अलवर. इंटरनेशनल टाइगर डे पर अलवर के दढीकर फोर्ट में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें कई देशों के राजदूत और राजनयिक शामिल हुए. इसमें टाइगर के संरक्षण और पर्यावरण पर चर्चा हुई. राजस्थान में पर्यटन की संभावना पर भी चर्चा की गई. साथ ही भारत के ऐतिहासिक स्थल और अलवर को विश्व मानचित्र पर एक नए रूप में पेश करने की योजना बनाई गई.
अलवर के बाला किला एरिया के जंगल में बने दढीकर फोर्ट में विश्व बाघ दिवस पर एक कार्यक्रम हुआ. इसमें कई देशों के राजदूत और राजनयिक शामिल हुए. कार्यक्रम में टाइगरों के संरक्षण, सरिस्का टाइगर रिजर्व के विकास, अलवर के पर्यटन और विकास को लेकर चर्चा की जाएगी. शाम को ग्रीनस्पेस एग्रीलाइफ की ओर से हॉर्टिकल्चर और ऑर्गेनिक फार्मिंग पर चर्चा की जाएगी. अलवर पहुंचे राज नायक होवे राजपूतों ने सरिस्का का भ्रमण किया राजस्थानी संस्कृति को समझा.
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अलवर को विश्व मानचित्र पर पर्यटन की दृष्टि से विशेष दर्जा दिलवाने पर विशेष जोर दिया गया. राजस्थानी कल्चर के साथ पहाड़ जंगल और वन्यजीवों के मिले-जुले क्षेत्र अलवर में पर्यटन की खासी संभावनाएं हैं. वन्य जीव बाघों की संख्या को बचाने, बाघों को सुरक्षित करने, जंगल को सुरक्षित करने और समय के साथ हो रहे बदलाव को देखते हुए बेहतर इंतजाम करने पर चर्चा की गई. इसमें नई तकनीक पर भी चर्चा हुई. देर शाम तक चले इस कार्यक्रम में अलग-अलग राजनयिकों ने अपने विचार रखे. अपने देश की संस्कृति और वहां वन्यजीवों को लेकर होने वाले कामों की जानकारी भी इस कार्यक्रम के दौरान दी.
बता दें कि कार्यक्रम में पराग्वे के राजदूत फ्लेमिंग राउल डुआर्टे, मंगोलिया के राजदूत गोंचिंग गनबोल्ड, त्रिनिदाद और टोबैगो देश के राजदूत डॉ. रोजर गोपाल, नाइजर के राजदूत एडो लीको, तंजानिया देश के उच्चायुक्त बाराका हारान लुवंडा, नॉर्थ मैसेडोनिया के कार्यवाहक राजदूत नेहत एमिनी शामिल हुए. साथ ही कोमरोस के काउंसिल जनरल केएल गंजू, बुर्किना फासो देश के दूतावास के वाणिज्यिक मामलों के प्रमुख हर्वे डी कौलीबैली, दक्षिण कोरिया की सीनियर रिसर्चर जुंगवा किम जी और नाइजर के राजनयिक ईसा गैम्बो ने शिरकत की.