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Alwar Self Immolation Case: मौत से पहले करण सिंह ने दिया बड़ा बयान, एसडीएम ने लगाई आग... इंस्पेक्टर ने जलते समय मारी लात

अलवर में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची प्रशासनिक टीम के विरोध में युवक ने खुद को आग लगा ली थी. शनिवार को युवक की मौत हो गई थी. रविवार को एक वीडियो सामने आया है जिसमें मरने से पहले युवक करण सिंह (victim Karan Singh big statement before death) बयान दे रहा है कि विरोध के दौरान एसडीएम ने ही उसे आग लगा दी थी और बचाने के बजाए इंस्पेक्टर ने जलते समय उसे लात मारी थी. इसके बाद से प्रशासन में हड़कंप मच गया है. तमाम प्रशासनिक अफसर गांव पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है.

victim Karan Singh big statement before death
मौत से पहले करण सिंह ने दिया बड़ा बयान
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Published : Jun 19, 2022, 8:29 PM IST

अलवर. जिले के मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने विरोध कर रहे युवक करण सिंह गुर्जर ने खुद (Alwar Self Immolation Case) को आग लगा ली थी. शनिवार को इलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह ने (victim Karan Singh big statement before death) बड़ा बयान दिया है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में करण सिंह ने कहा कि विरोध के दौरान एसडीएम ने ही उन्हें आग लगाई थी और जलते समय मुझपर लात मारी गई थी.

अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के नटनी का बारा के पास चांदपहाड़ी गांव में 15 बीघा सरकारी जमीन को पंचायत ने कन्हैया लाल को अलॉट की थी, लेकिन उस जमीन पर गांव के मंतूराम का कब्जा था. कन्हैयालाल कई बार कब्जा लेने के लिए पहुंचा लेकिन मंगतूराम ने उसे कब्जा नहीं लेने दिया. इस पर यह मामला न्यायालय में पहुंच गया. न्यायालय में कई साल मामला चला जिसके बाद न्यायालय ने कन्हैया लाल के पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस और प्रशासन को जमीन से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए. इस पर बीते सोमवार को मालाखेड़ा एसडीएम और थाने की पुलिस जमीन से अतिक्रमण हटवाने पहुंची. इसके विरोध में मंतूराम के बेटे करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग लगा ली. इसपर पुलिस और प्रशासन की टीम में हड़कंप मच गया.

मौत से पहले करण सिंह ने दिया बड़ा बयान

पढ़ें. राजस्थानः अलवर में अतिक्रमण हटाने का विरोध, व्यक्ति ने खुद को लगाई आग...

तहसीलदार और एसडीएम ने ही मंगवाया था तेल
झुलसे व्यक्ति पर तुरंत कपड़ा और मिट्टी डालकर उसके शरीर पर लगी आग बुझाई गई. इस दौरान वह करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा जल गया था. इलाज के लिए प्रशासनिक टीम ने उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज कर रही थी. हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लिए रेफर किया गया. शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह का एक बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि तहसीलदार और एसडीएम ने तेल मंगवाया. उसके बाद एसडीएम ने तेल डाला और तहसीलदार ने मुझे पकड़ा था. उसके बाद एसडीएम ने ही आग लगाई थी. जब मैं जल रहा था तो मुझे बचाने की जगह इंस्पेक्टर राजेश ने मुझे लात मारी.

पढ़ें. राजस्थानः पुलिस और प्रशासन के सामने खुद को आग लगाने वाले युवक की अस्पताल में मौत

करण सिंह यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. परिजनों का आरोप है कि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं कर रहा है. इस घटना के विरोध में रविवार को परिजनों ने अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर नटनी का बारा के पास शव सड़क पर रखकर आग लगाई थी. इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा. पुलिस और प्रशासन के कहने पर परिजनों ने जाम हटा दिया. नटनी का बारा पर भारी पुलिस बल तैनात है. परिजन 20 लाख रुपए आर्थिक सहायता व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. गांव के सरपंच ने मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है. इस मामले पर प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रहा है.

एडीएम सिटी ने कहा मामले की होगी निष्पक्ष प्रशासनिक जांच
करण सिंह के परिजनों ने अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर नटनी का बारा के पास सड़क पर शव रखकर जाम लगाया और विरोध प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी मिलते ही एडीएम सिटी ओपी चाहरण व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. एडीएम सिटी ने कहा कि मृतक के परिजनों के आरोपों के आधार पर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. करण सिंह ने मरने से पहले एक बयान दिया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

प्रशासनिक जांच में उसे भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा. साथ ही जमीन पर इस परिवार का करीब 50 साल से कब्जा है. ऐसे में ये जमीन इन लोगों को मिले या किसी दूसरी जगह पर इनको जमीन दी जाए. इसके लिए भी प्रशासन की तरफ से प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो इसके लिए उच्च अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि परिजनों की सभी मांगे मान ली गईं हैं. इसके अलावा भी प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी.

