मामले में आरोपी ने धारदार चीज से बच्ची के गुप्तांगों पर भी चोट पहुंचाई. जिसका बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था.

पोक्सो न्यायालय संख्या एक के सरकारी वकील विनोद शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने राजकुमार को इस मामले में दोषी करार दिया है. इस मामले से जुड़े हुए सभी गवाहों ने इस बात की पुष्टि की थी कि आरोपी बच्ची को अपने साथ उठाकर लेकर गया था. वहीं आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने खंडहर से बच्ची का शव बरामद किया था.

इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें व सभी गवाहों के बयान सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया है. न्यायालय ने आरोपी की दरिंदगी को देखते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. विनोद शर्मा ने बताया न्यायालय ने धारा 302 में फांसी की सजा सुनाई है. इसके अलावा विभिन्न धाराओं में भी सजा सुनाई गई है.

अलवर. जिले के बहरोड़ थाना क्षेत्र में साल 2015 में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोप में अलवर की पोक्सो कोर्ट ने बुधवार को आरोपी राजकुमार को फांसी की सजा सुनाई है. अलवर में दुष्कर्म के मामले में फांसी की यह सजा का दूसरा फैसला है. पोक्सो न्यायालय नंबर एक के विशिष्ट न्यायाधीश अजय शर्मा ने 2015 में एक बच्ची से दुष्कर्म व उसकी निर्मम हत्या करने के आरोप में राजकुमार उर्फ धर्मेंद्र को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

बच्ची से दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

प्रकरण के अनुसार 1 फरवरी 2015 को बहरोड़ क्षेत्र में एक 5 साल की बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने से राजकुमार नाम का युवक उसे पास के खंडहर में ले गया. खंडहर में ले जाने के बाद उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया व पुलिस से बचने व पूरे मामले को गुमराह करने के लिए उसने पत्थर से बच्ची का सिर कुचल कर उसकी हत्या कर दी. इस मामले में आरोपी ने धारदार चीज से बच्ची के गुप्तांगों पर भी चोट पहुंचाई. जिसका बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था.

पोक्सो न्यायालय संख्या एक के सरकारी वकील विनोद शर्मा ने बताया कि न्यायालय ने राजकुमार को इस मामले में दोषी करार दिया है. इस मामले से जुड़े हुए सभी गवाहों ने इस बात की पुष्टि की थी कि आरोपी बच्ची को अपने साथ उठाकर लेकर गया था. वहीं आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने खंडहर से बच्ची का शव बरामद किया था.

इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें व सभी गवाहों के बयान सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया है. न्यायालय ने आरोपी की दरिंदगी को देखते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. विनोद शर्मा ने बताया न्यायालय ने धारा 302 में फांसी की सजा सुनाई है. इसके अलावा विभिन्न धाराओं में भी सजा सुनाई गई है.

Intro: अलवर अलवर के बहरोड़ क्षेत्र स्थित रिवाली गांव में साल 2015 में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व उसकी हत्या के आरोप में अलवर की विशेष न्यायालय ने बुधवार को राजकुमार नाम के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। अलवर में दुष्कर्म के मामले में फांसी की यह दूसरी सजा है।


Body:पॉस्को न्यायालय नंबर वन के विशिष्ट न्यायाधीश अजय शर्मा ने बच्ची से दुष्कर्म व उसकी निर्मम हत्या के आरोप में राजकुमार उर्फ धर्मेंद्र को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने 1 फरवरी 2015 को बहरोड़ रिवाली गांव के पास एक 4 साल की बच्ची को टोफी दिलाने के बहाने से गांव का ही रहने वाला राजकुमार नाम का युवक उसे पास के खंडहर में ले गया। खंडार में ले जाने के बाद उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया व पुलिस से बचने व पूरे मामले को गुमराह करने के लिए उसमें पत्थर से बच्ची का सर कुचल कर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में आरोपी ने धारदार चीज से बच्ची के गुप्तांगों पर भी चोट पहुंचाई व उन पर हमला किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ था।


Conclusion:पोस्को न्यायालय संख्या 1 के सरकारी वकील विनोद शर्मा ने बताया की न्यायालय ने राजकुमार को इस मामले में दोषी करार दिया। इस मामले से जुड़े हुए सभी गवाहों ने इस बात की पुष्टि की थी कि आरोपी बच्ची को अपने साथ उठाकर लेकर गया था। तो वहीं आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने खंडहर से बच्ची का शव बरामद किया था। इस पर न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील व सभी गवाहों के बयान सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायालय ने आरोपी की दरिंदगी को देखते हुए समाज को बेहतर संदेश देने के लिए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। विनोद शर्मा ने बताया न्यायालय ने धारा 302 में फांसी की सजा सुनाई है तो वही 376 में आजीवन कारावास 363 व 366 में 7 साल की सजा सुनाई है। तो वहीं इस मामले का निर्णय आने में कुल 4 साल का समय लगा है। बाइट- विनोद शर्मा, सरकारी वकील
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