अलवर. बानसूर पंचायत समिति प्रधान की वोटिंग के दौरान रोचक मामला सामने आया है. दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को 11-11 वोट मिलने पर मामला बराबरी का हो गया. इस पर निर्वाचन व उपखंड प्रशासन ने लॉटरी सिस्टम का सहारा लिया. इसमें कांग्रेस की सुमन यादव के भाग्य ने साथ दिया. सुमन यादव को प्रधान घोषित कर दिया गया. जबकि चुनाव में ज्यादा सीटें जीतने वाली भाजपा के हाथ से प्रधान का पद निकल गया.
बता दें कि पंचायत समिति के 23 वार्डों में से 10 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. कांग्रेस को सिर्फ 6 सीट मिलीं. निर्दलीयों ने 7 सीटों पर कब्जा किया था. कांग्रेस एवं बीजेपी ने प्रधान पद के लिए अपने-अपने प्रत्याशी उतारे.
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पंचायत समिति में प्रधान पद के लिए मतदान करवाया गया. मामला बराबरी पर आने से दोनों खेमो में सन्नाटा पसर गया. प्रशासन ने लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जिसमें कांग्रेस की सुमन यादव पत्नी सुभाष चंद यादव प्रधान चुनी गईं. बानसूर उपखंड अधिकारी ने नवनिर्मित प्रधान को पद की शपथ ग्रहण करवाई. यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरी सबसे पहले प्राथमिकता बानसूर में विकास करवाना है. क्षेत्र में साफ व्यवस्था को बेहतर बनाना है. नवनिर्वाचित प्रधान को पुलिस कस्टडी में उनके गांव कांजीपुरा तक बानसूर डीवाईएसपी सुभाष गोदारा, थानाअधिकारी अवतार सिंह एवं पुलिस जाब्ते के बीच ले जाया गया.