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अलवरः बानसूर के सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत को नम आखों से दी गई विदाई - बानसूर में सैनिक की विदाई

अलवर में बानसूर के गांव कोठिया परसा का बास में सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत की गंभीर बीमारी के कारण लखनऊ में मौत हो गई है. जिसके बाद उनके पैतृक गांव में रविवार को उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. वहीं सैनिक के बेटे मयंक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

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नम आखों से दी गई विदाई
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Published : Mar 1, 2020, 6:00 PM IST

बानसूर (अलवर). भारत देश की रक्षा करते हुए बानसूर ने अपना एक और लाल खो दिया. गंभीर बीमारी के कारण ओमपाल सिंह राजपूत कि मौत हो गई है. सैनिक का पार्थिव शरीर रविवार सुबह उनके पैतृक गांव कोठिया परसा का बास पहुंचा. जहां सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत को नम आखों से दी गई विदाई

गौरतलब है कि सैनिक बानसूर के कोठिया परसा का बास का रहने वाला था और भारतीय सेना में राजपूत रेजिमेंट हवलदार के पद पर लखनऊ में तैनात था. उनको पेट में अल्सर की बीमारी थी, जिसके कारण लखनऊ के सैनिक अस्पताल में उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

सैनिक की मौत की खबर सुनते ही बानसूर में गमगीन माहौल हो गया. सैनिक के अंत्येष्टि पर बानसूर विधायक शकुंतला रावत, तहसीलदार जगदीश बेरवा, चिकित्सा अधिकारी मनोज यादव, डॉक्टर संदीप सैनी सहित तमाम अधिकारीयों ने सैनिक के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं राजपूत रेजीमेंट से आए जवानों ने भी सैनिक को तीन राउंड फायर कर श्रद्धांजलि दी.

पढ़ेंः निकाय चुनाव में AAP के प्रत्याशियों को नहीं मिला पार्टी का सिंबल, हाई कोर्ट से गुहार की तैयारी

बता दें कि सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत 2002 में सेना में भर्ती हुए थे. जिनके दो पुत्री और एक पुत्र है. गांव में सैनिक का पार्थिव देह पहुंचने पर भारत माता की जयकरों से पूरा गांव गूंज उठा और सभी ने नम आंखों से सैनिक को भावभीनी अंतिम विदाई दी. वहीं सैनिक के परिजन सैनिक का पार्थिव शरीर देखकर विलाप करते हुए नजर आए और सैनिक के बेटे मयंक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

सैनिक ओमपाल राजपूत के पिता एक किसान हैं और माता ग्रहणी है. अपने माता पिता के सैनिक ओमपाल सिंह इकलौते पुत्र थे. अपनी पत्नी और बच्चों को वो अपने साथ ही लखनऊ में रखते थे. करीबन 2 माह पूर्व पेट में अल्सर की बीमारी होने से उनका सैनिक अस्पताल लखनऊ में ही इलाज चल रहा था. जिसके बाद 28 फरवरी को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.

बानसूर (अलवर). भारत देश की रक्षा करते हुए बानसूर ने अपना एक और लाल खो दिया. गंभीर बीमारी के कारण ओमपाल सिंह राजपूत कि मौत हो गई है. सैनिक का पार्थिव शरीर रविवार सुबह उनके पैतृक गांव कोठिया परसा का बास पहुंचा. जहां सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत को नम आखों से दी गई विदाई

गौरतलब है कि सैनिक बानसूर के कोठिया परसा का बास का रहने वाला था और भारतीय सेना में राजपूत रेजिमेंट हवलदार के पद पर लखनऊ में तैनात था. उनको पेट में अल्सर की बीमारी थी, जिसके कारण लखनऊ के सैनिक अस्पताल में उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

सैनिक की मौत की खबर सुनते ही बानसूर में गमगीन माहौल हो गया. सैनिक के अंत्येष्टि पर बानसूर विधायक शकुंतला रावत, तहसीलदार जगदीश बेरवा, चिकित्सा अधिकारी मनोज यादव, डॉक्टर संदीप सैनी सहित तमाम अधिकारीयों ने सैनिक के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं राजपूत रेजीमेंट से आए जवानों ने भी सैनिक को तीन राउंड फायर कर श्रद्धांजलि दी.

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बता दें कि सैनिक ओमपाल सिंह राजपूत 2002 में सेना में भर्ती हुए थे. जिनके दो पुत्री और एक पुत्र है. गांव में सैनिक का पार्थिव देह पहुंचने पर भारत माता की जयकरों से पूरा गांव गूंज उठा और सभी ने नम आंखों से सैनिक को भावभीनी अंतिम विदाई दी. वहीं सैनिक के परिजन सैनिक का पार्थिव शरीर देखकर विलाप करते हुए नजर आए और सैनिक के बेटे मयंक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

सैनिक ओमपाल राजपूत के पिता एक किसान हैं और माता ग्रहणी है. अपने माता पिता के सैनिक ओमपाल सिंह इकलौते पुत्र थे. अपनी पत्नी और बच्चों को वो अपने साथ ही लखनऊ में रखते थे. करीबन 2 माह पूर्व पेट में अल्सर की बीमारी होने से उनका सैनिक अस्पताल लखनऊ में ही इलाज चल रहा था. जिसके बाद 28 फरवरी को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.

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