अलवर. जिले के मालाखेड़ा के चांदपहाड़ी गांव में एक जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने विरोध कर रहे युवक करण सिंह गुर्जर ने खुद (Alwar Self Immolation Case) को आग लगा ली थी. शनिवार को इलाज के दौरान जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह ने (victim Karan Singh big statement before death) बड़ा बयान दिया है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में करण सिंह ने कहा कि विरोध के दौरान एसडीएम ने ही उन्हें आग लगाई थी और जलते समय मुझपर लात मारी गई थी.

अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के नटनी का बारा के पास चांदपहाड़ी गांव में 15 बीघा सरकारी जमीन को पंचायत ने कन्हैया लाल को अलॉट की थी, लेकिन उस जमीन पर गांव के मंतूराम का कब्जा था. कन्हैयालाल कई बार कब्जा लेने के लिए पहुंचा लेकिन मंगतूराम ने उसे कब्जा नहीं लेने दिया. इस पर यह मामला न्यायालय में पहुंच गया. न्यायालय में कई साल मामला चला जिसके बाद न्यायालय ने कन्हैया लाल के पक्ष में फैसला देते हुए पुलिस और प्रशासन को जमीन से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए. इस पर बीते सोमवार को मालाखेड़ा एसडीएम और थाने की पुलिस जमीन से अतिक्रमण हटवाने पहुंची. इसके विरोध में मंतूराम के बेटे करण सिंह गुर्जर ने खुद को आग लगा ली. इसपर पुलिस और प्रशासन की टीम में हड़कंप मच गया.

मौत से पहले करण सिंह ने दिया बड़ा बयान

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तहसीलदार और एसडीएम ने ही मंगवाया था तेल
झुलसे व्यक्ति पर तुरंत कपड़ा और मिट्टी डालकर उसके शरीर पर लगी आग बुझाई गई. इस दौरान वह करीब 60 प्रतिशत से ज्यादा जल गया था. इलाज के लिए प्रशासनिक टीम ने उसे अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज कर रही थी. हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल लिए रेफर किया गया. शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरने से पहले करण सिंह का एक बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि तहसीलदार और एसडीएम ने तेल मंगवाया. उसके बाद एसडीएम ने तेल डाला और तहसीलदार ने मुझे पकड़ा था. उसके बाद एसडीएम ने ही आग लगाई थी. जब मैं जल रहा था तो मुझे बचाने की जगह इंस्पेक्टर राजेश ने मुझे लात मारी.

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करण सिंह यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. परिजनों का आरोप है कि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं कर रहा है. इस घटना के विरोध में रविवार को परिजनों ने अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर नटनी का बारा के पास शव सड़क पर रखकर आग लगाई थी. इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा. पुलिस और प्रशासन के कहने पर परिजनों ने जाम हटा दिया. नटनी का बारा पर भारी पुलिस बल तैनात है. परिजन 20 लाख रुपए आर्थिक सहायता व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. गांव के सरपंच ने मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है. इस मामले पर प्रशासन कुछ भी बोलने से बच रहा है.

एडीएम सिटी ने कहा मामले की होगी निष्पक्ष प्रशासनिक जांच
करण सिंह के परिजनों ने अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर नटनी का बारा के पास सड़क पर शव रखकर जाम लगाया और विरोध प्रदर्शन किया. मामले की जानकारी मिलते ही एडीएम सिटी ओपी चाहरण व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. एडीएम सिटी ने कहा कि मृतक के परिजनों के आरोपों के आधार पर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. करण सिंह ने मरने से पहले एक बयान दिया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

प्रशासनिक जांच में उसे भी शामिल किया जाएगा. इसके अलावा मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा. साथ ही जमीन पर इस परिवार का करीब 50 साल से कब्जा है. ऐसे में ये जमीन इन लोगों को मिले या किसी दूसरी जगह पर इनको जमीन दी जाए. इसके लिए भी प्रशासन की तरफ से प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो इसके लिए उच्च अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि परिजनों की सभी मांगे मान ली गईं हैं. इसके अलावा भी प्रशासन की तरफ से हर संभव मदद की जाएगी.

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