राजगढ़ (अलवर). राजगढ़ में अतिक्रमण के नाम पर मंदिर तोड़ने के मामले में भाजपा नेता का वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने सफाई दी (Clarification of Rajgarh BJP leader on viral video) है. भाजपा नेता महंत प्रकाश दास ने कहा कि पुलिस ने मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर दबाव बनाते हुए एसएचओ के कमरे में वीडियो बनवाया है. उनका आरोप है कि अतिक्रमण तोड़ने पर थाने में SDM और पालिका ईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए परिवाद दिया गया था. इसलिए दबाव डालकर वीडियो बनवाया और वायरल कर दिया.
राजगढ़ कस्बे में जहां मास्टर प्लान के तहत अतिक्रमण हटाने के नाम पर मंदिर, घर और दुकानों को बुलडोजर से तोड़ने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे ठिकाना गंगाबाग के दादू पंथ की गद्दी के महंत प्रकाश दास का एक वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में महंत प्रकाश दास वैश्य समाज को लेकर आपत्तिजनक बयान देते नजर आ रहे हैं. वीडियो में राजगढ़ में हटाए गए अतिक्रमण पर महंत खुशी जाहिर करते दिखे. इस वीडियो में महंत कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा शॉर्टकट से सत्ता में पहुंची है. भाजपा वाले नारा देते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे.
पढ़ें: राजगढ़ में मंदिर तोड़ने पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान, ईओ से रिपोर्ट तलब
वीडियो में वे कह रहे हैं कि अब मंदिर बन गया है, तो अब उन्होंने मथुरा का मुद्दा छेड़ दिया है. अगर कांग्रेस ने भारतीय संस्कृति को नहीं छोड़ा होता, तो इतनी दुर्दशा नहीं होती. अगर कांग्रेस सही होती, तो भारतीय जनता पार्टी को कौन पूछ रहा था. इस वीडियो में वे वैश्य वर्ग के लिए भी आपत्तिजनक शब्द बोलते नजर आए. जब अधिकारी ने उनसे पूछा कि अधिकारियों ने इतना अच्छा काम किया है, तो बाहर जाकर प्रशंसा क्यों नहीं करते. इस पर उन्होंने कहा कि प्रशंसा करने की कोई बात नहीं है. लेकिन इस अतिक्रमण को हटाने से 99 परसेंट लोग खुश हैं और हमें राजनीति करनी होती है. इसलिए कुछ खिलाफत भी करनी पड़ती है. अतिक्रमण के दायरे में खुद महंत प्रकाश दास की दुकानें भी आई हैं, जो उन्होंने किराए पर दे रखी हैं.
वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए महंत ने कहा कि राजगढ़ थाने में घेराव के समय किरोड़ी लाल मीणा और वे अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे. उन्होंने राजगढ़ एसडीएम और नगरपालिका के ईओ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए रिपोर्ट दी थी. इसके बाद पुलिस अधिकारियों के उन्हें थाने में बुलाकर दबाव बनाकर वीडियो बनाया. उनका कहना है कि अधिकारियों ने मंदिर तोड़कर उनकी आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. जिसके खिलाफ उन्होंने परिवाद दर्ज कराया था. इसी का बदला लेने के लिए यह साजिश रची गई और वीडियो बनाया गया.