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अलवर: भिवाड़ी उत्पादक संघ ने रचा बड़ा कीर्तिमान, स्लज से बनाई जा रही ईंटें

अलवर में भिवाड़ी उत्पादक संघ ने देश में एक और बड़ा कीर्तिमान रचा है. जिस कचरे के कारण आमजन से लेकर पर्यावरण तक हो रहा था प्रदूषित और परेशान. उसे ही बदला बेरोजगारों के रोजगार में और कमाई के उचित साधन के रूप में.

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भिवाड़ी उत्पादक संघ ने रचा बड़ी कीर्तिमान
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Published : Mar 8, 2021, 10:44 PM IST

भिवाड़ी (अलवर). जिले में संचालित पट्टा-पट्टी इंडस्ट्रियों से निकलने वाले स्लज से अब भिवाड़ी उत्पादक संघ की सहयोगी संस्था भिवाड़ी जल प्रदूषण निवारण संघ की ओर से अब एक ईट बनाने का प्लांट स्थापित किया गया है. जिससे हर रोज करीब 10,000 ईंटें बनाई जा रही हैं. साथ ही करीब 15 लाख रुपए प्रतिमाह बचाया जा रहा है.

भिवाड़ी उत्पादक संघ ने रचा बड़ी कीर्तिमान

वहीं, यह 15 लाख का मोटा खर्च वह बचाया गया है. जिसे स्लज को उदयपुर लेकर जाने में किया जाता था. भिवाड़ी उत्पादक संघ के अध्यक्ष बृज मोहन मित्तल ने बताया कि इस स्लज के कारण पूरा क्षेत्र प्रदूषित होता था. इसके अलावा अनेकों प्रकार के साइड इफेक्ट होने का भी अंदेशा सताया करता था. इसे परिवहन कर उदयपुर पहुंचाया जाता था.

जिस पर करीब सालाना डेढ़ से दो करोड़ का खर्च हुआ करता था, लेकिन इसी स्लज से अब इंटे बनाए जाने का काम शुरू किया गया है. जो आधी कीमत में तैयार हो रही है. जिसको लेकर लोग बड़ा ही उत्साह दिखा रहे हैं. अब बीएमए को बड़ी संख्या में ऑर्डर भी मिल रहे हैं. वर्तमान में एक मशीन सुचारू की गई है. जिसमें करीब 16 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. बृज मोहन मित्तल ने यह भी बताया कि भविष्य में बढ़ती हुई मांग को देखते हुए प्लांट का विस्तार भी किया जाएगा.

पढ़ें: SPECIAL : भीलवाड़ा जिले की पूजा ने बिलियर्ड्स को बनाया पैशन...खुद इंटरनेशनल खेली, बेटी नेशनल प्लेयर

जिसमें करीब 40 से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया जा सकेगा. साथ ही बृज मित्तल ने बताया कि यह प्लांट अभी तक का देश में सबसे पहला प्लांट है. देश में कहीं भी इस प्रकार का उत्पाद कचरे से नहीं बनाया जा रहा. साथ ही गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो इसको लेकर श्रीराम इंस्टीट्यूट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों से दिखवाया गया है.

भिवाड़ी (अलवर). जिले में संचालित पट्टा-पट्टी इंडस्ट्रियों से निकलने वाले स्लज से अब भिवाड़ी उत्पादक संघ की सहयोगी संस्था भिवाड़ी जल प्रदूषण निवारण संघ की ओर से अब एक ईट बनाने का प्लांट स्थापित किया गया है. जिससे हर रोज करीब 10,000 ईंटें बनाई जा रही हैं. साथ ही करीब 15 लाख रुपए प्रतिमाह बचाया जा रहा है.

भिवाड़ी उत्पादक संघ ने रचा बड़ी कीर्तिमान

वहीं, यह 15 लाख का मोटा खर्च वह बचाया गया है. जिसे स्लज को उदयपुर लेकर जाने में किया जाता था. भिवाड़ी उत्पादक संघ के अध्यक्ष बृज मोहन मित्तल ने बताया कि इस स्लज के कारण पूरा क्षेत्र प्रदूषित होता था. इसके अलावा अनेकों प्रकार के साइड इफेक्ट होने का भी अंदेशा सताया करता था. इसे परिवहन कर उदयपुर पहुंचाया जाता था.

जिस पर करीब सालाना डेढ़ से दो करोड़ का खर्च हुआ करता था, लेकिन इसी स्लज से अब इंटे बनाए जाने का काम शुरू किया गया है. जो आधी कीमत में तैयार हो रही है. जिसको लेकर लोग बड़ा ही उत्साह दिखा रहे हैं. अब बीएमए को बड़ी संख्या में ऑर्डर भी मिल रहे हैं. वर्तमान में एक मशीन सुचारू की गई है. जिसमें करीब 16 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. बृज मोहन मित्तल ने यह भी बताया कि भविष्य में बढ़ती हुई मांग को देखते हुए प्लांट का विस्तार भी किया जाएगा.

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जिसमें करीब 40 से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया जा सकेगा. साथ ही बृज मित्तल ने बताया कि यह प्लांट अभी तक का देश में सबसे पहला प्लांट है. देश में कहीं भी इस प्रकार का उत्पाद कचरे से नहीं बनाया जा रहा. साथ ही गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो इसको लेकर श्रीराम इंस्टीट्यूट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों से दिखवाया गया है.

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