अलवर. देश में सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाला दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह से टूटा हुआ है. 240 किलोमीटर लंबे हाईवे पर अंडर पास व फ्लाईओवर के काम 13 साल से अधूरे पड़े हुए हैं. पूरे हाईवे पर सैकड़ों अवैध कट बने हुए हैं. जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं. दो बार देश के परिवहन मंत्री हाईवे का काम पूरा करने का दावा कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी हालात जस के तस हैं. सरकार लोगों से मोटा टोल वसूलती है. हाईवे की लागत का कई गुना टोल सरकार अब तक वसूल चुकी है.
दिल्ली-जयपुर व्यस्ततम हाईवे पर 160 से ज्यादा जगह जानलेवा कट व (Repairing work on Delhi Jaipur Highway) गड्ढे हैं. सबसे ज्यादा हादसे जयपुर से चंदवाजी, अचरोल, मनोहरपुर, सुरपुरा, आसपुरा, शिवपुरी, निम्स यूनिवर्सिटी, शाहपुरा, पावटा, कोटपूतली, पावर हाउस, पनियाला मोड़, भिवाड़ी, बहरोड़, नीमराना, बावल, रेवाड़ी, रामपुर, खेड़ा बॉर्डर क्षेत्र में होते हैं. सभी जगह डिवाइडर टूटे हुए हैं. ऐसे में लोगों को रफ्तार में सड़क पार करनी पड़ती है. साथ ही दिनभर हाईवे पर खुलेआम जानवर घूमते हैं, जिसके चलते हादसे होते हैं.
टोल के नाम पर करोड़ों वसूल चुकी सरकार : पुलिस आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल हाईवे पर होने वाले हादसों से 300 लोगों की जान जाती है. सरकार 13 साल से लगातार टोल वसूली कर रही है और अब तक 173 फीसदी से ज्यादा टोल वसूली हो चुकी है. हाईवे की कुल लागत 3678 करोड रुपए आंकी गई. अप्रैल 2009 से दिसंबर 2021 तक इस राजमार्ग पर 6384 करोड़ रुपए का टोल वसूला जा चुका है. 2009 में जयपुर से गुरुग्राम तक 4 लेन सड़क को छह लेन बनाने का काम शुरू हुआ, जो 2011 में पूरा होना था. लेकिन एमओयू के तहत पीसीआईपीएल कंपनी को काम पूरा होने से पहले अप्रैल 2009 में टोल वसूली की अनुमति मिल गई. जयपुर से शाहजहांपुर तक 154 किलोमीटर लंबे मार्ग पर तीन जगह पर टोल वसूली होती है.
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कब होना था काम, क्या थी डेडलाइन : दिल्ली-जयपुर हाईवे का काम 13 साल से अधूरा पड़ा हुआ है. जयपुर-गुडगांव नेशनल हाईवे को चार लेन से छह लेन करने का काम 3 अप्रैल 2009 को शुरू हुआ था. इसे पूरा करने की पहली समय सीमा 1 अक्टूबर 2011 निर्धारित की गई थी. इसके बाद जून 2012, दिसंबर 2012, दिसंबर 2013, जनवरी 2015 सहित कई डेडलाइन निर्धारित हुई, लेकिन हाईवे का काम पूरा नहीं हुआ.
टोल का क्या है खेल : 2009 में इस राजमार्ग के शाहजहांपुर टोल नाके के लिए टोल की दर (Toll Tax on Delhi Jaipur Highway) 80 रुपये थी, जो अब बढ़कर 155 रुपए हो गई है. इस तरह से 10 पहिया वाले ट्रक के लिए 2009 में टोल दर 551 रुपए थी, जो बढ़कर 880 रुपए तक पहुंच गई है. पीसीएल कंपनी ने 3 जून 2022 तक इस मार्ग पर टोल वसूली की एनएचएआई ने जून 2022 में ईसीपीएल को बाहर कर उसकी जगह रोडवेज सलूरा इंडिया इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को टोल वसूली का ठेका दिया. शाहजहांपुर के अलावा इस मार्ग पर कार्य के लिए मनोहरपुर में 75 रुपए व दौलतपुर में 65 रुपए टोल लिया जाता है.
नेशनल हाईवे पर होते हैं ज्यादा हादसे : उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद राजस्थान में सबसे (Accidents on National Highway) ज्यादा नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों में लोगों की जान गई है. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2021 में राजस्थान में 31.90 फीसदी सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए और राजस्थान में 34.50 प्रतिशत मौत रिपोर्ट की गई. राज्य के मार्गों पर 16.1 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुईं और 18.6 प्रतिशत लोगों की मौत हुई. देश में सड़कों पर होने वाले हादसों में एक तिहाई 31.8 प्रतिशत हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर होते हैं. साल 2021 में राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 7859 लोगों की जान गई. महाराष्ट्र में 3528, कर्नाटक में 3330 और राजस्थान में 3320 लोगों की जान गई.
मंत्री दो बार दे चुके हैं बयान : 15 सितंबर 2014 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए शर्मिंदगी जाहिर की थी. उन्होंने 100 दिन की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि दिल्ली-जयपुर हाईवे एक काले धब्बे की तरह है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी हुई है. प्रोजेक्ट को 2015 तक पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन इसके बाद भी इस हाईवे का काम पूरा नहीं हुआ. परिवहन मंत्री के इस बयान को 7 साल बीत चुके हैं. इसके अलावा भी कई बार उन्होंने दिल्ली जयपुर हाईवे को लेकर बयान दिया. काम पूरा करने की बात कही. एक बार उन्होंने बस से इस हाईवे पर दिल्ली से कोटपूतली तक का सफर भी तय किया.
एनएचएआई ने दिसंबर 2023 में काम पूरा करने की एक बार फिर डेडलाइन जारी की है. लेकिन यह डेडलाइन भी (Delhi Jaipur Highway Construction work Deadline ) केवल फाइलों तक सीमित नजर आ रही है. दिल्ली जयपुर हाइवे के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय आर्य ने कहा कि 225 किलोमीटर लंबे हाईवे पर 57 पुल अधूरे हैं. जल्द ही 7 पुराने पुल का काम पूरा किया जाएगा, साथ ही 8 नए पुल बनेंगे. कंपनी को काम पूरा करने के लिए 18 महीने की डेडलाइन दी गई है. इससे पहले इस हाईवे का काम पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे.