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डिस्पेंसरी की तरह संचालित हो रहा है अलवर का सेटेलाइट अस्पताल - Rajiv Gandhi General Hospital

अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए काला कुआं डिस्पेंसरी को सेटेलाइट अस्पताल में बदला गया था. लेकिन अब भी अस्पताल एक डिस्पेंसरी की तरह संचालित हो रहा है. मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में खासी परेशानी उठानी पड़ती है. डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज परेशान होते हैं.

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Published : Sep 10, 2019, 2:25 PM IST

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल पर मरीजों का खासा दबाव रहता है इसलिए काला कुआं डिस्पेंसरी को सेटेलाइट अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया था. यह क्रमोन्नति केवल कागजों में हुई अस्पताल की सुविधा और संसाधनों में विस्तार नहीं किया गया.

अलवर का सेटेलाइट अस्पताल

अस्पताल में प्रसव जांच लैब, भर्ती के लिए वार्ड सहित ऑपरेशन थिएटर की भी सुविधा है लेकिन अस्पताल में 5 लोग हैं. इसमें दो दंत रोग विशेषज्ञ हैं इसलिए मरीजों को यहां मेडिसन के अलावा अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं.

पढ़ें- झालावाड़ में भारी बारिश के चलते बढ़ा कालीसिंध बांध का जलस्तर, बांध के 8 गेट खोले

अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीजों की ओपीडी रहती है. इलाज के लिए मरीज सुबह से लाइन में लगे रहते हैं. लेकिन उसके बाद भी उनको बेहतर इलाज नहीं मिलता. ऐसे में मरीज खासे परेशान होते हैं.

अगर बेहतर सुविधा मरीजों को मिलने लगे तो सामान्य अस्पताल का वर्क लोड भी कम होगा. क्योंकि सेटेलाइट अस्पताल में काला कुआं के अलावा आस-पास की कई कॉलोनियां और दूर-दराज के क्षेत्र से भी लोग इलाज के लिए यहां पहुंच सकेंगे.

पढ़ें- लालसोट में पुलिस ने गौवंश से भरा कंटेनर पकड़ा, चालक गिरफ्तार

अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है. लेकिन अभी तक सुविधाओं में विस्तार नहीं हुआ है. यहां कई डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं. इसके अलावा नर्सिंग कर्मियों की भी खासी जरूरत है.

रात के समय अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक और मंत्री को भी अवगत करा दिया गया है. लेकिन उसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.

अलवर. जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल पर मरीजों का खासा दबाव रहता है इसलिए काला कुआं डिस्पेंसरी को सेटेलाइट अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया था. यह क्रमोन्नति केवल कागजों में हुई अस्पताल की सुविधा और संसाधनों में विस्तार नहीं किया गया.

अलवर का सेटेलाइट अस्पताल

अस्पताल में प्रसव जांच लैब, भर्ती के लिए वार्ड सहित ऑपरेशन थिएटर की भी सुविधा है लेकिन अस्पताल में 5 लोग हैं. इसमें दो दंत रोग विशेषज्ञ हैं इसलिए मरीजों को यहां मेडिसन के अलावा अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं.

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अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीजों की ओपीडी रहती है. इलाज के लिए मरीज सुबह से लाइन में लगे रहते हैं. लेकिन उसके बाद भी उनको बेहतर इलाज नहीं मिलता. ऐसे में मरीज खासे परेशान होते हैं.

अगर बेहतर सुविधा मरीजों को मिलने लगे तो सामान्य अस्पताल का वर्क लोड भी कम होगा. क्योंकि सेटेलाइट अस्पताल में काला कुआं के अलावा आस-पास की कई कॉलोनियां और दूर-दराज के क्षेत्र से भी लोग इलाज के लिए यहां पहुंच सकेंगे.

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अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है. लेकिन अभी तक सुविधाओं में विस्तार नहीं हुआ है. यहां कई डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं. इसके अलावा नर्सिंग कर्मियों की भी खासी जरूरत है.

रात के समय अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है. इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक और मंत्री को भी अवगत करा दिया गया है. लेकिन उसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.

Intro:अलवर।
मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए काला कुआं डिस्पेंसरी को सेटेलाइट अस्पताल में बदला गया था। लेकिन अब भी अस्पताल एक डिस्पेंसरी की तरह संचालित हो रहा है। मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में खासी परेशानी उठानी पड़ती है। डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज परेशान होते हैं।


Body:अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल पर मरीजों का खासा दबाव रहता है इसलिए काला कुआं डिस्पेंसरी को सेटेलाइट अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया था यह क्रमोन्नति केवल कागजों में हुई अस्पताल की सुविधा व संसाधनों में विस्तार नहीं किया गया होने को अस्पताल में प्रसव जांच लैब भर्ती के लिए वार्ड सहित ऑपरेशन थिएटर की भी सुविधा है लेकिन अस्पताल में 5 लोग हैं इसमें दो दंत रोग विशेषज्ञ हैं इसलिए मरीजों को यहां मेडिसन के अलावा अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीजों की ओपीडी रहती है इलाज के लिए मरीज सुबह से लाइन में लगे रहते हैं लेकिन उसके बाद भी उनको बेहतर इलाज नहीं मिलता ऐसे में मरीज खासे परेशान होते हैं। अगर बेहतर सुविधा मरीजों को मिलने लगे तो सामान्य अस्पताल का वर्क लोड भी कम होगा। क्योंकि सेटेलाइट अस्पताल में काला कुआं के अलावा आसपास की कई कॉलोनियां व दूरदराज के क्षेत्र से भी लोग इलाज के लिए यहां पहुंच सकेंगे।


Conclusion:अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा सुविधा बढ़ाने के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है। लेकिन अभी तक सुविधाओं में विस्तार नहीं हुआ है। यहां कई डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं। इसके अलावा नर्सिंग कर्मियों की भी खासी जरूरत है। रात के समय अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है। इस संबंध में कई बार स्थानीय विधायक व मंत्री को भी अवगत करा दिया गया है। लेकिन उसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।


बाइट- डॉ आरएस राठौड़, सेटेलाइट अस्पताल
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