जयपुर : जयपुर हेरिटेज नगर निगम को बुधवार सुबह तक नया महापौर मिल जाएगा. पट्टों के बदले रिश्वत के मामले में जयपुर हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को सरकार की ओर से निलंबित कर न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. यूडीएच मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि मुनेश गुर्जर जांच में दोषी साबित हुई तो 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगी. मंत्री ने यह भी स्पष्ट कहा कि महापौर बीजेपी के खेमे से ही बनेगी और ये शुभ सूचना बुधवार सुबह तक मिल जाएगी.
महापौर के निलंबन के बाद कांग्रेस पार्षद भी खुश नजर आए और मंत्री को मिठाई खिलाने पहुंचे. उधर, मुनेश गुर्जर अपने घर से नदारद मिली. उनके घर से मिली जानकारी के अनुसार वो फिलहाल दिल्ली में हैं. जयपुर हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर को पट्टों के बदले रिश्वत प्रकरण में आखिर आज सरकार ने उनके पद से निलंबित कर दिया है. इस मामले में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि उनके खिलाफ पट्टों में अनावश्यक देरी करके अपने पति के माध्यम से रिश्वत लेने का आरोप है, जो एसीबी की जांच में भी स्पष्ट हो चुका है और विभागीय जांच में भी साफ हो गया.
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मुनेश गुर्जर को खिलाफ सारे ठोस सबूत प्राप्त करने के बाद उन्हें सफाई का पर्याप्त मौका भी दिया गया. और आज शाम उनका महापौर और पार्षद पद से निलंबन के आदेश जारी कर दिए. इसके साथ ही न्यायिक जांच के भी आदेश जारी कर दिए हैं. वहीं, महापौर के नए चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि कार्यवाहक महापौर बीजेपी से ही होगा. आज रात को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के आने के बाद पार्षदों, विधायकों और सांसदों से राय मशवरा करके कार्यवाहक महापौर का चयन कर, कल शाम या परसों सुबह तक फैसला कर देंगे.
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब मुनेश गुर्जर के वापस महापौर पद पर आने का कोई रास्ता नहीं छोड़ा है. ठोस सबूत के साथ पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए उन्हें अपने बचाव का पूरा मौका देने के बाद ये कार्रवाई की है. अब उन्हें न तो उच्च न्यायालय से और ना ही सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल सकती है. इस दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली दोनों बार जब मुनेश गुर्जर को निलंबित किया गया तो जानबूझकर कमियां छोड़ी गई. इसका फायदा राजस्थान उच्च न्यायालय के माध्यम से उन्हें मिला, लेकिन अब कोई कमी नहीं छोड़ी.
उन्हें अपने बचाव का पर्याप्त समय भी दिया उसके बाद महापौर पार्षद पद से निलंबित करने का फैसला लिया है. उन पर जो आरोप है वो सिद्ध हुए हैं और न्यायिक जांच में और सिद्ध हो जाएंगे. उसके बाद ये भी संभव है कि आने वाले 6 साल तक वो चुनाव लड़ने से भी अयोग्य हो जाए. महापौर के निलंबन के साथ ही बीजेपी पार्षदों के साथ-साथ कांग्रेस पार्षदों के एक गुट में भी खुशी की लहर दौड़ी. सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस पार्षद मनोज मुद्गल तो मिठाइयां लेकर मंत्री आवास पर जा पहुंचे.
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इस पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्षद भी विकास और पारदर्शिका के पक्ष में है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यवाहक महापौर बीजेपी के खेमे से ही होगी और इस पर कल दिन या परसों सुबह तक शुभ सूचना मिल जाएगी. उधर, कांग्रेस पार्षद मनोज मुद्गल ने कहा कि भ्रष्टाचार के युग का अंत हुआ है. कांग्रेस पार्षद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ थे. पूरा हेरिटेज नगर निगम खत्म हो गया था. खुशी है कि राज्य की बीजेपी सरकार ने मुनेश गुर्जर को महापौर पद से निलंबित किया है और अब नया आने वाला वर्ष विकास का वर्ष होगा.
निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के खात्मे और विकास को आगे बढ़ाने के लिए वो खुश है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीते 3 साल में मुनेश गुर्जर और उनके पति ने आय से अधिक संपत्ति और करोड़ों रुपए के लेनदेन किए हैं. उनकी भी जांच की जाए. वहीं कांग्रेस बोर्ड होने के बावजूद अब बीजेपी का महापौर बनाने की तैयारी पर मनोज मुद्गल ने कहा कि विकास जो करेगा उसका महापौर बनेगा. पार्षदों के आंकड़े भी लगभग बराबर हैं.