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Alwar Sariska Forest Area: बिना अनुमति सरिस्का में प्रवेश वर्जित, नियम तोड़ने पर होगी FIR - 886 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है सरिस्का का जंगल

सरिस्का वनक्षेत्र में जाने वाले लोग अब सावधान हो जाएं. अब अगर बिना अनुमति के कोई वनक्षेत्र में प्रवेश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं उसके विरुद्ध FIR भी दर्ज होगी.

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बिना अनुमति सरिस्का में प्रवेश वर्जित, नियम तोड़ने पर होगी FIR
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Published : Mar 3, 2023, 6:34 PM IST

बिना अनुमति सरिस्का में प्रवेश वर्जित, नियम तोड़ने पर होगी FIR

अलवर। सरिस्का वन क्षेत्र में अब बिना अनुमति के प्रवेश करना भारी पड़ सकता है. बिना अनुमति सरिस्का क्षेत्र में घूमने व ट्रैकिंग करने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. लंबे समय से मिल रही शिकायतों को देखते हुए सरिस्का प्रशासन ने यह बड़ा और गंभीर फैसला लिया है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा की एफआईआर दर्ज करने के साथ ही सरिस्का प्रशासन की तरफ से सख्त कदम उठाए जाएंगे.

886 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है सरिस्का का जंगलः सरिस्का का घना जंगल करीब 886 वर्गकिलोमीटर में फैला हुआ. जंगल के कोर क्षेत्र में पहले 29 गांव बसे हुए थे. इनमें से 5 गांव का विस्थापन हो चुका है. जंगल क्षेत्र में अब 24 गांव हैं. इनमें से 6 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है. ग्रामीणों की आड़ में लोग भी जंगल में प्रवेश कर जाते हैं.अब सरिस्का बाघ परियोजना में बिना अनुमति के लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे. ट्रैकिंग सहित बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की गतिविधि पर पूरी तरीके से सरिस्का प्रशासन में रोक लगा दी है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार युवा पहाड़ों पर ट्रैकिंग के लिए चले जाते हैं, यह पूरी तरह गलत है. लोगों को ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए.

नियम तोड़ना पड़ सकता है भारीः जंगल क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश करना प्रतिबंधित है. लोगों का नियम तोड़ना भारी पड़ सकता है. सरिस्का डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार बाघ परियोजना क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश वर्जित है. बाघ परियोजना क्षेत्र में ट्रैकिंग करने से वन्यजीवों को तो खतरा है. साथ ही लोगों के जीवन को भी खतरा उत्पन्न सकता है. इसके अलावा आए दिन लोगों द्वारा वाहनों से सरिस्का के जंगल में प्रवेश करने टेंट लगाकर रुकने सहित कई तरह की शिकायतें मिलती हैं. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बाघ, पैंथर, सियार, लोमड़ी सहित अनेकों वन्य जीव रहते हैं. ऐसे में लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है.

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बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं पर्यटकः सरिस्का दिल्ली व जयपुर के नजदीक है. इसलिए बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए यहां आते हैं. सरिस्का के बीचों बीच से अलवर जयपुर सड़क मार्ग गुजरता है. रास्ते में जगह-जगह जंगल में प्रवेश के रास्ते बने हुए हैं. ऐसे में लोग जंगल में घुस जाते हैं व गंदगी फैलाते हैं. ऐसे में शिकार का भी खतरा रहता है. आए दिन मिलने वाली शिकायतों को देखते हुए सरिस्का प्रशासन की तरफ से यह बड़ा फैसला लिया गया है.

गश्त व्यवस्था में किया गया बदलावः सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सरिस्का के जंगल क्षेत्र में 24 घंटे गश्त की व्यवस्था रहती है. साथ ही सरिस्का में लगे कैमरे से भी लोगों पर नजर रखी जा रही है. कई बार लोग जंगल क्षेत्र का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देते हैं. इसके अलावा भी जंगल क्षेत्र में गाड़ी चलाने सहित कई अन्य गतिविधियों के मामले भी सामने आए थे. अब इस तरह की गतिविधियों में जो भी लिप्त नजर आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

बिना अनुमति सरिस्का में प्रवेश वर्जित, नियम तोड़ने पर होगी FIR

अलवर। सरिस्का वन क्षेत्र में अब बिना अनुमति के प्रवेश करना भारी पड़ सकता है. बिना अनुमति सरिस्का क्षेत्र में घूमने व ट्रैकिंग करने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज होगी. लंबे समय से मिल रही शिकायतों को देखते हुए सरिस्का प्रशासन ने यह बड़ा और गंभीर फैसला लिया है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा की एफआईआर दर्ज करने के साथ ही सरिस्का प्रशासन की तरफ से सख्त कदम उठाए जाएंगे.

886 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है सरिस्का का जंगलः सरिस्का का घना जंगल करीब 886 वर्गकिलोमीटर में फैला हुआ. जंगल के कोर क्षेत्र में पहले 29 गांव बसे हुए थे. इनमें से 5 गांव का विस्थापन हो चुका है. जंगल क्षेत्र में अब 24 गांव हैं. इनमें से 6 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है. ग्रामीणों की आड़ में लोग भी जंगल में प्रवेश कर जाते हैं.अब सरिस्का बाघ परियोजना में बिना अनुमति के लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे. ट्रैकिंग सहित बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की गतिविधि पर पूरी तरीके से सरिस्का प्रशासन में रोक लगा दी है. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि जानकारी के अभाव में कई बार युवा पहाड़ों पर ट्रैकिंग के लिए चले जाते हैं, यह पूरी तरह गलत है. लोगों को ऐसी गतिविधियों से बचना चाहिए.

नियम तोड़ना पड़ सकता है भारीः जंगल क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश करना प्रतिबंधित है. लोगों का नियम तोड़ना भारी पड़ सकता है. सरिस्का डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार बाघ परियोजना क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश वर्जित है. बाघ परियोजना क्षेत्र में ट्रैकिंग करने से वन्यजीवों को तो खतरा है. साथ ही लोगों के जीवन को भी खतरा उत्पन्न सकता है. इसके अलावा आए दिन लोगों द्वारा वाहनों से सरिस्का के जंगल में प्रवेश करने टेंट लगाकर रुकने सहित कई तरह की शिकायतें मिलती हैं. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बाघ, पैंथर, सियार, लोमड़ी सहित अनेकों वन्य जीव रहते हैं. ऐसे में लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है.

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बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं पर्यटकः सरिस्का दिल्ली व जयपुर के नजदीक है. इसलिए बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए यहां आते हैं. सरिस्का के बीचों बीच से अलवर जयपुर सड़क मार्ग गुजरता है. रास्ते में जगह-जगह जंगल में प्रवेश के रास्ते बने हुए हैं. ऐसे में लोग जंगल में घुस जाते हैं व गंदगी फैलाते हैं. ऐसे में शिकार का भी खतरा रहता है. आए दिन मिलने वाली शिकायतों को देखते हुए सरिस्का प्रशासन की तरफ से यह बड़ा फैसला लिया गया है.

गश्त व्यवस्था में किया गया बदलावः सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि सरिस्का के जंगल क्षेत्र में 24 घंटे गश्त की व्यवस्था रहती है. साथ ही सरिस्का में लगे कैमरे से भी लोगों पर नजर रखी जा रही है. कई बार लोग जंगल क्षेत्र का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देते हैं. इसके अलावा भी जंगल क्षेत्र में गाड़ी चलाने सहित कई अन्य गतिविधियों के मामले भी सामने आए थे. अब इस तरह की गतिविधियों में जो भी लिप्त नजर आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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