अलवर. शहर में पेयजल की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. दिन में तेज धूप होने के बावजूद भी जनता पानी की मांग को लेकर तपती दोपहरी में सड़कों पर आकर जाम लगाने को मजबूर हो रही है. सोमवार को भी शहर के वार्ड नंबर 17 खंडेलवाल धर्मशाला सिविल लाइन के लोगों ने खंडेलवाल मार्ग को जाम कर पेयजल की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
शहर में पिछले कुछ साल से गिरते जलस्तर और जलदाय विभाग के उदासीन रवैए के कारण स्थिति और भी खराब होती नजर आ रही है, जिसका श्रेष्ठ उदाहरण भगत सिंह सर्किल पर शहर में पेयजल मांग को लेकर भाजपा का 4 दिनों से चल रहा अनिश्चितकालीन धरना है. शहरवासियों को पीने के पानी के लिए भी धरना, प्रदर्शन, रोड़ जाम करने पड़ रहे हैं, लेकिन उससे भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आ रहा.
अमृत जल योजना के अंतर्गत बाटें कनेक्शन हो या राज्य सरकार द्वारा घोषित ईसरदा बांध से पानी लाने की योजना हो शहर के लोगों के लिए सब बेकार है. आज भी पानी की समस्या के चलते शहर के मुख्य मार्ग को बंद कर दिया. जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति हो गई. दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई. मौके पर पहुंची पुलिस व प्रशासन ने लोगों से जाम खोलने के लिए समझाइश की. वहीं जलदाय विभाग के अफसरों ने लोगों को जल्द पानी की समस्या को ठीक कर पानी आने का आश्वासन दिया.
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वार्ड नंबर 17 के पार्षद अविनाश खंडेलवाल ने बताया की गर्मियों के दिनों में वार्ड में पानी की समस्या अन्य दिनों के मुकाबले अधिक हो जाती है. कई बार इसकी शिकायत जलदाय विभाग के अधिकारियों को की गई. जिला प्रशासन को भी चेताया लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ. वार्ड में अत्यधिक जनसंख्या व सीमित टैंकरों की संख्या के चलते लोगो को 2 या 3 बाल्टी पानी ही मिल पाता है. जिससे पूरे दिन पानी की पूर्ति नहीं हो पाती. साथ ही कोरोना संक्रमण का डर अलग बना रहता है.
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सिविल लाइन निवासी निधी ने बताया कि वार्ड में कई महीनों से पानी की बूंद तक नहीं आ रही. जलदाय विभाग के एईएन, जेईएन, जिला कलेक्टर सहित मंत्री को अपनी पानी की समस्या से अवगत कराया लेकिन किसी ने समस्या का समाधान नहीं किया. जलदाय विभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए निधी ने बताया कि विभाग के अधिकारी या तो फोन नहीं उठाते या फोन उठाकर कर्मचारियों को भेजकर जल्द पानी की समस्या ठीक करने का झूठा आश्वासन देते हैं.