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अलवर नगर परिषद में सभापति-उपसभापति के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव खारिज

अलवर नगर परिषद में सभापति व उप सभापति के किलाफ कांग्रेस की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज हो गय. जिला कलेक्टर के निर्देश पर आज बोर्ड की बैठक हुई. 12 बजे तक सभी पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम प्रथम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया.

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Published : Feb 22, 2019, 2:35 PM IST

कांग्रेस का अविश्वास प्रसताव खारिज


अलवर. नगर परिषद में सभापति और उप सभापति के खिलाफ कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज हो गया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार को बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें केवल पांच पार्षद सदन में पहुंचे. वहीं,12 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया.

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस ने अलवर नगर परिषद सभापति और उपसभापति के लिए अविश्वास प्रस्ताव जिला कलेक्टर को दिया था. उसमें 40 पार्षदों के नाम शामिल थे. जिला कलेक्टर ने 22 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाने की तारीख तय की थी. जिसमें शुक्रवार को सभी 40 पार्षदों को मौजूद होकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए सहमति देनी थी, लेकिन तय समय के हिसाब से नगर परिषद के सभागार में एडीएम प्रथम ओपी जैन जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू की गई. ऐसे में सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात यह थी कि पूरी प्रक्रिया के दौरान केवल पांच पार्षद मौजूद रहे.

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कांग्रेस का अविश्वास प्रसताव खारिज

अलवर नगर परिषद में 11 कांग्रेस, 23 भाजपा और 16 निर्दलीय पार्षद हैं. अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस को 39 पार्षदों का समर्थन चाहिए था. जिसमें कांग्रेस की तरफ से 40 पार्षदों की सूची जिला कलेक्टर को दी गई थी. इस पर जिला कलेक्टर के निर्धारित तारीख 22 फरवरी को जब बैछक हुई तो कांग्रेस के चार और आप पार्टी के एक पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में शामिल हुए.

12 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम प्रथम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस पार्षद मुकेश सैनी और कपिल राज शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा पर पैसे लेने और सभापति पर अन्य पार्षदों को पैसे में खरीदने का आरोप लगाया है.

अब कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि पूरा शहर गर्त में जा रहा है. नगर परिषद में करोड़ों का घोटाला हो रहा है. सफाई के ठेके से लेकर सभी कार्यों में गड़बड़ी चल रही है. शहर के विकास को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन कांग्रेसी पार्षदों की खरीद-फरोख्त के चलते पार्षद नहीं आ पाए. जिसके चलते कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.

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अलवर. नगर परिषद में सभापति और उप सभापति के खिलाफ कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज हो गया. जिला कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार को बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें केवल पांच पार्षद सदन में पहुंचे. वहीं,12 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया.

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस ने अलवर नगर परिषद सभापति और उपसभापति के लिए अविश्वास प्रस्ताव जिला कलेक्टर को दिया था. उसमें 40 पार्षदों के नाम शामिल थे. जिला कलेक्टर ने 22 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाने की तारीख तय की थी. जिसमें शुक्रवार को सभी 40 पार्षदों को मौजूद होकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए सहमति देनी थी, लेकिन तय समय के हिसाब से नगर परिषद के सभागार में एडीएम प्रथम ओपी जैन जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू की गई. ऐसे में सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात यह थी कि पूरी प्रक्रिया के दौरान केवल पांच पार्षद मौजूद रहे.

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कांग्रेस का अविश्वास प्रसताव खारिज

अलवर नगर परिषद में 11 कांग्रेस, 23 भाजपा और 16 निर्दलीय पार्षद हैं. अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस को 39 पार्षदों का समर्थन चाहिए था. जिसमें कांग्रेस की तरफ से 40 पार्षदों की सूची जिला कलेक्टर को दी गई थी. इस पर जिला कलेक्टर के निर्धारित तारीख 22 फरवरी को जब बैछक हुई तो कांग्रेस के चार और आप पार्टी के एक पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में शामिल हुए.

12 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम प्रथम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया. जिसके बाद कांग्रेस पार्षद मुकेश सैनी और कपिल राज शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा पर पैसे लेने और सभापति पर अन्य पार्षदों को पैसे में खरीदने का आरोप लगाया है.

अब कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि पूरा शहर गर्त में जा रहा है. नगर परिषद में करोड़ों का घोटाला हो रहा है. सफाई के ठेके से लेकर सभी कार्यों में गड़बड़ी चल रही है. शहर के विकास को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन कांग्रेसी पार्षदों की खरीद-फरोख्त के चलते पार्षद नहीं आ पाए. जिसके चलते कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया.

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Intro:अलवर नगर परिषद में सभापति व उप सभापति को लेकर कांग्रेस की तरफ से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव आज खारिज हो गया। जिला कलेक्टर के निर्देश पर आज बोर्ड की बैठक हुई। इसमें केवल पांच पार्षद सदन में पहुचे। 12 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया।


Body:प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही कांग्रेस ने अलवर नगर परिषद सभापति व उपसभापति के लिए अविश्वास प्रस्ताव जिला कलेक्टर को दिया। उसमें 40 पार्षदों के नाम शामिल थे। जिला कलेक्टर ने 22 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाने की तारीख तय की थी। आज सभी 40 पार्षदों को मौजूद होकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए सहमति देनी थी। लेकिन तह समय के हिसाब से नगर परिषद के सभागार में एडीएम वन ओपी जैन जिला प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू हुई। पूरी प्रक्रिया के दौरान केवल 5 पार्षद पहुचे।


अलवर नगर परिषद में 11 कांग्रेस, 23 भाजपा व निर्दलीय 16 पार्षद हैं। अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस को 39 पार्षदों का समर्थन चाहिए था। कांग्रेस की तरफ से 40 पार्षदों की सूची जिला कलेक्टर को दी गई थी। इस पर जिला कलेक्टर ने 22 फरवरी की तारीख निर्धारित की थी। आज कांग्रेस के 4 व आप पार्टी का एक पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में पहुंचा। इसमें कपिल राज शर्मा, मुकेश सैनी, सैनी अजय पूनिया व निरंजन सैनी शामिल थे।

12:00 बजे तक अन्य पार्षदों के नहीं आने पर एडीएम प्रथम ओपी जैन ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किया वहीं कांग्रेस पार्षद मुकेश सैनी व कपिल राज शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र मीणा पर पैसे लेने व सभापति पर अन्य पार्षदों को पैसे में खरीदने का आरोप लगाया है।


Conclusion:कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि पूरा शहर गर्त में जा रहा है। नगर परिषद में करोड़ों का घोटाला हो रहा है। सफाई के ठेके से लेकर सभी कार्यों में गड़बड़ी चल रही है। शहर के विकास को देखते हुए कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन कांग्रेसी पार्षदों की खरीद-फरोख्त के चलते पार्षद नहीं आ पाए।
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