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सावन में रुद्राभिषेक का खास महत्व, अलवर सांसद बालक नाथ ने भी किया रुद्राभिषेक - पूजा-अर्चना से पुण्य मिलता है

अलवर में सावन महीने का विशेष महत्व है. इस दौरान शिवभक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. रुद्राभिषेक से भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं.

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Published : Aug 14, 2019, 3:26 AM IST

अलवर. जिले में सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस माह में लोग भगवान शिव को खुश करने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं. लोग कहते हैं कि रुद्राभिषेक से भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं. इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से भगवान शिव का अभिषेक किया.

भगवान शिव की रुद्राभिषेक करते शिवभक्त

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जिले में सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है. लोग दूध, दही, शहद, गन्ने का जूस से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं. यहां के मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग सावन माह के विशेष अवसर पर भगवान शिव को पानी से अभिषेक भी करते हैं. इस दौरान भगवान शिव के ऊपर 108 छिद्र का एक मटका लगाया जाता है. जिससे लगातार भगवान शिव पर पानी की धारा से अभिषेक होते रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां के लोगों का मानना है कि पानी का यह धारा अभिषेक के दौरान कभी टूटनी नहीं चाहिए.

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यहां के धार्मिक विशेषज्ञ बताते हैं कि जलाभिषेक और लम्बे समय तक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है. इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से भगवान शिव को रुद्राभिषेक किया. इस दौरान लाखों रुद्राक्ष से कई घंटों तक अभिषेक किया गया और इसके बाद रुद्राक्ष को प्रसाद के रूप में लोगों को बांटा गया. पूजा-अर्चना की यह प्रक्रिया लगातार होते रहता है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि अलवर के विशेष पंडितों ने यहां पूजा अर्चना की और अभिषेक कराया. इस दौरान अलवर के कई गणमान्य लोगों के साथ हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. इस मौके पर अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ भी यहां मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन शहर में होते रहना चाहिए. इन आयोजनों से शहर का वातावरण बेहतर रहता है और लोगों को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी पंडितों को दक्षणां दी और उनका सम्मान किया.

अलवर. जिले में सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. इस माह में लोग भगवान शिव को खुश करने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं. लोग कहते हैं कि रुद्राभिषेक से भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं. इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से भगवान शिव का अभिषेक किया.

भगवान शिव की रुद्राभिषेक करते शिवभक्त

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जिले में सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है. लोग दूध, दही, शहद, गन्ने का जूस से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं. यहां के मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग सावन माह के विशेष अवसर पर भगवान शिव को पानी से अभिषेक भी करते हैं. इस दौरान भगवान शिव के ऊपर 108 छिद्र का एक मटका लगाया जाता है. जिससे लगातार भगवान शिव पर पानी की धारा से अभिषेक होते रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां के लोगों का मानना है कि पानी का यह धारा अभिषेक के दौरान कभी टूटनी नहीं चाहिए.

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यहां के धार्मिक विशेषज्ञ बताते हैं कि जलाभिषेक और लम्बे समय तक पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है. इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से भगवान शिव को रुद्राभिषेक किया. इस दौरान लाखों रुद्राक्ष से कई घंटों तक अभिषेक किया गया और इसके बाद रुद्राक्ष को प्रसाद के रूप में लोगों को बांटा गया. पूजा-अर्चना की यह प्रक्रिया लगातार होते रहता है.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि अलवर के विशेष पंडितों ने यहां पूजा अर्चना की और अभिषेक कराया. इस दौरान अलवर के कई गणमान्य लोगों के साथ हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. इस मौके पर अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ भी यहां मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन शहर में होते रहना चाहिए. इन आयोजनों से शहर का वातावरण बेहतर रहता है और लोगों को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी पंडितों को दक्षणां दी और उनका सम्मान किया.

Intro:अलवर।
सावन माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व मिलता है। इस माह में लोग भगवान शिव को खुश करने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं। कहते हैं रुद्राभिषेक से भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होते हैं व अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं। इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से भगवान शिव का अभिषेक किया।


Body:सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। लोग दूध, दही, शहद, गन्ने का ज्यूस से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। बताते हैं कि भगवान शिव तुरंत प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं। इस पर में लोग बड़ी संख्या में पानी से अभिषेक करते हैं। अभिषेक के दौरान भगवान शिव के ऊपर 108 छिद्र का एक मटका लगाया जाता है। जिससे लगातार भगवान शिव पर पानी की धारा से अभिषेक किया जाता है। पानी से अभिषेक के द्वारा यह धारा टूटनी नहीं चाहिए।


विशेषज्ञ बताते हैं कि जलाभिषेक से कई सालों का पूजा अर्चना का पुण्य व्यक्ति को मिलता है। इसलिए अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने अलवर के त्रिपोलिया मंदिर में पहुंचकर रूद्राक्ष से रुद्राभिषेक किया। लाखों रुद्राक्ष से कई घंटों तक अभिषेक किया गया और रुद्राक्ष को अभिषेक के बाद प्रसाद के रूप में लोगों को बांटा गया यह प्रक्रिया लगातार जारी है।


Conclusion:अलवर के विशेष शास्त्री पंडितों की तरफ से पूजा अर्चना करके यह पूरा अभिषेक कराया गया। इसमें अलवर के गणमान्य लोग सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बाबा बालक नाथ ने कहा किस तरह के आयोजन शहर में होते रहने चाहिए। इन आयोजनों से शहर का वातावरण बेहतर रहता है व लोगों को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी पंडितों को दक्षणां दी व उनका सम्मान किया।
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