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अलवर के चूहड़ सिद्ध में चल रहा बलि देने का खेल, हर सोमवार को दी जाती है बकरों की बलि

अलवर के चूहर सिद्ध में हर सोमवार को 40 से 50 बकरों की बलि दिए जाने का मामला (Case of Animal sacrifice in Alwar) सामने आया है. पुलिस ने मामले में पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जानिए क्या है पूरा मामला...

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Published : Sep 14, 2022, 1:06 PM IST

अलवर. जिले के एक चूहड़ सिद्ध में पशु बलि देने का मामला (Case of Animal sacrifice in Alwar) सामने आया है. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो की सूचना मिलने पर पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही डिप्टी एसपी और थाना इंचार्ज को पाबंद किया गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि हर सोमवार को यहां बलि (Animal sacrifice in Alwar) दी जाती है.

राजस्थान पशु एवं पक्षी बली निषेध अधिनियम 1975 के अनुसार संपूर्ण राजस्थान से जुड़े मंदिर और धार्मिक स्थल सहित सार्वजनिक स्थल पर पशु-पक्षी बलि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध (Ban on Animal sacrifice in Rajasthan) है. उसके बावजूद भी अलवर के सदर थाना अंतर्गत विजय मंदिर चौकी के समीप चूहड़ सिद्ध में हर सोमवार को 40 से 50 बकरों की बलि दिए जाने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आया है. इस मामले की जानकारी मिलते ही अलवर प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया.

चल रहा बलि देने का खेल

पढ़ें- पशु बलि के बाद बच्चों ने पिया उसका खून, सनसनी

मामले को लेकर स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि धार्मिक आस्था के नाम पर इस तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जाना गलत है. इस तरह की बलि (Animal sacrifice) रुकनी चाहिए. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर सोमवार को यहां यह बलि देने का खेल चलता है. अलवर के अलावा आसपास के जिलों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि जैसे ही मामले की सूचना मिली तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई है. इस मामले में डिप्टी एसपी और सदर थाना इंचार्ज को पाबंद किया गया है. साथ ही समिति को भी बुलाया गया है. इस संबंध में जिला कलेक्टर की तरफ से भी नोटिस जारी किए जाएंगे. साथ ही वहां पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी, जिससे प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि बलि देने पर रोक है. बलि देना कानूनन अपराध है. ऐसे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

पढ़ें- जीत के जश्न में डूबे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दी पशु बलि...अब सब खामोश हैं !

क्या है चूहड़ सिद्ध- अलवर जिला स्थित चूहड़ सिद्ध बाबा की मजार है. इस मजार पर हिंदू और मुस्लिम सभी समुदाय के लोग जाते हैं और पूजा करते हैं. यह अलवर शहर से बाहर एक पहाड़ी पर बना हुआ है. सावन के सोमवार में यहां मेला भरता है. अलवर के अलावा आसपास के राज्यों जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी हजारों लोग यहां आते हैं.

जाति विशेष का है कब्जा- यहां जाति विशेष के लोगों का कब्जा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि कुछ समय पहले यहां एक पंडित पूजा करते थे, लेकिन जाति विशेष के लोगों ने उन्हें भगा दिया. इस क्षेत्र में असामाजिक लोगों का जमावड़ा रहता है. साथ ही तंत्र विद्या सहित कई गतिविधियां होती हैं.

सावन के महीने में पड़ता है मेला- चूहड़ सिद्ध में सावन के महीने सोमवार में मेला भरता है. दूर-दूर से यहां लोग पूजा करने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर सोमवार को यहां बकरों की बलि दी जाती है. बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है और तुरंत बलि देने की प्रक्रिया को रुकवाना चाहिए.

वन विभाग बना रहा है लव कुश वाटिका- इस क्षेत्र में वन विभाग की तरफ से लव कुश वाटिका बनाने का काम चल रहा है. ऐसे में वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने कहा कि विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी. जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों से बातचीत की गई है. लव कुश वाटिका शुरू होने के बाद इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेगा. पुलिस अब इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है. स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन का सहयोग देने का आश्वासन दिया है.

अलवर. जिले के एक चूहड़ सिद्ध में पशु बलि देने का मामला (Case of Animal sacrifice in Alwar) सामने आया है. इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो की सूचना मिलने पर पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही डिप्टी एसपी और थाना इंचार्ज को पाबंद किया गया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि हर सोमवार को यहां बलि (Animal sacrifice in Alwar) दी जाती है.

राजस्थान पशु एवं पक्षी बली निषेध अधिनियम 1975 के अनुसार संपूर्ण राजस्थान से जुड़े मंदिर और धार्मिक स्थल सहित सार्वजनिक स्थल पर पशु-पक्षी बलि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध (Ban on Animal sacrifice in Rajasthan) है. उसके बावजूद भी अलवर के सदर थाना अंतर्गत विजय मंदिर चौकी के समीप चूहड़ सिद्ध में हर सोमवार को 40 से 50 बकरों की बलि दिए जाने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आया है. इस मामले की जानकारी मिलते ही अलवर प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया.

चल रहा बलि देने का खेल

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मामले को लेकर स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि धार्मिक आस्था के नाम पर इस तरह के अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जाना गलत है. इस तरह की बलि (Animal sacrifice) रुकनी चाहिए. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर सोमवार को यहां यह बलि देने का खेल चलता है. अलवर के अलावा आसपास के जिलों और राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि जैसे ही मामले की सूचना मिली तुरंत पशु क्रूरता अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई है. इस मामले में डिप्टी एसपी और सदर थाना इंचार्ज को पाबंद किया गया है. साथ ही समिति को भी बुलाया गया है. इस संबंध में जिला कलेक्टर की तरफ से भी नोटिस जारी किए जाएंगे. साथ ही वहां पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी, जिससे प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि बलि देने पर रोक है. बलि देना कानूनन अपराध है. ऐसे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

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क्या है चूहड़ सिद्ध- अलवर जिला स्थित चूहड़ सिद्ध बाबा की मजार है. इस मजार पर हिंदू और मुस्लिम सभी समुदाय के लोग जाते हैं और पूजा करते हैं. यह अलवर शहर से बाहर एक पहाड़ी पर बना हुआ है. सावन के सोमवार में यहां मेला भरता है. अलवर के अलावा आसपास के राज्यों जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी हजारों लोग यहां आते हैं.

जाति विशेष का है कब्जा- यहां जाति विशेष के लोगों का कब्जा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि कुछ समय पहले यहां एक पंडित पूजा करते थे, लेकिन जाति विशेष के लोगों ने उन्हें भगा दिया. इस क्षेत्र में असामाजिक लोगों का जमावड़ा रहता है. साथ ही तंत्र विद्या सहित कई गतिविधियां होती हैं.

सावन के महीने में पड़ता है मेला- चूहड़ सिद्ध में सावन के महीने सोमवार में मेला भरता है. दूर-दूर से यहां लोग पूजा करने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि हर सोमवार को यहां बकरों की बलि दी जाती है. बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं. प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है और तुरंत बलि देने की प्रक्रिया को रुकवाना चाहिए.

वन विभाग बना रहा है लव कुश वाटिका- इस क्षेत्र में वन विभाग की तरफ से लव कुश वाटिका बनाने का काम चल रहा है. ऐसे में वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने कहा कि विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी. जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों से बातचीत की गई है. लव कुश वाटिका शुरू होने के बाद इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेगा. पुलिस अब इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है. स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन का सहयोग देने का आश्वासन दिया है.

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